14-अगस्त-2013 20:27 IST
प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह करेंगे राष्ट्र को संबोधित
प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह 67वीं स्वतंत्रता दिवस के मौके पर 15 अगस्त 2013 को लालकिले की प्राचीर से राष्ट्रीय झंडा फहरायेंगे। तिरंगा फहराने के बाद प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह राष्ट्र को संबोधित करेंगे।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के लालकिले के लाहौरी गेट पहुंचने पर उनकी अगुवाई रक्षामंत्री श्री ए. के. एंटनी, रक्षा राज्य मंत्री श्री जितेन्द्र सिंह और रक्षा सचिव श्री आर. के. माथुर करेंगे। रक्षा सचिव, प्रधानमंत्री से जनरल ऑफीसर कमांडिंग-जीओसी, दिल्ली क्षेत्र, लेफ्टिनेट जनरल सुब्रतो मित्रा का परिचय करायेंगे। इसके बाद जीओसी प्रधानमंत्री को सलामी मंच तक ले जाएंगे, जहां कंबाइंड इंटर सर्विसेज और पुलिस गार्ड प्रधानमंत्री को सलामी देंगे। इसके बाद डॉ. मनमोहन सिंह गार्ड ऑफ ऑनर का निरीक्षण करेंगे।
प्रधानमंत्री के गार्ड ऑफ ऑनर में थलसेना, नौसेना, वायुसेना और दिल्ली पुलिस में से प्रत्येक से एक अधिकारी और 24 जवान शामिल होंगे।
कार्यक्रम की जिम्मेदारी इस साल वायुसेना को दिये जाने के कारण गार्ड ऑफ ऑनर का संचालन वायुसेना के विंग कमांडर के श्रीनिवासन करेंगे। कार्यक्रम में थलसेना की अगुवाई मद्रास रेजिमेंट के कैप्टन निशांत कुमार विवेक, नौसेना की अगुवाई लेफ्टिनेट कमांडर वाई. हेमंत कुमार, वायुसेना की अगुवाई स्क्वाड्रन सिद्धार्थ साठे और दिल्ली पुलिस की अगुवाई एसीपी संतोष कुमार मीणा करेंगे।
प्रधानमंत्री की सुरक्षा में तैनात थलसेना का दल मद्रास रेजिमेंट के 28वें बटालियन को भेजा गया है। अपनी सेवा की शानदार 37 साल पूरी कर चुके इस बटालियन की स्थापना ऊटी में वैलिंग्टन के पास ग्वाहाँ हिल पर 1 जुलाई 1976 को हुई थी। नगालैंड में इस बटालियन के जवानों के बहादुरी के कारनामे देखते हुए इसे द डेयरिंग नाम दिया गया था। यह बटालियन पूरी क्षमता के साथ सभी तरह के वातावरण में काम कर चुका है वह चाहे ऊंचाई वाली जगह हो या नियंत्रण रेखा या फिर उग्रवाद या आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई। ऑपरेशन रक्षक और ऑपरेशन विजय (जम्मू कश्मीर) के दौरान जबरदस्त प्रदर्शन के लिए इस बटालियन को जनरल ऑफीसर कमांडिंग इन चीफ, उत्तरी कमान से नवाजा गया।
इस बटालियन के जवानों को एक वीर चक्र, तीन एवीएसएम, तीन शौर्य चक्र, 15 सेना पदक, तीन विशिष्ट सेवा पदक सहित कई अन्य पुरस्कारों से नवाजा गया। जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पास सफल कार्यकाल बिताने के बाद बटालियन को नई दिल्ली लाया गया जो राष्ट्रपति भवन, इंडिया गेट और लालकिला सहित विभिन्न समारोहों के संचालन के जिम्मेदारी निभाता है।
गार्ड ऑफ ऑनर का निरीक्षण करने के बाद प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह लालकिला की प्राचीर की ओर बढ़ेंगे जहां रक्षामंत्री, रक्षा राज्य मंत्री, सैन्य प्रमुख जनरल बिक्रम सिंह, नौसेना प्रमुख (कार्यवाहक) वाईस एडमिरल आर. के. धोवान और वायु सेना अध्यक्ष एयर चीफ मार्शल एन ए के ब्राउन स्वागत करेंगे। फिर जीओसी दिल्ली क्षेत्र, प्रधानमंत्री को राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए मंच तक ले जाएंगे।
तिरंगा फहराने के साथ ही राष्ट्रीय ध्वज को 871 फिल्ड रेजिमेंट की ओर से 21 तोपों की सलामी दी जाएगी। प्रधानमंत्री के राष्ट्रीय ध्वज फहराने के वक्त थल सेना, नौसेना, वायुसेना और दिल्ली पुलिस में प्रत्येक से 32 जवानों और एक अफसर से लैश राष्ट्रीय ध्वज गार्ड तिरंगा को राष्ट्रीय सलामी देंगे। इस इंटर सर्विसेज गार्ड और पुलिस गार्ड की कमान वायुसेना के विंगकमांडर आशीष शर्मा संभालेंगे। नौसेना दल की कमान लेफ्टिनेट कमांडर पुष्पजीत ओझा, थलसेना दल की कमान मेजर प्रमोद कुमार एमवी, वायु सेना दल की कमान स्क्वाड्रन लीडर नीरज सारस्वत और दिल्ली पुलिस की दल के कमान अतिरिक्त डीसीपी डॉ. ए कोवान संभालेंगे।
तिरंगा झंडा फहरते वक्त राष्ट्रीय ध्वज गार्ड द्वारा राष्ट्रीय सलामी देते वक्त वायुसेना का दल राष्ट्रीय गान की धुन बजायेगा। इस दल की कमान वारंट ऑफीसर अल्फ्रेड संभालेंगे। वायु सेना के दो अधिकारी फ्लाइट लेफ्टिनेट अजित कुमार और फ्लाइंग ऑफीसर नाजीव कुमार, प्रधानमंत्री को सलामी देने वाले मंच के दोनों तरफ तैनात रहेंगे।
राष्ट्रीय ध्वज गार्ड के लिए सैन्य दल मद्रास रेजिमेंट के 27वें बटालियन से लिया गया। 42 सालों तक शानदार सेवा देने वाले इस बटालियन की स्थापना ऊटी के नजदीक वेलिंग्टन में ग्वाहा हिल के पास 01 जून 1971 को हुई थी। तब से यह बटालियन पूरी क्षमता के साथ सभी तरह के वातावरण में काम कर चुका है वह चाहे ऊच्चाई वाली जगह हो या नियंत्रण रेखा या फिर उग्रवाद या आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई। यह बटालियन सितंबर 1990 से जनवरी 1994 तक राष्ट्रपति भवन को भी सेवा दे चुका है। अपनी स्थापना के 42 साल की छोटी अवधि में बटालियन को एक शौर्य चक्र, चार सेना पदक, एक विशिष्ट सेवा पदक, एक जीवन रक्षक पदक सहित कई अहम पुरस्कार से नवाजा गया है।
लालकिला की प्राचीर से राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराने के बाद प्रधानमंत्री राष्ट्र को संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री के संबोधन के बाद स्कूली बच्चे और एनसीसी कैडिट राष्ट्रीय गान गायेंगे।
इस साल ध्वजारोहण समारोह में दिल्ली निदेशालय से एनसीसी के सात सौ कैडिट शामिल होंगे, जिनमें थल सेना, नौसेना और वायुसेना की शाखाएं भी शामिल हैं। इसके अलावा, उत्तरी, पूर्वी, मध्य और पूर्वोत्तर क्षेत्रों के 36 सरकारी स्कूलों से तीन हजार पाँच सौ छात्राएं शामिल होंगी। इस मौके पर यह छात्राएं मानव श्रृंखला से राष्ट्रीय ध्वज का प्रतिरूप प्रदर्शित करेंगे। (PIB)
वि.कासोटिया/अनिल/मनोज—5638
प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह करेंगे राष्ट्र को संबोधित
प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह 67वीं स्वतंत्रता दिवस के मौके पर 15 अगस्त 2013 को लालकिले की प्राचीर से राष्ट्रीय झंडा फहरायेंगे। तिरंगा फहराने के बाद प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह राष्ट्र को संबोधित करेंगे।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के लालकिले के लाहौरी गेट पहुंचने पर उनकी अगुवाई रक्षामंत्री श्री ए. के. एंटनी, रक्षा राज्य मंत्री श्री जितेन्द्र सिंह और रक्षा सचिव श्री आर. के. माथुर करेंगे। रक्षा सचिव, प्रधानमंत्री से जनरल ऑफीसर कमांडिंग-जीओसी, दिल्ली क्षेत्र, लेफ्टिनेट जनरल सुब्रतो मित्रा का परिचय करायेंगे। इसके बाद जीओसी प्रधानमंत्री को सलामी मंच तक ले जाएंगे, जहां कंबाइंड इंटर सर्विसेज और पुलिस गार्ड प्रधानमंत्री को सलामी देंगे। इसके बाद डॉ. मनमोहन सिंह गार्ड ऑफ ऑनर का निरीक्षण करेंगे।
प्रधानमंत्री के गार्ड ऑफ ऑनर में थलसेना, नौसेना, वायुसेना और दिल्ली पुलिस में से प्रत्येक से एक अधिकारी और 24 जवान शामिल होंगे।
कार्यक्रम की जिम्मेदारी इस साल वायुसेना को दिये जाने के कारण गार्ड ऑफ ऑनर का संचालन वायुसेना के विंग कमांडर के श्रीनिवासन करेंगे। कार्यक्रम में थलसेना की अगुवाई मद्रास रेजिमेंट के कैप्टन निशांत कुमार विवेक, नौसेना की अगुवाई लेफ्टिनेट कमांडर वाई. हेमंत कुमार, वायुसेना की अगुवाई स्क्वाड्रन सिद्धार्थ साठे और दिल्ली पुलिस की अगुवाई एसीपी संतोष कुमार मीणा करेंगे।
प्रधानमंत्री की सुरक्षा में तैनात थलसेना का दल मद्रास रेजिमेंट के 28वें बटालियन को भेजा गया है। अपनी सेवा की शानदार 37 साल पूरी कर चुके इस बटालियन की स्थापना ऊटी में वैलिंग्टन के पास ग्वाहाँ हिल पर 1 जुलाई 1976 को हुई थी। नगालैंड में इस बटालियन के जवानों के बहादुरी के कारनामे देखते हुए इसे द डेयरिंग नाम दिया गया था। यह बटालियन पूरी क्षमता के साथ सभी तरह के वातावरण में काम कर चुका है वह चाहे ऊंचाई वाली जगह हो या नियंत्रण रेखा या फिर उग्रवाद या आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई। ऑपरेशन रक्षक और ऑपरेशन विजय (जम्मू कश्मीर) के दौरान जबरदस्त प्रदर्शन के लिए इस बटालियन को जनरल ऑफीसर कमांडिंग इन चीफ, उत्तरी कमान से नवाजा गया।
इस बटालियन के जवानों को एक वीर चक्र, तीन एवीएसएम, तीन शौर्य चक्र, 15 सेना पदक, तीन विशिष्ट सेवा पदक सहित कई अन्य पुरस्कारों से नवाजा गया। जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पास सफल कार्यकाल बिताने के बाद बटालियन को नई दिल्ली लाया गया जो राष्ट्रपति भवन, इंडिया गेट और लालकिला सहित विभिन्न समारोहों के संचालन के जिम्मेदारी निभाता है।
गार्ड ऑफ ऑनर का निरीक्षण करने के बाद प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह लालकिला की प्राचीर की ओर बढ़ेंगे जहां रक्षामंत्री, रक्षा राज्य मंत्री, सैन्य प्रमुख जनरल बिक्रम सिंह, नौसेना प्रमुख (कार्यवाहक) वाईस एडमिरल आर. के. धोवान और वायु सेना अध्यक्ष एयर चीफ मार्शल एन ए के ब्राउन स्वागत करेंगे। फिर जीओसी दिल्ली क्षेत्र, प्रधानमंत्री को राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए मंच तक ले जाएंगे।
तिरंगा फहराने के साथ ही राष्ट्रीय ध्वज को 871 फिल्ड रेजिमेंट की ओर से 21 तोपों की सलामी दी जाएगी। प्रधानमंत्री के राष्ट्रीय ध्वज फहराने के वक्त थल सेना, नौसेना, वायुसेना और दिल्ली पुलिस में प्रत्येक से 32 जवानों और एक अफसर से लैश राष्ट्रीय ध्वज गार्ड तिरंगा को राष्ट्रीय सलामी देंगे। इस इंटर सर्विसेज गार्ड और पुलिस गार्ड की कमान वायुसेना के विंगकमांडर आशीष शर्मा संभालेंगे। नौसेना दल की कमान लेफ्टिनेट कमांडर पुष्पजीत ओझा, थलसेना दल की कमान मेजर प्रमोद कुमार एमवी, वायु सेना दल की कमान स्क्वाड्रन लीडर नीरज सारस्वत और दिल्ली पुलिस की दल के कमान अतिरिक्त डीसीपी डॉ. ए कोवान संभालेंगे।
तिरंगा झंडा फहरते वक्त राष्ट्रीय ध्वज गार्ड द्वारा राष्ट्रीय सलामी देते वक्त वायुसेना का दल राष्ट्रीय गान की धुन बजायेगा। इस दल की कमान वारंट ऑफीसर अल्फ्रेड संभालेंगे। वायु सेना के दो अधिकारी फ्लाइट लेफ्टिनेट अजित कुमार और फ्लाइंग ऑफीसर नाजीव कुमार, प्रधानमंत्री को सलामी देने वाले मंच के दोनों तरफ तैनात रहेंगे।
राष्ट्रीय ध्वज गार्ड के लिए सैन्य दल मद्रास रेजिमेंट के 27वें बटालियन से लिया गया। 42 सालों तक शानदार सेवा देने वाले इस बटालियन की स्थापना ऊटी के नजदीक वेलिंग्टन में ग्वाहा हिल के पास 01 जून 1971 को हुई थी। तब से यह बटालियन पूरी क्षमता के साथ सभी तरह के वातावरण में काम कर चुका है वह चाहे ऊच्चाई वाली जगह हो या नियंत्रण रेखा या फिर उग्रवाद या आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई। यह बटालियन सितंबर 1990 से जनवरी 1994 तक राष्ट्रपति भवन को भी सेवा दे चुका है। अपनी स्थापना के 42 साल की छोटी अवधि में बटालियन को एक शौर्य चक्र, चार सेना पदक, एक विशिष्ट सेवा पदक, एक जीवन रक्षक पदक सहित कई अहम पुरस्कार से नवाजा गया है।
लालकिला की प्राचीर से राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराने के बाद प्रधानमंत्री राष्ट्र को संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री के संबोधन के बाद स्कूली बच्चे और एनसीसी कैडिट राष्ट्रीय गान गायेंगे।
इस साल ध्वजारोहण समारोह में दिल्ली निदेशालय से एनसीसी के सात सौ कैडिट शामिल होंगे, जिनमें थल सेना, नौसेना और वायुसेना की शाखाएं भी शामिल हैं। इसके अलावा, उत्तरी, पूर्वी, मध्य और पूर्वोत्तर क्षेत्रों के 36 सरकारी स्कूलों से तीन हजार पाँच सौ छात्राएं शामिल होंगी। इस मौके पर यह छात्राएं मानव श्रृंखला से राष्ट्रीय ध्वज का प्रतिरूप प्रदर्शित करेंगे। (PIB)
वि.कासोटिया/अनिल/मनोज—5638
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