Friday, November 25, 2011

आम आदमी की हड्डी पर कबड्डी क्यों ?

ये तो वर्तमान कांग्रेस की करतूतों का नमूना मात्र भर है !
                                   राजीव गुप्ता ने उठाये कई अहम नुक्ते
दिल्ली की सडको पर भीख मांगने वाले सभी लोग उत्तर प्रदेश के है , यह कहना है  कांग्रेस पार्टी के तथाकथित युवराज राहुल गांधी जी का जो कि गरीबी को जानने के लिए एवं सस्ती राजनैतिक लोकप्रियता हासिल करने के लिए दलितों के घर कभी रात बिताते है तो कभी मनरेगा में काम कर रहे लोगों के बीच "प्लास्टिक" के टोकरे में मिट्टी कंधे पर उठा कर खुद को "आम आदमी" के साथ होने का दावा ठोकते है ! जब ये सारे दांव-पेंच विफल हो गए तो उत्तर प्रदेश के उन्ही लोगों को भिखारी कहने लगे जिससे वो खुद हाथ जोड़ - जोड़ कर जनता जनार्दन से उनकी कांग्रेस पार्टी को वोट देने की वकालत कर रहे है !    
कही राहुल जी ने अभी से ही हार तो नहीं मान ली है, जो कि स्वाभिमान पर कुठाराघात करने वाली ऐसी भाषा का उपयोग कर रहे है, जिसमें उनकी बेचैनी साफ जाहिर हो रही है ! जनाधार खोने के डर से शायद उन्हें अब "गुस्सा" भी आने लगा है  ! क्योंकि प्रदेश की मुखिया सुश्री मायावती जी ने उत्तर प्रदेश के चार हिस्से के  पुनर्गठन के विधेयक को विधानसभा सदन में ध्वनिमत से पास करवाकर ऐसा राजनैतिक दांव चला है कि ये चारो खाने चित्त हो गए है और कुछ बोलने के लिए इनके पास अब बचा नहीं है !
ज्ञातव्य है कि अपने घोटालों और गलत नीतियों से बढ़ती महंगाई से देश को कंगला बनाने के फितरत कांग्रेस पार्टी की सदैव से रही है ! कांग्रेस नेतृत्व की वर्तमान सरकार को अगर "घोटाला-सरकार" की संज्ञा दी जाय तो कोई अतिश्योक्ति न होगी ! टू-जी स्पेक्ट्रम घोटाला , कॉमनवेल्थ घोटाला , आदर्श सोसायटी घोटालों को आज देश का लगभग प्रत्येक नागरिक जानता है, क्योंकि इन घोटालों से देश के खजाने के करोडो रुपये लुट चुके है ! कई आरोपी मंत्री जैसे ए.राजा , कनिमोझी ,सुरेश कलमाडी इत्यादि  जेल के अन्दर है !

राहुल जी के अनुसार अब राजनेता "बड़े" हो गए है और हेलिकॉप्टर के सवारी कर जनता के बीच जाते है !  कुएं का पानी पीने से पेट ख़राब हो जायेगा इस डर अब राजनेताओं ने आम जनता के बीच जाना छोड़ दिया है ! पर वास्तव में आजतक  सबसे ज्यादा हेलिकॉप्टर के सवारी करते हुए मैंने इन्हें ही देखा है , क्योंकि भीड़ जुटाने में  हेलिकॉप्टर की बड़ी भूमिका ग्रामीण क्षेत्र में आज भी है ! रही बात कुएं के पानी पीने की तो बोतल बंद "मिनरल वाटर" की शुरुआत भी  कांग्रेस सरकार को ही जाता है क्योंकि विदेशी कंपनियों को भारत में आने का न्योता इन्ही की सरकार ने दिया था ! गौरतलब है कि भारत में मिनरल वाटर का व्यवसाय करने के लिए सबसे पहली कंपनी "बिसलरी"  1965 में श्री सिग्नूर फेलिचे ( Signor Felice )   द्वारा   मुंबई में स्थापित की गयी थी !  

महंगाई के मुद्दे पर लगातार दो दिन से लगातार लोकसभा की कार्यवाही स्थगित हो रही है ! महंगाई सुरसा का रूप धारण कर दिन - प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है ! एक तरफ जहां मुद्रास्फीति में जबरदस्त गिरावट आ गयी है जिसके कारण रूपया निम्नस्तर पर  पहुँच गया तो वही दूसरी तरफ वित्त मंत्री जी के अनुसार अगले वर्ष मार्च-अप्रैल तक महंगाई कुछ कम होने के आसार है ! राजस्थान में, जहां कांग्रेस पार्टी की सरकार है , भंवरी देवी के भंवर जाल के चलते राज्य की पूरी कैबिनट का इस्तीफ़ा हो जाता है ! विदर्भ के किसानो के द्वारा जहां कांग्रेस पार्टी की सरकार है,  गरीबी के कारण आत्महत्या अब किसी से छुपा हुआ नहीं है !

राहुल जी के परनाना श्री जवाहर लाल नेहरु से लेकर और इन तक फूलपुर, अमेठी, और रायबरेली जो कि इनके परिवार के संसदीय क्षेत्र रहें है, का विकास तो अब तक कर नहीं पाए , परन्तु ये तथाकथित युवराज  अब पूरे उत्तर प्रदेश को "नंबर-१" बनाने कि वकालत कर भोली जनता को अपनी ओर रिझाने के लिए तरह - तरह का विधान सभा के चुनाव से ठीक पहले  केंद्र से राहत पैकेज के नाम पर पैसे का लालच देकर वोट बटोरने की फिराक में है ! राहुल गांधी जहां एक तरफ केंद्र से आर्थिक सहायता का ऐलान करते है तो वही दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश की जनता को "भिखारी" कहकर उन्हें उनकी औकात बताना चाहते  है ! ये तो वर्तमान कांग्रेस की करतूतों का नमूना मात्र भर है !

ऐसे में राहुल गांधी जी उत्तर प्रदेश को विकास में आगामी दस वर्षों में  "नंबर-१" बनाना  चाहते है यह संदेहास्पद है ! रही बात दिल्ली की लालबत्तियों पर भीख मांग रहे भिखारियों की तो इन्हें उन भिखारियों से पता तब चला चला कि वो उत्तर प्रदेश के हैं, जब इन्होने अपनी गाडी का शीशा  नीचे कर उनसे उनके राज्य के बारे में पूछा ! पर सच्चाई इससे कोसों दूर है ! वास्तविकता यह है कि हर महीने करोडो रूपये इनकी सुरक्षा के ताम झाम पर खर्च होते है  ! ये हर समय पांच स्तर की कड़ी सुरक्षा के घेरे मे रहते है ! .सबसे बाहर स्थानीय  पुलिस , फिर कमांडो ,फिर एनएसजी के कमांडो ,फिर उसके बाद दो लेयर एसपीजी संभालती है  ! इनके काफिले मे करीब दस पाइलट कारे सबसे आगे चलती है जो ट्रैफिक को पहले ही रोक देती है ! और वैसे भी  किसी एसपीजी सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति की कार को किसी भी लालबत्ती  पर रोका नहीं जाता ! ऐसे में राहुल जी की यह बात बहुत ही हास्यपद है एवं उत्तर प्रदेश  के उन करोडो मेहनती लोगों के स्वाभिमान पर कुठाराघात के समान है !
 
राजनेता सिर्फ अपना वोट बैंक सुधारने के लिए चुनाव से पहले विकास की बात तो करते है परन्तु चुनाव आते - आते वो विकास की राजनीति छोड़ जाति की राजनीति शुरू कर जाति के नाम पर वोट बटोरने की कोशिश में ने लग जाते है ! यही उत्तर प्रदेश की राजनीति का इतिहास रहा है ! अगर धर्म और जाति के आंकड़ों के हिसाब से गुणा भाग की जाये तो प्रदेश में सबसे अधिक संख्या 28 प्रतिशत पिछड़ी जाति, उसके बाद 22 प्रतिशत दलित, 16 प्रतिशत मुसलमान, 11 प्रतिशत ब्रह्मण, 9 प्रतिशत ठाकुर, 4 प्रतिशत वैश्य, 4 प्रतिशत जाट और 5 प्रतिशत अन्य जातियों के वोट माने जाते हैं ! पिछड़ों में यादवों की तादाद सबसे अधिक बताई  जाती है !

यह विडंबना ही है कि देश की स्वतंत्रता के बाद से यूपी में 1989 तक अधिकांश समय कांग्रेस का ही राज रहा ! उसके वोट बैंक में मुख्य रूप से ब्रह्मण+दलित+मुसलमान हुआ करते थे ! परन्तु ढांचा गिरने के बाद कांग्रेस का ये समीकरण गड़बड़ा गया ! उधर मंदिर मस्जिद विवाद की शतरंज तो कांग्रेस ने बिछाई थी लेकिन भाजपा ने उसके घर में सेंध लगाकर उसे मात दे दी !  उसने न केवल कांग्रेस का सबसे मज़बूत ब्रह्मण वोट बैंक को तोड़ा बल्कि कुछ पिछड़ी जातियों को भी अपने साथ लामबंद करके प्रदेश की राजनीति को मंडल बनाम मंदिर की राजनीति में रंग दिया !

इन्ही आंकड़ो की बाजीगरी में और  जातियों के तिकड़मजाल में  समूचा उत्तर प्रदेश फंस कर विकास के लिए अभी टक तरसता रहा है ! ऐसे में क्या कभी उत्तर प्रदेश की राजनीति का  मुद्दा वास्तविक रूप से विकास  बन  पायेगा ? विकास के नाम पर ये राजनेता आम आदमी की हड्डी पर कबड्डी कबतक खेलेंगे असली मुद्दा यह है ?
                                                                                                                                      
--राजीव गुप्ता

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