टीले के आस-पास के क्षेत्र में काले व लाल रंग के बर्तन भी पाए गए
आंध्र प्रदेश सरकार के राज्य पुरातत्व विभाग ने कृष्णा जिले के बन्टूमिल्लि मांडा के मुंजूलूरू गांव में वर्ष 2010 में एक बौध स्तूप स्थल की खोज की थी। मुंजूलुरू गांव में पाया गया यह स्तूप अर्द्ध गोलाकार टीले पर बना है जिसकी उंचाई 10 मीटर है। इसके आधार में चार दिशाओं में आयातकार उभार बने हैं। यह 27X23X7 से.मी. आकार की ईंटों से बना है। टीले के आस-पास के क्षेत्र में काले व लाल रंग के बर्तन पाए गए हैं। शंखों के साथ पाण्डु भी यहां पाए गए हैं। 5-6 शताब्दी का बलुआ पत्थर का टूटा हुआ अयाका खम्भा भी यहां मिला है।
आंध्र प्रदेश सरकार के राज्य पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग ने कथित प्राचीन स्मारक को संरक्षित करने के लिए अधिसूचना सं0 जी.ओ.एमएस सं0 64 वाईएटी एण्ड सी (पीएमयू) विभाग, दिनांक 16 जून, 2011 को जारी की है।
आंध्र प्रदेश सरकार के राज्य पुरातत्व विभाग ने कृष्णा जिले के बन्टूमिल्लि मांडा के मुंजूलूरू गांव में वर्ष 2010 में एक बौध स्तूप स्थल की खोज की थी। मुंजूलुरू गांव में पाया गया यह स्तूप अर्द्ध गोलाकार टीले पर बना है जिसकी उंचाई 10 मीटर है। इसके आधार में चार दिशाओं में आयातकार उभार बने हैं। यह 27X23X7 से.मी. आकार की ईंटों से बना है। टीले के आस-पास के क्षेत्र में काले व लाल रंग के बर्तन पाए गए हैं। शंखों के साथ पाण्डु भी यहां पाए गए हैं। 5-6 शताब्दी का बलुआ पत्थर का टूटा हुआ अयाका खम्भा भी यहां मिला है।
आंध्र प्रदेश सरकार के राज्य पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग ने कथित प्राचीन स्मारक को संरक्षित करने के लिए अधिसूचना सं0 जी.ओ.एमएस सं0 64 वाईएटी एण्ड सी (पीएमयू) विभाग, दिनांक 16 जून, 2011 को जारी की है।
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