दीवान अस्पताल की सिल्वर जुबली पर सीएमई का आयोजन
लुधियाना:16 सितम्बर 2013:(रेक्टर कथूरिया//पंजाब स्क्रीन): कोई वक्त था जब पंजाब की हवा में बारूद की बू नहीं फैली थी। यहाँ गोलियां और बम नहीं चलते थे। यहाँ चरखे को घूक होती थी एक दुसरे पर मर मिटने की प्रेम भरी भावना। यह सब कहने की बात नहीं सब हकीकत में होता था। लुधियाना के सरगर्म सियासतदानों की पहली पंक्ति के लोगों में शुमार होता था स्वतन्त्रता संग्राम में अतुल्य योगदान देने वाले दीवान जगदीश चन्द् का। सुबह उठ कर कम से कम दो घंटे योग साधना में लगाने और फिर जुट जाना लोक सेवा में यही था उनका दैनिक रूटीन। दरवाज़े पर कोई भी आ गया उसकी मदद करते वक्त उन्होंने कभी दो बार नहीं सोचा।करीब 96 वर्ष में सन सं 2010 ० की 9 जनवरी को उनके चल बसने के बाद इस ड्यूटी को सम्भाला उनके बेटे नरोतम दीवान ने। पैसे की कमी के चलते उन्होंने भी कभी किसी मरीज़ को अपने अस्पताल से नहीं लौटाया। आज उसी अस्पताल में एक विशेष आयोजन था। इस विशेष आयोजन में ही पता चला कि दक्षिणी भारत के मुकाबले पंजाब के लोगों में पित्ते की पथरी का रोग ज्यादा पाया जा रहा है। इसकी सबसे बड़ी है कि पंजाब के खानपान में दूध, फैट व तले हुए सामान की मात्रा का कुछ अधिक होना जबकि साउथ में ज्यादातर खाने में इमली का सेवन होता है। इमली पित्ते को जल्दी जल्दी खाली करके उसमें पथरी बनने के खतरे को घटाती है। दीवान अस्पताल की सिल्वर जुबली पर होटल ए में आयोजित सीएमई(कंटीन्यू मेडिकल एजूकेशन) प्रोग्राम के दौरान डॉ.नरोत्तम दीवान ने यह जानकारी दी।
डॉ.दीवान ने बताया कि 40 साल की उम्र के बाद आठ फीसदी लोगों में पित्ते की पथरी की समस्या पाई जाती है। महिलाओं में इसका खतरा पुरुषों के मुकाबले 20 गुणा ज्यादा है। सीएमई के दौरान डॉ.दीवान ने पित्ते की पथरी की सभी कांप्लीकेशन मसलन गालब्लेडर में सोजिश, क्रोनिक इंफेक्शन, गालब्लेडर में पस पडऩे व आब्ट्रक्टिव जॉंडिस के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पित्ते की पथरी में किसी व्यक्ति में उक्त कांप्लीकेशन आ जाएं तो उसे सेफ करने के लिए तुरंत सर्जरी के लिए कहा जाता है।
इस मौके डॉ.दीवान ने पेट दर्द से जुड़ी बीमारियों के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि पेट दर्द को हलके में नहीं लेना चाहिए, क्योंकि यह सामान्य दर्द के साथ-साथ गंभीर बीमारियों की आहट भी होता है। आमतौर पर पेट दर्द अब्डॉमन के भीतर के अंगों में प्राब्लम से होता है, लेकिन कई बार यह रेफरड पेन भी हो सकता है, जो हार्ट अटैक, निमोनिया, डायबीटिज केटोसीडोसिस व डिस्क प्राब्लम की निशानी भी होता है। समय रहते जांच करा लेने व जल्दी सर्जिकल प्रक्रिया होने से खतरे को भी घटाया जा सकता है। लेकिन इसके लिए आम लोगों व क्लीनिशयंस को पेट के दर्द से जुड़ी कांप्लीकेशन व बीमारियों के बारे में पता होना चाहिए। इस मौके यूरोलोजिस्ट डॉ.अतुल मित्तल ने प्रोस्टेट डीजिज व किडनी स्टोन को छोटे कट के जरिए निकालने के बारे में जानकारी दी। उन्होंने पीसीएनएल सर्जरी में छोटे से कट से बड़े किडनी स्टोन को रिमूव करने को टेक्निकल डेमो भी दिया।
इस मौके अस्पताल की डायरेक्टर डॉ.नीता दीवान ने स्वर्गीय स्वतंत्रता सेनानी दीवान जगदीश चंद्र की याद में चार बेड का चेरिटेबल वार्ड शुरू करने की घोषणा भी की। उन्होंने बताया कि पहले दीवान अस्पताल की ओर से एक गरीब मरीजों के लिए एक महीने तक चलने वाले सर्जिकल कैंप लगाए जाते थे, लेकिन अब स्थायी तौर पर चार बेड का चेरिटेबल वार्ड ही बना दिया गया है, जिसमें गरीब मरीजों का रियायती इलाज होगा।
डॉ.नरोत्तम दीवान से सम्पर्क करने के लिए उनका मोबाईल नंबर है;--98145-09502
लुधियाना:16 सितम्बर 2013:(रेक्टर कथूरिया//पंजाब स्क्रीन): कोई वक्त था जब पंजाब की हवा में बारूद की बू नहीं फैली थी। यहाँ गोलियां और बम नहीं चलते थे। यहाँ चरखे को घूक होती थी एक दुसरे पर मर मिटने की प्रेम भरी भावना। यह सब कहने की बात नहीं सब हकीकत में होता था। लुधियाना के सरगर्म सियासतदानों की पहली पंक्ति के लोगों में शुमार होता था स्वतन्त्रता संग्राम में अतुल्य योगदान देने वाले दीवान जगदीश चन्द् का। सुबह उठ कर कम से कम दो घंटे योग साधना में लगाने और फिर जुट जाना लोक सेवा में यही था उनका दैनिक रूटीन। दरवाज़े पर कोई भी आ गया उसकी मदद करते वक्त उन्होंने कभी दो बार नहीं सोचा।करीब 96 वर्ष में सन सं 2010 ० की 9 जनवरी को उनके चल बसने के बाद इस ड्यूटी को सम्भाला उनके बेटे नरोतम दीवान ने। पैसे की कमी के चलते उन्होंने भी कभी किसी मरीज़ को अपने अस्पताल से नहीं लौटाया। आज उसी अस्पताल में एक विशेष आयोजन था। इस विशेष आयोजन में ही पता चला कि दक्षिणी भारत के मुकाबले पंजाब के लोगों में पित्ते की पथरी का रोग ज्यादा पाया जा रहा है। इसकी सबसे बड़ी है कि पंजाब के खानपान में दूध, फैट व तले हुए सामान की मात्रा का कुछ अधिक होना जबकि साउथ में ज्यादातर खाने में इमली का सेवन होता है। इमली पित्ते को जल्दी जल्दी खाली करके उसमें पथरी बनने के खतरे को घटाती है। दीवान अस्पताल की सिल्वर जुबली पर होटल ए में आयोजित सीएमई(कंटीन्यू मेडिकल एजूकेशन) प्रोग्राम के दौरान डॉ.नरोत्तम दीवान ने यह जानकारी दी।
डॉ.दीवान ने बताया कि 40 साल की उम्र के बाद आठ फीसदी लोगों में पित्ते की पथरी की समस्या पाई जाती है। महिलाओं में इसका खतरा पुरुषों के मुकाबले 20 गुणा ज्यादा है। सीएमई के दौरान डॉ.दीवान ने पित्ते की पथरी की सभी कांप्लीकेशन मसलन गालब्लेडर में सोजिश, क्रोनिक इंफेक्शन, गालब्लेडर में पस पडऩे व आब्ट्रक्टिव जॉंडिस के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पित्ते की पथरी में किसी व्यक्ति में उक्त कांप्लीकेशन आ जाएं तो उसे सेफ करने के लिए तुरंत सर्जरी के लिए कहा जाता है।
इस मौके डॉ.दीवान ने पेट दर्द से जुड़ी बीमारियों के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि पेट दर्द को हलके में नहीं लेना चाहिए, क्योंकि यह सामान्य दर्द के साथ-साथ गंभीर बीमारियों की आहट भी होता है। आमतौर पर पेट दर्द अब्डॉमन के भीतर के अंगों में प्राब्लम से होता है, लेकिन कई बार यह रेफरड पेन भी हो सकता है, जो हार्ट अटैक, निमोनिया, डायबीटिज केटोसीडोसिस व डिस्क प्राब्लम की निशानी भी होता है। समय रहते जांच करा लेने व जल्दी सर्जिकल प्रक्रिया होने से खतरे को भी घटाया जा सकता है। लेकिन इसके लिए आम लोगों व क्लीनिशयंस को पेट के दर्द से जुड़ी कांप्लीकेशन व बीमारियों के बारे में पता होना चाहिए। इस मौके यूरोलोजिस्ट डॉ.अतुल मित्तल ने प्रोस्टेट डीजिज व किडनी स्टोन को छोटे कट के जरिए निकालने के बारे में जानकारी दी। उन्होंने पीसीएनएल सर्जरी में छोटे से कट से बड़े किडनी स्टोन को रिमूव करने को टेक्निकल डेमो भी दिया।
इस मौके अस्पताल की डायरेक्टर डॉ.नीता दीवान ने स्वर्गीय स्वतंत्रता सेनानी दीवान जगदीश चंद्र की याद में चार बेड का चेरिटेबल वार्ड शुरू करने की घोषणा भी की। उन्होंने बताया कि पहले दीवान अस्पताल की ओर से एक गरीब मरीजों के लिए एक महीने तक चलने वाले सर्जिकल कैंप लगाए जाते थे, लेकिन अब स्थायी तौर पर चार बेड का चेरिटेबल वार्ड ही बना दिया गया है, जिसमें गरीब मरीजों का रियायती इलाज होगा।
डॉ.नरोत्तम दीवान से सम्पर्क करने के लिए उनका मोबाईल नंबर है;--98145-09502
1 comment:
Thankyou sir, for posting about CME on gall stone disease and pain abdomen. These are serious problems which must get proper attention and if not dealt with properly can become life threatening.Gall stone surgery at Dewan Hospital and Advanced Laparoscopic Surgery Center is the commonest and most popular surgery. We have undertaken thousands of these surgeries and with the grace of God, no major complication has ever happened because of proper protocol.
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