स्वास्थ्य मंत्रालय ने किया एक नई पहल का शुभारम्भ
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तंबाकू नियंत्रण अभियान के अंतर्गत गायक शान की आवाज में 'लाइफ से पंगा मत ले यार' म्यूजिक वीडियो बनाया गया है। मई 2011 में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने शान को भारत में तंबाकू नियंत्रण एम्बेसेडर नियुक्त किया था।
'लाइफ से पंगा मत ले यार' का प्रसारण देश भर में रेडियो मिर्ची, रेडियो सिटी, बिग एफएम और रैड एफएम पर 28 जनवरी 2012 से किया जा रहा है। एमटीवी, सब टीवी, यूटीवी बिंदास और 9एक्सएम जैसे लोकप्रिय राष्ट्रीय टेलीविजन चैनलों पर म्यूजिक वीडियो एक फरवरी 2012 से शुरू किया गया। 2.3 मिनट की इस रील की धुन शान ने तैयार की है। गाने के बोल रेखा निगम ने लिखे हैं और म्यूजिक वीडियो का निर्देशन क्रोम पिक्चर्स की आलिया सेन शर्मा ने किया है। वीडियो सलाम बॉम्बे फाउंडेशन की मदद से बनाया गया है।
म्यूजिक वीडियो को काला चौकी बस्ती, परेल, मुंबई में फिल्माया गया। इसके बोल जोशीले और मन को लुभा देने वाले हैं। इस म्यूजिक वीडियो में शान को बच्चों के साथ नाचते हुए और उन्हें इस बात के लिए प्रोत्साहित करते हुए दिखाया गया है कि वे तंबाकू का सेवन करके अपनी जिंदगी को नरक न बनाएं। यानि तंबाकू का सेवन एक 'पंगा' है और इसके बिना भी जिंदगी को जिया जा सकता है। पूरा वीडियो युवाओं के सपनों और आकांक्षाओं को केन्द्रित करके बनाया गया है। इसमें देशभर के युवाओं और किशोरों को कड़ा संदेश देने की कोशिश की गई है कि तंबाकू के बिना जिंदगी जीने का नाम है।
तंबाकू नियंत्रण कानूनों को लागू करने और तंबाकू के सेवन के खतरनाक प्रभावों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए सरकार ने 2007-08 में राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम की शुरूआत की। राष्ट्रीय स्तर के मास मीडिया जन जागरूकता अभियान इस कार्यक्रम के महत्वपूर्ण घटक हैं और 'वैश्विक तंबाकू महामारी 2011 के बारे में डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट' के अनुसार भारत उन कुछ देशों में से एक है, जिनका तंबाकू नियंत्रण मास मीडिया अभियान के लिए एक समर्पित बजट है। अनुमानों के अनुसार भारत में तंबाकू के सेवन से होने वाली बीमारियों के कारण हर साल करीब एक मिलियन लोग मर जाते हैं। अगर वर्तमान प्रवृति जारी रही तो 2020 तक भारत में सभी मौतों में से 13 प्रतिशत मौतें तंबाकू के सेवन के कारण होंगी। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद की रिपोर्ट के अनुसार पुरूषों में होने वाले कैंसर का करीब 50 प्रतिशत, महिलाओं में 25 प्रतिशत और करीब 80-90 प्रतिशत मुंह के कैंसरों का संबंध तंबाकू के सेवन से है। उपलब्ध प्रमाणों से पता चलता है कि तपेदिक से होने वाली 40 प्रतिशत मौतें तंबाकू के सेवन के कारण होती हैं। अधिकतर दिल की और फेफड़ों की बीमारियों का सीधा संबंध तंबाकू के सेवन से है। गैर-संचारी रोगों के लिए भी तंबाकू एक खतरा है और छह में से एक मौत इसके कारण होती है।
भारत में तंबाकू का सेवन करने वालों की संख्या बहुत ज्यादा है। 15 वर्ष और उससे अधिक आयु वर्ग के लोगों में कराए गए वैश्विक वयस्क तंबाकू सर्वेक्षण (जीएटीएस-2010) के अनुसार भारत में आबादी का 35 प्रतिशत लोग किसी भी रूप में तंबाकू का सेवन करते हैं। इनमें 47 प्रतिशत पुरूष और 20.8 प्रतिशत महिलाएं शामिल हैं। भारत में तंबाकू का सेवन करने वालों की संख्या 275 मिलियन है। यानि चीन के बाद भारत दूसरे स्थान पर है। चीन में तीन सौ मिलियन लोग इसका सेवन करते हैं, जिनमें अधिकतर पुरूष हैं।
वैश्विक युवा तंबाकू सर्वेक्षण (जीवाईटीएस 2009) के अनुसार 13-15 वर्ष की उम्र के 14.6 प्रतिशत किसी न किसी रूप में तंबाकू का सेवन करते हैं। अध्ययनों से पता चला है कि भारत में रोजाना 5500 युवा तंबाकू का सेवन शुरू करते हैं। सभी आयु वर्ग के लोगों में तंबाकू का बढ़ता इस्तेमाल जन स्वास्थ्य के लिए गंभीर चिंता का विषय है।
दुनिया में आज तंबाकू से होने वाली मौतों और बीमारियों को रोका जा सकता है। दुनिया भर में हर साल करीब छह मिलियन लोग तंबाकू से सेवन से होने वाली बीमारियों के कारण मर जाते हैं। अगर तत्काल कदम नहीं उठाए गए, तो इनकी संख्या वर्ष 2030 तक आठ मिलियन से ज्यादा तक पहुंच सकती है। दुनिया भर में रोजाना करीब एक मिलियन लोग निकोटिन की लत के कारण धूम्रपान करते हैं या तंबाकू खाते हैं और करीब 15 हजार लोग तंबाकू से होने वाली बीमारी से मर जाते हैं। (पत्र सूचना कार्यालय) {02-फरवरी-2012 19:59 IST}
'लाइफ से पंगा मत ले यार' का प्रसारण देश भर में रेडियो मिर्ची, रेडियो सिटी, बिग एफएम और रैड एफएम पर 28 जनवरी 2012 से किया जा रहा है। एमटीवी, सब टीवी, यूटीवी बिंदास और 9एक्सएम जैसे लोकप्रिय राष्ट्रीय टेलीविजन चैनलों पर म्यूजिक वीडियो एक फरवरी 2012 से शुरू किया गया। 2.3 मिनट की इस रील की धुन शान ने तैयार की है। गाने के बोल रेखा निगम ने लिखे हैं और म्यूजिक वीडियो का निर्देशन क्रोम पिक्चर्स की आलिया सेन शर्मा ने किया है। वीडियो सलाम बॉम्बे फाउंडेशन की मदद से बनाया गया है।
म्यूजिक वीडियो को काला चौकी बस्ती, परेल, मुंबई में फिल्माया गया। इसके बोल जोशीले और मन को लुभा देने वाले हैं। इस म्यूजिक वीडियो में शान को बच्चों के साथ नाचते हुए और उन्हें इस बात के लिए प्रोत्साहित करते हुए दिखाया गया है कि वे तंबाकू का सेवन करके अपनी जिंदगी को नरक न बनाएं। यानि तंबाकू का सेवन एक 'पंगा' है और इसके बिना भी जिंदगी को जिया जा सकता है। पूरा वीडियो युवाओं के सपनों और आकांक्षाओं को केन्द्रित करके बनाया गया है। इसमें देशभर के युवाओं और किशोरों को कड़ा संदेश देने की कोशिश की गई है कि तंबाकू के बिना जिंदगी जीने का नाम है।
तंबाकू नियंत्रण कानूनों को लागू करने और तंबाकू के सेवन के खतरनाक प्रभावों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए सरकार ने 2007-08 में राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम की शुरूआत की। राष्ट्रीय स्तर के मास मीडिया जन जागरूकता अभियान इस कार्यक्रम के महत्वपूर्ण घटक हैं और 'वैश्विक तंबाकू महामारी 2011 के बारे में डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट' के अनुसार भारत उन कुछ देशों में से एक है, जिनका तंबाकू नियंत्रण मास मीडिया अभियान के लिए एक समर्पित बजट है। अनुमानों के अनुसार भारत में तंबाकू के सेवन से होने वाली बीमारियों के कारण हर साल करीब एक मिलियन लोग मर जाते हैं। अगर वर्तमान प्रवृति जारी रही तो 2020 तक भारत में सभी मौतों में से 13 प्रतिशत मौतें तंबाकू के सेवन के कारण होंगी। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद की रिपोर्ट के अनुसार पुरूषों में होने वाले कैंसर का करीब 50 प्रतिशत, महिलाओं में 25 प्रतिशत और करीब 80-90 प्रतिशत मुंह के कैंसरों का संबंध तंबाकू के सेवन से है। उपलब्ध प्रमाणों से पता चलता है कि तपेदिक से होने वाली 40 प्रतिशत मौतें तंबाकू के सेवन के कारण होती हैं। अधिकतर दिल की और फेफड़ों की बीमारियों का सीधा संबंध तंबाकू के सेवन से है। गैर-संचारी रोगों के लिए भी तंबाकू एक खतरा है और छह में से एक मौत इसके कारण होती है।
भारत में तंबाकू का सेवन करने वालों की संख्या बहुत ज्यादा है। 15 वर्ष और उससे अधिक आयु वर्ग के लोगों में कराए गए वैश्विक वयस्क तंबाकू सर्वेक्षण (जीएटीएस-2010) के अनुसार भारत में आबादी का 35 प्रतिशत लोग किसी भी रूप में तंबाकू का सेवन करते हैं। इनमें 47 प्रतिशत पुरूष और 20.8 प्रतिशत महिलाएं शामिल हैं। भारत में तंबाकू का सेवन करने वालों की संख्या 275 मिलियन है। यानि चीन के बाद भारत दूसरे स्थान पर है। चीन में तीन सौ मिलियन लोग इसका सेवन करते हैं, जिनमें अधिकतर पुरूष हैं।
वैश्विक युवा तंबाकू सर्वेक्षण (जीवाईटीएस 2009) के अनुसार 13-15 वर्ष की उम्र के 14.6 प्रतिशत किसी न किसी रूप में तंबाकू का सेवन करते हैं। अध्ययनों से पता चला है कि भारत में रोजाना 5500 युवा तंबाकू का सेवन शुरू करते हैं। सभी आयु वर्ग के लोगों में तंबाकू का बढ़ता इस्तेमाल जन स्वास्थ्य के लिए गंभीर चिंता का विषय है।
दुनिया में आज तंबाकू से होने वाली मौतों और बीमारियों को रोका जा सकता है। दुनिया भर में हर साल करीब छह मिलियन लोग तंबाकू से सेवन से होने वाली बीमारियों के कारण मर जाते हैं। अगर तत्काल कदम नहीं उठाए गए, तो इनकी संख्या वर्ष 2030 तक आठ मिलियन से ज्यादा तक पहुंच सकती है। दुनिया भर में रोजाना करीब एक मिलियन लोग निकोटिन की लत के कारण धूम्रपान करते हैं या तंबाकू खाते हैं और करीब 15 हजार लोग तंबाकू से होने वाली बीमारी से मर जाते हैं। (पत्र सूचना कार्यालय) {02-फरवरी-2012 19:59 IST}
02-February-2012
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