100 सरकारी स्कूलों में यह स्कीम पहली सितम्बर से बंद?
कपूरथला 04 अगस्त 2013:(पंजाब स्क्रीन ब्यूरो): फंड की कमी के चलते मीडिया में काफी दिनों से व्यक्त हो रही आशका के चलते पंजाब में मिड-दे-मील को बंद किये जाने की शुरुआत गई है। इस दुखद शुरुआत की पहली खबर सुनने में आई है कपूरतला जिले से जहाँ मिड डे मिल स्कीम के तहत स्कूली बच्चों को मिलने वाले भोजन को बंद क्र दिया गया है। चर्चा के मुताबिक इस योजना को पंजाब सरकार ने फंड नहीं मिलने के कारण एक सितंबर से बंद कर दिया है। इसे बंद करने से हजारों बच्चों से दोपहर का भोजन छिन गया है। यह भोजन उनके जीवन की ऊर्जा थी।
गौरतलब है कि इस जिले में 50 हजार से भी अधिक बच्चों को मिड-डे मिल स्कीम के तहत भोजन दिया जाता था। इस सारी योजना पर प्रतिमाह 40 लाख रुपये का खर्च भी आ रहा था। प्रथम कक्षा से लेकर आठवीं कक्षा तक के बच्चों को इस योजना से फायदा मिल रहा था। भोजन और शिक्षा मिलने से राज्य के बच्चे एक सुनहरी भविष्य का निर्माण कर रहे थे पर यह सपना अब अधूरा रह गया लगता है।
इस योजना को बंद किये जाने की पुष्टि करते हुए जिला शिक्षा अधिकारी एलीमेंट्री कार्यालय स्थित मिड डे मिल स्कीम के मैनेजर सोमनाथ होशियारपुरी ने कहा कि जिले में कुल 566 सरकारी स्कूलों में बच्चों को मिड डे मिल स्कीम के तहत भोजन दिया जाता है पर अब इनमें से लगभग 100 सरकारी स्कूलों में बीते एक सितंबर से मिड डे मिल स्कीम बंद कर दी गई है।
इस तरह अब इस समय केवल 466 सरकारी स्कूलों में ही यह स्कीम चल रही है। उन्होंने कहा कि जुलाई महीने से पंजाब सरकार ने मिड डे मिल के लिए फंड भेजना बंद कर दिया। सुल्तानपुर लोधी के ब्लाक वन व टू में तो बिल्कुल मिड डे मील बंद हो गया है। किसी भी स्कूल में बच्चों को दोपहर को खाना नहीं मिल रहा है।
इसी सम्बन्ध में यह पूछने पर कि अगर जुलाई महीने से सरकार ने फंड ही बंद कर दिया है तो फिर इन स्कूलों में खाना कैसे बनता रहा तो जवाब में सोमनाथ ने गंभीरता से बताया कि जिन दुकानों से भोजन का सामान आता है, उन लोगों को बता दिया गया है कि पंजाब सरकार के पास नए बजट के लिए लिख कर भेज दिया गया है। बजट आते है, उन लोगों की बकाया राशि का भुगतान कर दिया जाएगा। इस समय करीब 30 लाख रुपये का बकाया मिड-डे मिल स्कीम के तहत विभाग पर पेंडिंग है।
दूसरी तरफ जिलाधीश दलजीत सिंह मांगट ने इससे इनकार करते हुए मिड डे मील बंद होने संबंधी कोई जानकारी न होने की बात कही। उन्होंने कहा कि पता करने के बाद ही कुछ कहा सकूंगा। इस मामले में अन्य सबंधित अधिकारीयों से सम्पर्क के प्रयास नाकाम रहे। अब देखना यह है की सरकार इसे बंद ही रखती है या फिर इसे दोबारा शुरू करने का कोई रास्ता निकलती है।
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गौरतलब है कि इस जिले में 50 हजार से भी अधिक बच्चों को मिड-डे मिल स्कीम के तहत भोजन दिया जाता था। इस सारी योजना पर प्रतिमाह 40 लाख रुपये का खर्च भी आ रहा था। प्रथम कक्षा से लेकर आठवीं कक्षा तक के बच्चों को इस योजना से फायदा मिल रहा था। भोजन और शिक्षा मिलने से राज्य के बच्चे एक सुनहरी भविष्य का निर्माण कर रहे थे पर यह सपना अब अधूरा रह गया लगता है।
इस योजना को बंद किये जाने की पुष्टि करते हुए जिला शिक्षा अधिकारी एलीमेंट्री कार्यालय स्थित मिड डे मिल स्कीम के मैनेजर सोमनाथ होशियारपुरी ने कहा कि जिले में कुल 566 सरकारी स्कूलों में बच्चों को मिड डे मिल स्कीम के तहत भोजन दिया जाता है पर अब इनमें से लगभग 100 सरकारी स्कूलों में बीते एक सितंबर से मिड डे मिल स्कीम बंद कर दी गई है।
इस तरह अब इस समय केवल 466 सरकारी स्कूलों में ही यह स्कीम चल रही है। उन्होंने कहा कि जुलाई महीने से पंजाब सरकार ने मिड डे मिल के लिए फंड भेजना बंद कर दिया। सुल्तानपुर लोधी के ब्लाक वन व टू में तो बिल्कुल मिड डे मील बंद हो गया है। किसी भी स्कूल में बच्चों को दोपहर को खाना नहीं मिल रहा है।
इसी सम्बन्ध में यह पूछने पर कि अगर जुलाई महीने से सरकार ने फंड ही बंद कर दिया है तो फिर इन स्कूलों में खाना कैसे बनता रहा तो जवाब में सोमनाथ ने गंभीरता से बताया कि जिन दुकानों से भोजन का सामान आता है, उन लोगों को बता दिया गया है कि पंजाब सरकार के पास नए बजट के लिए लिख कर भेज दिया गया है। बजट आते है, उन लोगों की बकाया राशि का भुगतान कर दिया जाएगा। इस समय करीब 30 लाख रुपये का बकाया मिड-डे मिल स्कीम के तहत विभाग पर पेंडिंग है।
दूसरी तरफ जिलाधीश दलजीत सिंह मांगट ने इससे इनकार करते हुए मिड डे मील बंद होने संबंधी कोई जानकारी न होने की बात कही। उन्होंने कहा कि पता करने के बाद ही कुछ कहा सकूंगा। इस मामले में अन्य सबंधित अधिकारीयों से सम्पर्क के प्रयास नाकाम रहे। अब देखना यह है की सरकार इसे बंद ही रखती है या फिर इसे दोबारा शुरू करने का कोई रास्ता निकलती है।
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