56वां संस्करण:प्रथम स्तर में अंग्रेजी और हिन्दी में 67000 प्रतिलिपियां मुद्रित
सूचना और प्रसारण राज्यमंत्री श्री चौधरी मोहन जटुआ ने आज ‘’इंडिया रेफरेंस एनुअल 2012’’ और ‘’भारत 2012’’ का विमोचन किया। इस अवसर पर अपने संबोधन में श्री जटुआ ने कहा कि यह राज्यों और संघ शासित प्रदेशों, संवैधानिक संशोधनों और विभिन्न क्षेत्रों में की गई उपलब्धियों की सूचनाओं का एक व्यापक संग्रह है। मंत्री महोदय ने उच्चस्तरीय रेफरेंस एनुअल को तैयार करने और इस तरह के एक उच्चस्तरीय प्रकाशन को सामने लाकर सुधार की एक समृद्ध परंपरा बनाने के लिए प्रकाशन विभाग और अनुसंधान संदर्भ एवं प्रशिक्षण विभाग को बधाइयां दीं। श्री जटुआ ने यह महसूस किया कि इस प्रकाशन के वार्षिक मुद्रण में पिछले वर्षों के मुकाबले तेजी से वृद्धि हुई है। इस वर्ष के प्रथम स्तर में अंग्रेजी और हिन्दी में 67000 प्रतिलिपियां मुद्रित की गईं हैं। मंत्री महोदय ने कहा कि भारत और विदेशों में लोगों को इस प्रतिष्ठित प्रकाशन के विपणन के लिए प्रकाशन विभाग को अधिक प्रयास करने चाहिए।
इस अवसर पर अपने संबोधन में, सूचना और प्रसारण मंत्रालय के सचिव श्री उदय कुमार वर्मा ने कहा कि प्रकाशन विभाग को प्रकाशन की पहुंच को बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग के प्रयास करने चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि अगले वर्ष के लिए मीडिया इकाई को पुस्तक को तीन प्रारूपों जैसे मुद्रित प्रारूप, सीडी और इलेक्ट्रॉनिक संस्करण के तौर पर सामने लाने का प्रयास करना चाहिए। सचिव महोदय ने कहा कि प्रभाग को मुद्रित प्रतिलिपियों की संख्या बढा़ने और उत्पाद के बेहतर विपणन को सुनिश्चित करने के प्रयास भी करने चाहिए।
इंडिया-2012 प्रकाशन विभाग द्वारा संपादित, प्रकाशित और विपणन किया गया रेफरेंस एनुअल का एक नवीनतम और व्यापक संस्करण है। मंत्रालय का अनुसंधान, संदर्भ और प्रशिक्षण विभाग (आरआरएंडटीडी) वार्षिक पुस्तकों के लिए मूल सामग्री का संग्रह करता है। इस सामग्री को केन्द्रीय मंत्रालयों, विभागों, राज्य सरकारों, संघ शासित प्रदेशों, सार्वजनिक क्षेत्र की इकाईयों और स्वायत्त निकायों से एकत्रित किया जाता है।
इस वार्षिक प्रकाशन में ग्रामीण, शहरी विकास, उ़द्योग और बुनियादी ढांचे, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, कला और संस्कृति, अर्थव्यवस्था, स्वास्थ्य, रक्षा, शिक्षा और जन-संचार के क्षेत्रों में देश की प्रगति का एक व्यापक दृष्टिकोण प्रस्तुत किया जाता है। यह प्रकाशन 56वां संस्करण है। {पीआईबी} [27-फरवरी-2012 19:59 IST]
सूचना और प्रसारण राज्यमंत्री श्री चौधरी मोहन जटुआ ने आज ‘’इंडिया रेफरेंस एनुअल 2012’’ और ‘’भारत 2012’’ का विमोचन किया। इस अवसर पर अपने संबोधन में श्री जटुआ ने कहा कि यह राज्यों और संघ शासित प्रदेशों, संवैधानिक संशोधनों और विभिन्न क्षेत्रों में की गई उपलब्धियों की सूचनाओं का एक व्यापक संग्रह है। मंत्री महोदय ने उच्चस्तरीय रेफरेंस एनुअल को तैयार करने और इस तरह के एक उच्चस्तरीय प्रकाशन को सामने लाकर सुधार की एक समृद्ध परंपरा बनाने के लिए प्रकाशन विभाग और अनुसंधान संदर्भ एवं प्रशिक्षण विभाग को बधाइयां दीं। श्री जटुआ ने यह महसूस किया कि इस प्रकाशन के वार्षिक मुद्रण में पिछले वर्षों के मुकाबले तेजी से वृद्धि हुई है। इस वर्ष के प्रथम स्तर में अंग्रेजी और हिन्दी में 67000 प्रतिलिपियां मुद्रित की गईं हैं। मंत्री महोदय ने कहा कि भारत और विदेशों में लोगों को इस प्रतिष्ठित प्रकाशन के विपणन के लिए प्रकाशन विभाग को अधिक प्रयास करने चाहिए।
इस अवसर पर अपने संबोधन में, सूचना और प्रसारण मंत्रालय के सचिव श्री उदय कुमार वर्मा ने कहा कि प्रकाशन विभाग को प्रकाशन की पहुंच को बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग के प्रयास करने चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि अगले वर्ष के लिए मीडिया इकाई को पुस्तक को तीन प्रारूपों जैसे मुद्रित प्रारूप, सीडी और इलेक्ट्रॉनिक संस्करण के तौर पर सामने लाने का प्रयास करना चाहिए। सचिव महोदय ने कहा कि प्रभाग को मुद्रित प्रतिलिपियों की संख्या बढा़ने और उत्पाद के बेहतर विपणन को सुनिश्चित करने के प्रयास भी करने चाहिए।
इंडिया-2012 प्रकाशन विभाग द्वारा संपादित, प्रकाशित और विपणन किया गया रेफरेंस एनुअल का एक नवीनतम और व्यापक संस्करण है। मंत्रालय का अनुसंधान, संदर्भ और प्रशिक्षण विभाग (आरआरएंडटीडी) वार्षिक पुस्तकों के लिए मूल सामग्री का संग्रह करता है। इस सामग्री को केन्द्रीय मंत्रालयों, विभागों, राज्य सरकारों, संघ शासित प्रदेशों, सार्वजनिक क्षेत्र की इकाईयों और स्वायत्त निकायों से एकत्रित किया जाता है।
इस वार्षिक प्रकाशन में ग्रामीण, शहरी विकास, उ़द्योग और बुनियादी ढांचे, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, कला और संस्कृति, अर्थव्यवस्था, स्वास्थ्य, रक्षा, शिक्षा और जन-संचार के क्षेत्रों में देश की प्रगति का एक व्यापक दृष्टिकोण प्रस्तुत किया जाता है। यह प्रकाशन 56वां संस्करण है। {पीआईबी} [27-फरवरी-2012 19:59 IST]
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