ब्रुनेई में पत्रकारों से बात करते हुए सलमान ख़ुर्शीद ने कहा -- इन सबकी रिकार्डिंग करके उन्हें जो जानकारी मिली, उसके बल पर ही उन्होंने कुछ देशों में बड़ी आतंकवादी घटनाओं को होने से रोक दिया।
सलमान ख़ुर्शीद ने कहा कि उनका मतलब निजी सन्देशों की रिकार्डिंग से नहीं, बल्कि उस कम्प्यूटर-विश्लेषण से है, जो आम सन्देशों और फ़ोन-कॉलों के सिलसिले में किया जाता है।
सलमान ख़ुर्शीद की यह बात भारत के विदेश मन्त्रालय के आरम्भिक नज़रिए से बिल्कुल मेल नहीं खाती क्योंकि बीते जून माह में अमरीकी विदेशमन्त्री से मुलाक़ात करते हुए सलमान ख़ुर्शीद ने कहा था कि निजी जीवन में कोई भी हस्तक्षेप 'स्वीकार नहीं किया जाएगा'।(रेडियो रूस से साभार)
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