"राज्य सरकार द्वारा व्यक्त की गई आशंकाएं असत्य और तथ्यों से परे"
नदी में जल की मात्रा और उसके प्रवाह में बदलाव एक प्राकृतिक क्रियाकलाप
अरूणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार श्री ताको डाबी के वक्तव्य को उद्धृत करते हुए एक मार्च, 2012 को टाइम्स ऑफ इंडिया, दिल्ली राजधानी संस्करण में ‘ब्रह्मपुत्र ड्राइज अप इन अरूणाचल प्रदेश’ – चाइना मे हैव डाइवर्टेड वाटर, फियर्स स्टेट गवर्नमेंट, नामक शीर्षक से एक लेख प्रकाशित हुआ था। इसमें बताया गया था कि राज्य के पूर्वी सियांग जिले के पासी घाट शहर के लोगों ने यह पाया है कि बुधवार को इस नदी के जल स्तर में इतनी गिरावट हुई है कि यह अधिकांशत: सूख गया है और यह आशंका भी व्यक्त की गई है कि हो सकता है कि चीन ने इस नदी के जल का बहाव बदल दिया हो। इस नदी को तिब्बत में यार्लोंग सांगपो के नाम से जाना जाता है। ऐसी भी आशंका व्यक्त की गई है कि किसी प्रकार की बनावटी बाधा के कारण ऐसा हुआ हो। जल संसाधन मंत्रालय के अधिकारियों द्वारा अरूणाचल प्रदेश के राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ टेलिफोन पर भी बातचीत के दौरान इस बात का पता चला कि यह वक्तव्य पासीघाट शहर के आसपास नदियों के प्रवाहों के बारे में आम जनता की आशंकाओं पर आधारित हो सकता है।
चीन द्वारा ब्रह्मपुत्र नदी के जल प्रवाह में संभावित बदलाव के संबंध में राज्य सरकार द्वारा व्यक्त की गई आशंकाएं असत्य और तथ्यों से परे हैं। नदी में जल की मात्रा और उसके प्रवाह में बदलाव होना एक प्राकृतिक क्रियाकलाप है, जो जल-मौसम विज्ञान से संबंधित और जलवायु से संबंधित विभिन्न घटकों पर आधरित है। केंद्रीय जल आयोग देश की सभी प्रमुख नदियों, वर्षा, प्रवाह और तापमान आदि से संबंधित जल विज्ञान संबंधित आंकड़ें को संग्रहित करके उसका विश्लेषण करता है, जिसमें सयांग नदी भी शामिल है।
भारत सरकार चीन में होने वाली उन सभी प्रकार की गतिविधियों पर निरंतर नजर रख रही है, जो भारत के हितों से जुड़ी हुई है और उनके संरक्षण के लिए आवश्यक उपाय भी कर रही है। (पीआईबी) 02-मार्च-2012 18:43 IST
नदी में जल की मात्रा और उसके प्रवाह में बदलाव एक प्राकृतिक क्रियाकलाप
तस्वीर हमारी आवाज़ से साभार |
चीन द्वारा ब्रह्मपुत्र नदी के जल प्रवाह में संभावित बदलाव के संबंध में राज्य सरकार द्वारा व्यक्त की गई आशंकाएं असत्य और तथ्यों से परे हैं। नदी में जल की मात्रा और उसके प्रवाह में बदलाव होना एक प्राकृतिक क्रियाकलाप है, जो जल-मौसम विज्ञान से संबंधित और जलवायु से संबंधित विभिन्न घटकों पर आधरित है। केंद्रीय जल आयोग देश की सभी प्रमुख नदियों, वर्षा, प्रवाह और तापमान आदि से संबंधित जल विज्ञान संबंधित आंकड़ें को संग्रहित करके उसका विश्लेषण करता है, जिसमें सयांग नदी भी शामिल है।
भारत सरकार चीन में होने वाली उन सभी प्रकार की गतिविधियों पर निरंतर नजर रख रही है, जो भारत के हितों से जुड़ी हुई है और उनके संरक्षण के लिए आवश्यक उपाय भी कर रही है। (पीआईबी) 02-मार्च-2012 18:43 IST
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