लगता है हमारा राष्ट्र दूसरा है और सोनी सोरी का दूसरा !
अब जब कल स्वतन्त्रता दिवस पर सरकारी डयूटी करके थके मांदे सरकारी मुलाजिम कल फिर ड्यूटी देने के लिए आज कर रहे होंगें तो गांधीवादी नेता हिमांशु कुमार अर्थात Himanshu Kumar ने फिर कुछ कड़वे सत्य सामने रख कर उनके दिलो-दिमाग को आंदोलित कर दिया है। हिमांशु लिखते हैं :सोनी को थाने में पीटते समय और बिजली के झटके देते समय एसपी अंकित गर्ग सोनी से यही तो जिद कर रहा था कि सोनी एक झूठा कबूलनामा लिख कर दे दे जिसमे वो यह लिखे कि अरुंधती राय , स्वामी अग्निवेश , कविता श्रीवास्तव , नंदिनी सुंदर , हिमांशु कुमार, मनीष कुंजाम और उसका वकील सब नक्सली हैं !
सोनी सोरी की कहानी सुनो
काले झंडे को उतार कर तिरंगा फहराने वाली उस आदिवासी लड़की की बेबसी किसी को नजर नहीं आएगी? क्या इस आदिवासी अध्यापिका को हर द्रोपदी की तरह नंगा किया जाता रहेगा ? क्या किसी कृष्ण तक नहीं पहुँच प् रही इस अबला की पुकार ? हम देवी के 9 रूपों की पूजा करने वाले एक धार्मिक देश में ही रहते हैं या कहीं और? क्या यह समाज पूरी तरह कौरव प्रधान हो गया है?--यहाँ सत्य की आवाज़ सुनने वाले अब नहीं रहे क्या? नक्सलियों से लड़ कर अपने स्कूल पर फहराए गये काले झंडे को उतार कर तिरंगा फहराने वाली उस आदिवासी लड़की का आखिर कसूर क्या है ? स्वतन्त्रता दिवस के मौके पर आखिर कोई तो बताये ! ----रेक्टर कथूरिया
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