14-अगस्त-2013 16:44 IST
स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर शामिल किया जायेगा यह विषय
आखिरकार साईबर सुरक्षा का मामला कालेज के सिलेबस तक पहुँच ही गया। इस क्षेत्र में बार बार लग दिन हो रही हैकिंग से यह सब सुनिशिचित सा ही था। पत्र सूचना कार्यालय के मुताबिक विश्वविद्यालय अनुदान आयोग तथा अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद्(एआईसीटीई) ने विश्वविद्यालयों और तकनीकी संस्थानों से कहा है कि वे साइबर सुरक्षा तथा सूचना सुरक्षा को विषय के रूप में स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर लागू करें।
डॉ. शशिथरूर ने लोकसभा में कहा कि सुरक्षा पर कैबिनेट कमेटी के निर्देश पर राष्ट्रीय सुरक्षा प्रणाली पर बने कार्यबल की सिफारिशों के आधार पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से आग्रह किया है किवे विश्वविद्यालयों तथा तकनीकी संस्थानों में स्नातक तथा स्नातकोत्तर स्तर पर साइबर सुरक्षा/सूचना सुरक्षा को विषय के रूप में लागू करें। एआईसीटीई ने कहा है किकार्यबल की सिफारिशों के बाद एप्रूवल हैंडबुक में यह प्रावधान है किस्नातकोत्तर तथा पोस्ट डिप्लोमा स्तर पर दो आवंटित प्रभागों में से एक में कंप्यूटर/इंजीनियरिंग की आईटी शाखा/टैक्नोलॉजी में साइबर सुरक्षा तथा साइबर सुरक्षा से संबंधित पाठ्यक्रम होगा।
इस महत्वपूर्ण क्षेत्र के पाठ्यक्रम 15 राज्यों तथा एक केन्द्र शासित क्षेत्र में 34 संस्थानों में शुरू किए गए हैं।
यह जानकारी आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री डॉ. शशिथरूर ने दी।
वि.कासोटिया/इ.अहमद/गांधी/मनीषा—5624
स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर शामिल किया जायेगा यह विषय
दोनों तस्वीरें इंदोर पुलिस से साभार |
डॉ. शशिथरूर ने लोकसभा में कहा कि सुरक्षा पर कैबिनेट कमेटी के निर्देश पर राष्ट्रीय सुरक्षा प्रणाली पर बने कार्यबल की सिफारिशों के आधार पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से आग्रह किया है किवे विश्वविद्यालयों तथा तकनीकी संस्थानों में स्नातक तथा स्नातकोत्तर स्तर पर साइबर सुरक्षा/सूचना सुरक्षा को विषय के रूप में लागू करें। एआईसीटीई ने कहा है किकार्यबल की सिफारिशों के बाद एप्रूवल हैंडबुक में यह प्रावधान है किस्नातकोत्तर तथा पोस्ट डिप्लोमा स्तर पर दो आवंटित प्रभागों में से एक में कंप्यूटर/इंजीनियरिंग की आईटी शाखा/टैक्नोलॉजी में साइबर सुरक्षा तथा साइबर सुरक्षा से संबंधित पाठ्यक्रम होगा।
इस महत्वपूर्ण क्षेत्र के पाठ्यक्रम 15 राज्यों तथा एक केन्द्र शासित क्षेत्र में 34 संस्थानों में शुरू किए गए हैं।
यह जानकारी आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री डॉ. शशिथरूर ने दी।
वि.कासोटिया/इ.अहमद/गांधी/मनीषा—5624
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