28-फरवरी-2013 15:22 IST
उद्देश्य उच्च वृद्धिदर से समावेशी और टिकाऊ विकास हासिल करना
वित्त मंत्री श्री पी चिदंबरम ने कहा है कि वर्ष 2013-14 के आम बजट का उद्देश्य उच्च वृद्धिदर से समावेशी और टिकाऊ विकास हासिल करना है। इस मूल मंत्र के साथ वित्त मंत्री ने महत्वपूर्ण क्षेत्रों में आवंटन बढ़ाने और निवेश एवं बजट के लिए छूट देने तथा राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद के 4.8 प्रतिशत तक बनाये रखने पर बल दिया है।
आज संसद में बजट प्रस्तुत करते हुए वित्त मंत्री ने आशा व्यक्त की कि वैश्विक आर्थिक वृद्धिदर में सुस्त रफ्तार के बावयजूद भारत उच्च आर्थिक वृद्धि हासिल करेगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि उनकी सरकार 2012-13 में राजकोषीय समेकन पर अमल करते हुए राजकोषीय घाटे को 5.2 प्रतिशत रखने में सफल रही है, लेकिन चालू खाते का घाटा बहुत चिंता की बात है, इसलिए विदेशी निवेश को प्रोत्साहन देने का प्रस्ताव किया गया है।
वित्त मंत्री पी. चिदबंरम ने आज संसद में वर्ष 2013-14 का आम बजट पेश करते हुए कहा कि खाद्य सुरक्षा शिक्षा और स्वास्थ्य देख-भाल के समान ही मनुष्य का मूलभूत अधिकार है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक सरकार का एक आश्वासन है। इस विधेयक की संसद में शीघ्र ही पारित होने की उम्मीद है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत संभावित वृद्धि परक लागत के लिए खाद्य सब्सिडी हेतु सामान्य प्रावधान से अलग 10 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रावधान करने की भी उन्होंने घोषणा की है।
वित्त मंत्री ने कहा कि कृषि और संबद्ध क्षेत्र में औसत वृद्धि दर 11वीं योजना के दौरान 3.6 प्रतिशत रही तथा वर्ष 2012-13 के कुल खाद्यान्न उत्पादन 250 मिलियन टन से अधिक होगा। कृषि उत्पाद के न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़़ाये गये है, जिससे किसानों ने अधिक उत्पादन किया है। आज देश दूध, दाल और जूट के क्षेत्र में विश्व का सबसे बड़ा उत्पादक है। अप्रैल से दिसंबर 2012 तक कृषि निर्यात 1,38,403 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य का हुआ है। उन्होंने कृषि मंत्रालय को 27,049 करोड़ रुपये आवंटित करने का प्रस्ताव किया है, जो चालू वर्ष के संशोधित अनुमान से 22 प्रतिशत अधिक है। वित्त मंत्री ने यह भी जानकारी दी कि इस राशि में से 3,415 करोड़ रुपये कृषि अनुसंधान के लिए दिये जाएंगे।
श्री चिदबंरम ने कहा कि कृषि ऋण कृषि उत्पादन की प्रमुख शक्ति है, इसलिए उन्होंने वर्ष 2012-13 के लिए निर्धारित 5,75,000 करोड़ रुपये के लक्ष्य को बढ़ाकर 7 लाख करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव किया है। उन्होंने यह भी बताया कि लघु अवधि के लिए फसली ऋणों के लिए ब्याज माफी योजना जारी रहेगी। समय पर ऋणों का भुगतान करने वाले किसानों को प्रति वर्ष 4 प्रतिशत की दर से ऋण प्रदान किये जाएंगे। अभी तक यह योजना सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों तथा सहकारी बैंकों द्वारा दिये गये ऋणों पर लागू है, जिसके फायदे निजी क्षेत्र के अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों द्वारा दिये गये फसल ऋणों के लिए भी दिये जाने का भी उन्होंने प्रस्ताव किया है।
वित्त मंत्री ने कहा कि पूर्वी भारत में हरित क्रांति ने उल्लेखनीय सफलता प्राप्त की है। उन्होंने 2013-14 में पूर्वी भारतीय राज्यों की सहायता के लिए 1,000 करोड़ रुपये के आवंटन का प्रस्ताव किया है। फसलों के विविधिकरण के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए 500 करोड़ रुपये, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के लिए क्रमश: 9,954 करोड़ रुपये तथा 2,250 करोड़ रुपये प्रदान करने का भी उन्होंने प्रस्ताव किया है।
श्री चिदंबरम ने समेकित जलसंभरण कार्यक्रम के लिए 2012-13 के बजट अनुमान की राशि 3,050 करोड़ रुपये को बढ़ाकर 5,387 करोड़ रुपये के आवंटन का भी प्रस्ताव किया है। उन्होंने सूक्ष्म–पोषक तत्वों से संपन्न फसल की नई किस्मों की योजना को शुरू करने के लिए 200 करोड़ रुपये का आवंटन किया है। वित्त मंत्री ने पौध संरक्षण मुद्दों के लिए राष्ट्रीय जैव दबाव प्रबंधन संस्थान रामपुर छतीसगढ़ में तथा भारतीय कृषि जैव प्रौद्योगिकी संस्थान रांची झारखंड में स्थापित करने की भी घोषणा की है। केरल राज्य में नारियल के बागानों के पुन:रोपण तथा नवीकरण के लिए वर्ष 2013-14 में 75 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि देने का भी प्रस्ताव किया है।
वित्त मंत्री ने कहा कि कृषि उत्पादक कंपनी (एफपीसी) और कृषि उत्पादक संगठन (एफपीओ) की सहायता के लिए अधिकतम 10 लाख रुपये का समतुल्य इक्विटी अनुदान दिया जाएगा, जिससे ये संगठन वित्तीय संस्थाओं से कार्यकारी पूंजी जुटाने में सक्षम हो जाएंगे। इस परियोजनाओं के लिए उन्होंने 50 करोड़ रुपये देने का प्रस्ताव किया है। इसके साथ-साथ 100 करोड़ रुपये की प्रारंभिक आधारभूत निधि के साथ लघु किसानों के कृषि व्यवसाय निगम में ऋण गारंटी निधि का भी सृजन किया जाएगा।
श्री चिदबंरम ने कहा कि निवेश जुटाने और स्थानीय कृषि-प्रास्थितिकी की स्थितियों और उत्पादकता बढ़ाने को ध्यान में रखते हुए 2013-14 में राष्ट्रीय पशु मिशन शुरू किया गया है। इस मिशन के लिए उन्होंने 307 करोड़ रुपये देने का प्रावधान किया है। उन्होंने यह भी बताया कि दाना-चारे की उपलब्धता को बढ़ाने के लिए इसमें एक उपमिशन भी बनाया जाएगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि निवेश जुटाने और स्थानीय कृषि-प्रास्थितिकी की स्थितियों और उत्पादकता बढ़ाने को ध्यान में रखते हुए 2013-14 में राष्ट्रीय पशु मिशन शुरू किया गया है। इस मिशन के लिए उन्होंने 307 करोड़ रुपये देने का प्रावधान किया है। उन्होंने यह भी बताया कि दाना-चारे की उपलब्धता को बढ़ाने के लिए इसमें एक उपमिशन भी बनाया जाएगा।
वित्त मंत्री श्री पी चिदम्बरम ने सामाजिक-आर्थिक लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए आवश्यक संसाधन जुटाने की आवश्यकता पर जोर दिया। श्री चिदम्बरम ने कहा कि इस समय उच्च वित्तीय घाटे, विदेशी पूंजी पर निर्भरता, कम बचत और कम निवेश के कारण आर्थिक गुंजाइश निकालने में मुश्किल आ रही है। इसके साथ ही मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए कड़ी मौद्रिक नीति बनानी पड़ रही है। प्रतिकूल वैश्विक परिस्थितियों के कारण भी भारतीय अर्थव्यवस्था पर जोर पड़ रहा है।
वित्त मंत्री ने कहा कि विजय केलकर समिति की सिफारिशों को मानते हुए इस वर्ष वित्तीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद के 5.3 प्रतिशत तक और 2013-14 में 4.8 प्रतिशत तक रखने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। उन्होंने कहा कि तेल के आयात पर निर्भरता, बड़ी मात्रा में कोयले के आयात, सोने के लिए हमारी ललक और निर्यात में गिरावट के चलते चालू खाता घाटा लगातार अधिक बना हुआ है। इस घाटे के वित्त पोषण के लिए हमें इस वर्ष और शायद अगले वर्ष भी 75 अरब अमरीकी डॉलर की आवश्यकता होगी। हमारे सामने केवल तीन रास्ते हैं- विदेशी प्रत्यक्ष निवेश, विदेशी संस्थागत निवेश या विदेशी वाणिज्यिक ऋण। इसलिए मैं महसूस करता हूं कि विदेशी निवेश हमारे लिए लाज़मी है, लेकिन हमें अपने आर्थिक लक्ष्यों के अनुरूप ही विदेशी निवेश को बढ़ावा देना होगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि हमारे विकास के प्रयासों में मुद्रास्फीति एक और बड़ी बाधा है। कुछ मुद्रास्फीति बाहरी कारणों से है। मुद्रास्फीति के खिलाफ सभी मोर्चों पर लड़ाई लड़नी होगी। पिछले कुछ महीनों के हमारे प्रयासों से थोक मूल्य सूचकांक लगभग सात प्रतिशत तक आ गया है और मुख्य मुद्रास्फीति की दर 4.2 प्रतिशत तक आ गई है। लेकिन खाद्य मुद्रास्फीति अब भी चिंता का कारण बनी हुई है। खाद्य पदार्थों की बढ़ती मांग के लिए आपूर्ति बढ़ाने के वास्ते हम सभी संभव कदम उठायेंगे।
वित्त मंत्री पी चिदम्बरम ने कहा है कि सरकारी खर्च से कुल मांग बढ़ती है और इसके अच्छे और बुरे परिणाम निकलते हैं। इसलिए सरकारी खर्च को उचित स्तर पर रखना जरूरी है। आज लोकसभा में अगले वित्त वर्ष का आम बजट पेश करते हुए उन्होंने कहा कि 2012-13 के बजट में हमने कुछ कड़े उपाय किए और कुछ ऐसे नीतिगत फैसले लिए, जो लम्बे समय से रूके हुए थे। इससे कुछ आर्थिक गुंजाइश हासिल करने में मदद मिली, जिसका इस्तेमाल हमने यूपीए सरकार के सामाजिक-आर्थिक उद्देश्यों को बढ़ावा देने के लिए किया।
श्री चिदम्बरम ने कहा कि 12वीं पंचवर्षीय योजना के पहले वर्ष 2012-13 में वैश्विक और घरेलू स्थिति में सुधार की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए कुल खर्च 14,90,925 करोड़ रूपए तक निश्चित किया गया था। मितव्ययता के उपायों से खर्च का संशोधित अनुमान 96 प्रतिशत यानी 14,30,825 करोड़ रूपए रखा गया। इससे जो आर्थिक गुंजाइश बनी, उससे हमें 2013-14 में और अधिक महत्वकांक्षी बनने का विश्वास पैदा हुआ है।
वित्त मंत्री ने कहा कि अगले वर्ष के बजट अनुमान में कुल खर्च 16,65,297 करोड़ रूपए का निश्चित किया गया है और योजना खर्च 5,55,322 करोड़ रूपए रखा गया है। 2013-14 का योजना खर्च चालू वित्त वर्ष के संशोधित अनुमान से 29.4 प्रतिशत अधिक है। इससे सभी फ्लैगशिप कार्यक्रमों के लिए पर्याप्त धनराशि रखी गई है। प्रत्येक मंत्रालय और विभाग को भी उनके खर्च की क्षमता के अनुसार पर्याप्त राशि दी गई है, जिसका सही प्रबंधन करके वे अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकते हैं।
वित्त मंत्री ने कहा कि महिलाओं, बच्चों, अल्पसंख्यकों तथा अनुसूचित जातियों और जनजातियों को लाभ पहुंचाने वाले कार्यक्रमों के लिए पर्याप्त धनराशि रखी गई है। अनुसूचित जाति उपयोजना के लिए 41,561 करोड़ रूपए और जनजाति उपयोजना के लिए 24,598 करोड़ रूपए रखे गए हैं। यह राशि चालू वित्त वर्ष के संशोधित अनुमानों से 31 प्रतिशत अधिक है। श्री चिदम्बरम ने इस बात को दोहराया कि इस राशि को किसी अन्य कार्यों में नहीं लगाया जा सकता है।
वित्त मंत्री ने कहा कि अगले वित्त वर्ष में महिलाओं से संबंधित कार्यक्रमों के लिए बजट में 97,134 करोड़ रूपए और बच्चों के कार्यक्रमों के लिए 77,236 करोड़ रूपए रखे गए हैं। अकेली महिलाओं या विधवाओं सहित कमजोर वर्गों की महिलाओं पर भी विशेष ध्यान दिया गया है, ताकि वे सम्मान के साथ अपना गुजर-बसर कर सकें। इसके लिए शुरू में महिला और बाल विकास मंत्रालय को 200 करोड़ रूपए की अतिरिक्त राशि देने का प्रस्ताव है। मंत्रालय को इन महिलाओं के कल्याण से संबंधित योजनाएं बनानी चाहिएं।
श्री चिदम्बरम ने कहा कि अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के लिए मैंने 3,511 करोड़ रूपए रखे हैं, जो चालू वर्ष के बजट अनुमान से 12 प्रतिशत और संशोधित अनुमान से 60 प्रतिशत अधिक हैं। मौलाना आजाद शिक्षा फाउंडेशन अल्पसंख्यकों के लिए शिक्षा योजनाओं को लागू करता है और गैर-सरकारी संगठनों को आर्थिक सहायता देता है। इसकी 750 करोड़ रूपये की निधि को 12वीं योजना में बढ़ा कर 1500 करोड़ रूपए करने का उद्देश्य है। मेरा इस निधि के लिए 160 करोड़ रूपए देने का प्रस्ताव है। फाउंडेशन अपने कार्यक्रमों में चिकित्सा सहायता के कार्यक्रम को भी शामिल करना चाहता है। इसके लिए शिक्षा संस्थाओं में आवासीय डॉक्टर रखे जाएंगे। इस कार्यक्रम को शुरू करने के लिए मेरा 100 करोड़ रूपए देने का प्रस्ताव है।
विकलांग लोगों की सहायता के लिए वित्त मंत्री ने विकलांगता मामलों के विभाग के लिए 110 करोड़ रूपए की राशि देने का प्रस्ताव किया। चालू वित्त वर्ष में संशोधित अनुमानों के अनुसार यह राशि 75 करोड़ रूपए है।
वित्त मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्रालय को मेरा 37,330 करोड़ रूपए देने का प्रस्ताव है। इसमें से 21,239 करोड़ रूपए नए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के लिए होंगे, जिसमें ग्रामीण मिशन और प्रस्तावित शहरी मिशन दोनों शामिल हैं। यह राशि चालू वर्ष के संशोधित अनुमान से 24.3 प्रतिशत अधिक है।
वित्त मंत्री ने चिकित्सा शिक्षा, प्रशिक्षण और अनुसंधान के लिए 4,727 करोड़ रूपए राशि देने का प्रस्ताव किया।
श्री चिदम्बरम ने कहा कि बुजुर्गों के स्वास्थ्य की देखभाल के राष्ट्रीय कार्यक्रम के लिए 150 करोड़ रूपए रखे गए हैं। यह कार्यक्रम 21 राज्यों के 100 जिलों में चलाया जा रहा है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत आठ जरा चिकित्सा केन्द्र चलाए जा रहे हैं।
आयुर्वेद, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी को बढ़ावा देने के लिए श्री चिदम्बरम ने आयुष विभाग को 1,069 करोड़ रूपए देने का प्रस्ताव रखा।
श्री चिदम्बरम ने कहा कि एम्स जैसे छह संस्थानों में सितंबर, 2012 से शिक्षा सत्र शुरू हो गए हैं। इन संस्थानों में अगले वर्ष अस्पताल बनाने होंगे, जिनके लिए मेरा 1650 करोड़ रूपए देने का प्रस्ताव है।
शिक्षा को सरकार की उच्च प्राथमिकता बताते हुए वित्त मंत्री ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय के लिए 65,867 करोड़ रूपए देने का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि सर्वशिक्षा अभियान और शिक्षा का अधिकार कानून जोरों से लागू किए जा रहे हैं। उन्होंने अगले वर्ष सर्वशिक्षा अभियान के लिए 27,258 करोड़ रूपए देने का प्रस्ताव रखा। राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के लिए भी उन्होंने 3,983 करोड़ रूपए देने की बात कही, जो चालू वर्ष के संशोधित अनुमान से 25.6 प्रतिशत अधिक है।
वित्त मंत्री ने कहा कि वर्ष 2013-14 में अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, पिछड़े वर्गों और अल्पसंख्यक वर्गों के छात्रों को छात्रवृत्तियां देने के लिए विभिन्न मंत्रालयों को 5,284 करोड़ रूपए दिए जा रहे हैं। चालू वर्ष के संशोधित अनुमानों में यह राशि 4,575 करोड़ रूपए थी। मिड डे मील के लिए 13,215 करोड़ रूपए रखे गए हैं। श्री चिदम्बरम ने नालंदा विश्वविद्यालय को शिक्षा के एक उत्कृष्ट केन्द्र के रूप में विकसित करने के बारे में भी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई।
श्री चिदम्बरम ने 2012-13 में समन्वित बाल विकास योजना की पूरी राशि 15,850 करोड़ रूपए खर्च करने की सराहना की। अगले वर्ष के उन्होंने इस योजना के लिए 17,700 करोड़ रूपए देने की घोषणा की।
वित्त मंत्री ने कहा कि माताओं और शिशुओं में कुपोषण की स्थिति में सुधार के लिए पिछले वर्ष घोषणा की गई थी कि 2013-14 में देश के 100 जिलों में एक बहुक्षेत्रीय कार्यक्रम चलाया जाएगा, जिसके लिए उन्होंने 300 करोड़ रूपए देने की घोषणा की। इससे अगले वर्ष यह कार्यक्रम 200 जिलों में लागू किया जाएगा।
वित्त मंत्री श्री पी. चिदम्बरम ने देश में निवेश बढ़ाने के उद्देश्य से कई उपायों की घोषणा की। श्री चिदम्बरम ने कहा कि अवसंरचना क्षेत्र में निवेश बढ़ाने के लिए अवसंरचना ऋण निधि (आईडीएफ) को प्रोत्साहित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि अब तक सेबी में चार आईडीएफ को पंजीकृत कर लिया गया है और इनमें से दो ने फरवरी, 2013 से अपना काम शुरू कर दिया है। वित्त मंत्री ने कहा कि एशियाई विकास बैंक की सहभागिता में भारतीय अवसंरचना वित्त निगम लिमिटेड (आईआईएफसीएल) ने ब्रांड मार्केट में दीर्घावधि निधियों के दोहन हेतु अवसंरचना कंपनियों को अधिक ऋण प्रदान करेगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने सड़क निर्माण के क्षेत्र में एक विनियामक प्राधिकरण गठित करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि हालांकि सड़क निर्माण क्षेत्र परिपक्वता के एक स्तर पर पहुंच गया है किंतु इस क्षेत्र में वित्तीय दबावों, बढ़े हुए निर्माण संबंधी जोखिमों तथा प्रबंधन मामलों की देख-रेख के लिए एक स्वतंत्र प्राधिकरण की आवश्यकता महसूस हुई। उन्होंने कहा कि सड़क परियोजनाओं की अड़चनों को दूर कर दिया गया है और गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में 3,000 किलोमीटर की सड़क परियोजनाओं को वर्ष 2013-14 की पहली छमाही में अधिनिर्णित कर दिया जायेगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि बचत वृद्धि और उत्पादक गतिविधियों में उसके आबंटन से तीव्र आर्थिक वृद्धि का मार्ग प्रशस्त होता है। वित्त मंत्री ने कहा कि वर्ष 2007-08 में 36.8 प्रतिशत के उच्च अनुपात के साथ सकल घरेलू बचत 2011-12 में घटकर छह प्रतिशत के नीचे आ गई। उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र की और निगम क्षेत्र ही बचत के बचत के मुख्य अंशदाता है। अत: निश्चित तौर पर उन्हें बचत के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
वित्त मंत्री ने राजीव गांधी इक्विटी बचत स्कीम को उदारीकृत करने का प्रस्ताव किया, जिसमें पहली बार निवेशक को म्यूचुअल फंडों में तथा सूचीबद्ध शेयरों में निवेश करने की अनुमति होगी। आय सीमा 10 लाख रूपये से बढ़ाकर 12 लाख रूपये कर दी जायेगी।
श्री चिदम्बरम ने कहा कि किसी बैंक या गृह वित्त पोषण निगम से पहली अप्रैल, 2013 से लेकर 31 मार्च, 2014 की अवधि के दौरान अपने पहले घर के लिए 25 लाख रूपये गृह ऋण लेने वाला व्यक्ति 2014-15 में एक लाख रूपये तक ब्याज कटौती का हकदार होगा और यदि यह सीमा पूरी नहीं होती है तो शेष आकलन वर्ष 2015-16 में लागू होगी।
वित्त मंत्री ने कहा कि लेह-कारगिल क्षेत्र में बिजली आपूर्ति में सुधार लाने के लिए तथा लद्दाख क्षेत्र को उत्तरी ग्रिड से जोड़ने के लिए सरकार 1,840 करोड़ रूपये की लागत पर श्रीनगर से लेह तक एक ट्रांसमिसन लाईन का निर्माण कर रही है। श्री चिदम्बरम ने इस परियोजना के लिए वर्ष 2013-14 में 226 करोड़ रूपये प्रदान करने का प्रस्ताव किया।
श्री चिदम्बरम ने कहा कि तेल और गैस के क्षेत्र में लाभ वितरण से राजस्व वितरण संविदाओं की तरफ बढ़ते हुए तेल और गैस दोहन नीति की पुन: समीक्षा की जायेगी। उन्होंने कहा कि तेल और गैस के दोहन और उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए एक नीति की घोषणा की जायेगी। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक गैस मूल्य निर्धारण की समीक्षा की जायेगी और इसके मूल्य निर्धारण से जुड़़ी अनिश्चितओं को दूर किया जायेगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि एनईएलपी ब्लॉक जिनका अधिग्रहण किया गया, किंतु कार्यांवित नहीं हो सके उन्हें क्लीयर किया जायेगा। श्री चिदम्बरम ने कहा कि महाराष्ट्र में पांच एमएमटीपीए एलएनजी टर्मिनल वर्ष 2013-14 में पूरी तरह से चालू हो जायेगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि नौकरियों, उत्पादक और निर्यात में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों की बहुत बड़ी भूमिका हैं। इनमें से कई उद्यम छोटे और मध्यम हैसियत से जुड़े लाभों को खोने के डर से और आगे तरक्की नहीं कर पाते हैं। वित्त मंत्री ने उन्हें बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से यह प्रस्ताव किया कि जिस श्रेणी में उन्हें लाभ मिलता है, उस श्रेणी से आगे बढ़ने के बावजूद अगले तीन वर्षों तक उन्हें यह लाभ मिलता रहे। श्री चिदम्बरम ने अपने प्रस्ताव में बताया कि एमएसएमई, कलस्टर विकास कार्यक्रम, ऋण गारंटी विकास कोष, ऋण से जुड़ी पूंजी सब्सिडी स्कीम, राष्ट्रीय विनिर्माण प्रतिस्पर्धा कार्यक्रम तथा गुणवत्ता उन्नयन के लिए प्रोत्साहन एमएसएमई की एमई इकाईयों को तब तक उपलब्ध करायें जब तक कि वे इससे उंची श्रेणी में न पहुंच जायें।
श्री चिदम्बरम ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को अधिक सहायता मुहैया कराने के लिए सीडबी की वित्तपोषण क्षमता को प्रतिवर्ष 5,000 करोड़ रूपये के मौजूदा स्तर से बढ़ाकर 10,000 करोड़ रूपये करने का प्रस्ताव किया।
वित्त मंत्री ने पूंजी निर्माण के लिए बैंकों को 2013-14 में 14,000 करोड़ रुपये देने का प्रस्ताव किया। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा बासिल-3 विनियमावली का अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा।श्री चिदंबरम ने कहा कि मार्च 2013 की समाप्ति से पहले सार्वजनिक क्षेत्र के 13 बैंकों को 12,517 करोड़ रुपये की अतिरिक्त पूंजी दी जाएगी।
श्री चिदंबरम ने वित्त मंत्रालय में विशेषज्ञों की स्थायी परिषद के गठन का प्रस्ताव किया जो भारतीय वित्तीय क्षेत्र की अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्द्धात्मकता का विश्लेषण करे और भारतीय बाजार में व्यापार करने की लेनदेन की लागतों की समय-समय पर जांच करे तथा आवश्यक कारर्वाई के लिए सरकार को जानकारी दे।
वित्त मंत्री ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की सभी शाखाओं में 31 मार्च 2014 तक एटीएम सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक के रूप में भारत के पहले महिला बैंक की स्थापना का प्रस्ताव किया। प्रारंभिक पूंजी के रूप में इस पर 1,000 करोड़ रुपये के व्यय का प्रावधान किया जाएगा। 2013-14 में ग्रामीण आवास निधि को 6,000 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। राष्ट्रीय आवास बैंक से शहरी आवास निधि की स्थापना के लिए कहा गया है और 2013-14 में इस निधि में 2,000 करोड़ रुपये दिए जाएंगे।
वित्त मंत्री ने हुए जीवन और साधारण दोनों तरह के बीमा के प्रसार में वृद्धि के लिए बहु-स्तरीय द़ृष्टिकोण अपनाने का प्रस्ताव किया। उन्होंने कहा कि आईआरडीए के पूर्व अनुमोदन के बिना टीयर-2 शहर और इससे नीचे के शहरों में शाखाएं खोलकर बीमा कंपनियों को अधिकारिता देने को अंतिम रूप दिया गया है। बीमा पालिसी प्राप्त करने के लिए बैंकों का केवाईसी पर्याप्त होगा। बैंको को बीमा ब्रोकरों के रूप में काम करने की अनुमति दी गई है।
श्री चिदंबरम ने कहा 10,000 या उससे अधिक आबादी वाले प्रत्येक कस्बे में भारतीय जीवन बीमा निगम-एलआईसी का एक कार्यालय खोला जाएगा तथा सार्वजनिक क्षेत्र की साधारण बीमा कंपनी का कम से कम एक कार्यालय होगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना अन्य श्रेणियों जैसे रिक्शा चालकों, ऑटोरिक्शा चालकों, टैक्सी चालकों, सफाई कामगारों, कूड़ा बीनने वालों और खान कामगारों को प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि विभिन्न निर्गमों में विलय को आसान बनाकर असंगठित क्षेत्र के लिए समेकित सामाजिक सुरक्षा पैकेज तैयार किया जाएगा।
श्री पी चिदंबरम ने कहा कि विनियामक को सुदृढ़ बनाने के लिए सेबी अधिनियम में संशोधन करने का प्रस्ताव है। उन्होंने कहा कि सेबी की सिफारिश के अनुसार कई प्रस्तावों को अंतिम रूप दिया गया है । सेबी द्वारा प्राधिकृत नामित निक्षेपागार भागीदार विभिन्न पोर्टफोलियों निवेशकों को केवाईसी दिशा निर्देशों के अनुपालन के अधीन पंजीकृत कर सकते हैं । सेबी विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के प्रवेश के लिए प्रक्रियाओं को सरल बनायेगा और एक समान पंजीकरण व अन्य मानदण्ड निर्धारित करेगा ।
वित्त मंत्री श्री पी चिदंबरम ने पर्यावरण संरक्षण के लिए कई उपायों का प्रस्ताव किया। उन्होंने कहा कि भारत में प्रतिदिन कई हजार टन कचरा निकलता है। नगरों और नगरपालिकाओं को इस बात के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा वे कचरे से बिजली बनाने की परियोजनाओं पर ध्यान दें। वित्त मंत्री ने कहा कि अपशिष्ट से ऊर्जा बनाने की परियोजनाओं को लागू करने वाली नगरपालिकाओं को सहायता दी जाएगी।
श्री चिंदबरम ने कहा कि सरकार स्वच्छ ऊर्जा निधि (एनसीईएफ) से इरेडा को कम ब्याज वाली निधियां उपलब्ध कराएगी जो आगे व्यवहार्य नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं को उधार देगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि पन बिजली परियोजनाओं के लिए सृजन आधारित प्रोत्साहन फिर शुरू किया गया है और इसके लिए 800 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
वित्त मंत्री ने कहा कि पिछड़ेपन के निर्धारण के लिए नया मानदंड बनाया जाएगा और उन्हें भविष्य की योजना बनाने एवं निधियों के अंतरण में प्रतिबिंबित किया जाएगा।
श्री चिदंबरम ने कहा कि वर्ष 2013-14 में 90 लाख व्यक्तियों सहित 12वीं योजना में 5 करोड़ लोगों को कौशल प्रदान करने का लक्ष्य है। इसके लिए सभी बाधाएं दूर की जाएंगी। इसके वास्ते निधियां राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन और राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन से जारी की जाएंगी।
वित्त मंत्री ने रक्षा के लिए आवंटन पूंजी व्यय के लिए 86,741 करोड़ रुपये सहित बढ़ाकर 2,033,672 करोड़ रुपये किया गया है। 4 उत्कृष्ट संस्थाओं में से प्रत्येक को 100 करोड़ रुपये का अनुदान दिया जाएगा। अनुसंधान एवं विकास के क्षेत्र में नई खोज करने वाले संगठनों और जनता को आवश्यक उत्पाद उपलब्ध कराने के लिए 200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
वित्त मंत्री ने कहा कि सभी खेलों को सरकारी सहायता की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमारे पास अनेक पुरुष और महिला खिलाड़ी हैं लेकिन प्रशिक्षकों की कमी है। इसलिए तीन वर्ष की अवधि के दौरान 250 करोड़ रुपये की लागत से पटियाला में राष्ट्रीय खेल प्रशिक्षण संस्थान का निर्माण करने का प्रस्ताव है।
श्री पी चिदंबरम ने कहा कि सरकार का 294 और शहरों में निजी एफएम रेडियो की सेवाएं पहुंचाने का प्रस्ताव है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2013-14 में करीब 839 नए एफएम चैनलों की नीलामी की जाएगी। नीलामी के बाद एक लाख से अधिक आबादी वाले सभी शहरों में निजी एफएम रेडियो सेवाएं उपलब्ध हो जाएंगी।
वित्त मंत्री ने कहा कि वर्तमान वर्ष में राजीव गांधी पंचायत सशक्तिकरण अभियान 50 करोड़ रुपये के सामान्य आवंटन के साथ आरंभ किया गया था। पंचायती राज संस्थाओं में क्षमता निर्माण की महत्ता को ध्यान में रखते हुए 2013-14 में पंचायती राज मंत्रालय के लिए 455 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। इसके अलावा 200 करोड़ रुपये देने का प्रस्ताव किया गया है।
श्री चिदंबरम ने कहा कि सरकार ने 4,909 करोड़ रुपये की लागत पर डाक नेटवर्क को आधुनिक बनाने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी प्रेरित महत्वाकांक्षी परियोजना शुरू की है। डाकघर बुनियादी बैंकिंग समाधान का हिस्सा बन जाएंगे और साथ-साथ बैंकिंग सेवाएं भी प्रदान करेंगे। वित्त मंत्री ने 2013-14 में इस परियोजना के लिए 532 करोड़ रुपये देने का प्रस्ताव किया है।
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार गदर आंदोलन की शताब्दी मनाने के लिए सरकार सेन-फ्रांसिस्को में गदर स्मारक को संग्रहालय एवं पुस्तकालय में बदलने के लिए धनराशि देगी।
वित्त मंत्री ने पचास लाख रुपये से अधिक की अचल संपत्तियों के हस्तांतरण मूल्य पर एक प्रतिशत की दर से टीडीएस का प्रस्ताव किया है। श्री चिदम्बरम ने कहा कि यह प्रस्ताव कृषि भूमि पर लागू नहीं होगा।
उन्होंने कहा कि अचल संपत्तियों में होने वाले लेनदेन का मूल्यांकन और रिपोर्टिंग आमतौर पर कम की जाती है। आधे मामलों में संबंधित पक्षों के पैन नम्बर भी नहीं दिये जाते। वित्त मंत्री ने कहा कि ऐसे लेनदेनों की जानकारी और पूंजी अभिलाभों में सुधार के मद्देनजर टीडीएस को लागू करने का प्रस्ताव किया गया है।
वित्त मंत्री ने प्रति वर्ष एक करोड़ रुपये से अधिक की कर योग्य आय वाले व्यक्तियों पर दस प्रतिशत का अधिभार लगाने का प्रस्ताव किया है। उन्होंने कहा कि ये अधिभार व्यष्टियों, हिंदु अविभक्त कुटुम्बों और समान कर स्थिति वाली फर्मों और संगठनों पर लागू होगा। श्री चिदम्बरम ने कहा कि मात्र 42,800 व्यक्ति ऐसे हैं, जिन्होंने प्रति वर्ष एक करोड़ से अधिक की कर-योग्य आय स्वीकार की है।
वित्त मंत्री ने पांच लाख रुपये तक की कुल आय वाले प्रत्येक व्यक्ति को दो हजार रुपये की कर छूट का प्रस्ताव किया है। श्री चिदम्बरम ने उम्मीद जताई कि इससे 1.8 करोड़ करदाताओं को 3,600 करोड़ रुपये का लाभ होगा। उन्होंने कहा हालांकि मौजूदा स्लैब पिछले वर्ष ही शुरू किये गए हैं, इसलिए इनकी दरों को संशोधित करने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रारंभिक छूट स्तर में मामूली सी वृद्धि से कई सौ हजार करदाता कर दायरे से बाहर हो जाएंगे और कर का आधार काफी घट जाएगा। श्री चिदम्बरम ने कहा इसके बावजूद भी वे दो लाख रुपये से पांच लाख रुपये तक की प्रथम स्लैब करदाताओं को कुछ राहत देना चाहते हैं। (PIB)
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मीणा/राजगोपाल/प्रदीप/ सुधीर/संजीव/इन्द्रपाल/बिष्ट/ शदीद/सुनील/शौकत/मनोज- 779
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