29 मई, लुधियाना। कारखाना मजदूर यूनियन, पंजाब, के संयोजक लखविन्दर, टेक्सटाइल हौजरी कामगार यूनियन, पंजाब के अध्यक्ष राजविन्दर, नौजवान भारत सभा के संयोजक छिन्दरापल व स्त्री मुक्ति लीग की नेत्री नमिता ने फरीदकोट अपहरण व बलातकार काण्ड के दोषी निशान सिंह को उम्र कैद व 9 अन्य को 7-7 वर्ष की कैद की सजा सुनाए जाने के अदालती फैसले का स्वागत करते हुए इसे जनसंघर्ष की बड़ी जीत करार दिया है। उन्होंने पीडि़तों को इंसाफ दिलाने के लिए संघर्ष करने वालीं वाले छात्रों, नौजवानों, मकादूरों, किसानों, बुद्धिजीवियों के जनसंगठनों को बधाई दी है। निशान सिंह व अन्य दोषियों को सजाए होना इस बात की पुष्टि है कि लोग जब एकजुट होकर संघर्ष करते हैं तभी वे इंसाफ हासिल कर सकते हैं। 31 दिसम्बर 2012 को संगरूर जिले के नमोल गाँव में अपनी नाबालिग छात्रा के साथ बलातकार करने वाले अध्यापक को उसके राजनीतिक सम्बन्धों के बावजूद लोगों के संघर्ष के कारण 23 मई को उम्र कैद की सजा होना भी इसी बात की मिसाल है। साथ ही उन्होंने कहा कि स्त्रियों के साथ हो रहे अपराधों को रोकने की राह भी जनता में चेतना पैदा करना और एकजुट जन आन्दोलन का निर्माण करना ही हो सकता है।
टेक्सटाइल-हौजरी कामगार यूनियन, पंजाब के अध्यक्ष राजविन्दर ने बताया कि 24 सितम्बर, 2012 को कत्ल, लूट व बलातकार जैसे 22 संगीन अपराधों में शामिल, गुण्डागर्दी के लिए मशहूर, सत्ताधारी अकाली दल के नेताओं से अच्छे सम्बन्ध रखने वाले निशान सिंह व उसके साथियों ने मिल कर नाबालिग लडक़ी को फरीदकोट स्थित उसके घर में से दिन दिहाड़े हथियारों के दम पर अगव कर लिया था और परिवार के सदस्यों की बुरी तरह से मार-पीट की थी। जब दोषियों के राजनीतिक सम्बन्धों के कारण पुलिस ने इस मामले में कोई गम्भीर कार्रवाई न की तो विभिन्न जनसंगठनों के नेतृत्व में बड़ी संख्या में लोग पीडि़त परिवार को इंसाफ दिलाने के लिए आगे आए। जनाक्रोश के आगे झुकी पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 21 अक्टूबर 2012 को गोवा से लडक़ी को बरामद किया और दोषी को गिरफ्तार किया। इसके बाद भी पुलिस ने दोषी का साथ देना नहीं छोड़ा और तरह तरह की साजिशें रचकर देषियों को बचाने में लगी रही। इधर लोगों का गुस्सा बढ़ता गया जो दोषियों को सजा दिलाने के लिए बड़े स्तर पर अन्दोलन के रूप में सामने आया। दो महीने तक फरीदकोट शहर में बड़े स्तर पर धरने-प्रदर्शन होते रहे। आखिर जनसंघर्ष रंग लाया जिस तहत गुजरी 27 मई को मुख्य दोषी निशान सिंह को उम्र कैद और 9 अन्य को 7-7 वर्ष की कैद की सजा हुई जब्कि दस दोषियों को सबूतों की कमी के कारण बरी कर दिया गया। अकाली नेता डिम्पी समरा को भी 7 वर्ष की कैद की सजा सुनाई गई है। बरी किए गए दोषियों को सजा दिलाने के लिए पीडि़त परिवार और संघर्षशील संगठनों ने हाईकोर्ट में केस लडऩे का ऐलान किया है।
लखविन्दर, संयोजक, कारखाना मकादूर यूनियन पंजाब, (फोन नं.-9646150249)
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