जहाँ एक ओर देश की गरीब जनता भूख से दम तोड़ रही है वहीँ दूसरी और कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनके वेतन आसमान को छो रहे हैं. नयी दिल्ली से रविवार कलो समाचार एजेंसी भाषा ने अपनी एक खबर में बताया है कि मुकेश अंबानी तथा 29 अन्य कारपोरेट कार्याधिकारियों का सालाना वेतन एक करोड़ रुपए से भी अधिक है। इनमें से चार कार्याधिकारी तो अंबानी की ही कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज से हैं। क्यूं जनाब है न कमाल ! इस खबर के मुताबिक इतना ओन्न्चे किस्म का वेतन पाने वालों में जेएसडब्ल्यू एनर्जी के सज्जन जिंदल, हिंदुस्तान कंस्ट्रक्शन के अजीत गुलाबचंद, रेमंड के गौतम हरि सिंघानिया, आईसीआईसीआई बैंक की चंदा कोचर, एक्सिस बैंक की शिखा शर्मा तथा इन्फोसिस टेक्नालाजीज के एस गोपालकृष्णन और एस डी शिबूलाल हैं। गौरतलब है कि 31 मार्च, 2011 को समाप्त वित्त वर्ष के लिए कंपनियों की सालाना रपट अभी सामने आ रही हैं जिसमें कंपनियां अपने शीर्ष प्रबंधन के वेतन का खुलासा कर रही हैं। अप्रैल के अंतिम दिनों से लेकर अब तक जिन सूचीबद्ध कंपनियों की सालाना रपटें आई हैं उनमें से 30 शीर्ष कार्याधिकारियों का सालाना वेतन एक करोड़ रुपए से अधिक पाया गया है।
कैपिटल लाइन द्वारा एकत्रित आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि जिन 30 सूचीबद्ध कंपनियों की रपटें सामने आई हैं उनमें से 13 के कार्याधिकारियों को 2010-11 में एक करोड़ रुपए से अधिक का वेतन मिला। यहाँ आंकड़ों और हकीकत में कितना अंतर होता है सभी जानते हैं इस लिए अनुमान लगाना आसान न होगा कि वास्तव में इन लोगों कि असली आमदनी कितनी होगी. उल्लेखनीय है कि
रिलायंस इंडस्ट्रीज में चेयरमैन मुकेश अंबानी के साथ निखिल मेसवानी, हितल मेसवानी, पीएमएस प्रसाद तथा पवन कुमार कपिल का वेतन भी एक करोड़ रुपए से अधिक है। आईसीआईसीआई बैंक में चार कार्याधिकारियों का सालाना वेतन एक करोड़ रुपए से अधिक है, जबकि इन्फोसिस में टीवी मोहनदास पई तथा के दिनेश सहित पांच कार्याधिकारियों का वेतन एक करोड़ रुपए से ज्यादा है।
जेएसडब्ल्यू एनर्जी में एनके जैन, ललित कुमार तथा एसएसराव का वेतन भी बिलकुल इसी दायरे में आता है। वैसे आने वाले दिनों में कई और बड़ी कंपनियों की सालाना रपट आनी है ऐसे में एक करोड़ रुपए से अधिक वेतन पाने वाले शीर्ष अधिकारियों की सूची और लंबी ही होगी। इससे पहले 2009-10 में 800 से अधिक कार्याधिकारियों का वेतन एक करोड़ रुपए से अधिक था। इस साल में मुकेश अंबानी का सालाना वेतन 15 करोड़ रुपए था जो तीन साल से अपरिपर्तित है। हालांकि 2009-10 में वेतन भुगतान को देखा जाए तो मुकेश अंबानी काफी पीछे हैं क्योंकि इस दौरान सन टीवी नेटवर्क के कलानिधि मारन तथा कावेरी मारन का सालाना वेतन 37|08 करोड़ रु (प्रत्येक) रहा था। देश कि जनता लगातार बढ़ रहे इस वितीय अन्तराल के कारण दो मुख्य भागों में बंट रही। जब तक अमीरी greebee की यह रेखा गहरी होती रहेगी तब तक बेचैनी भी बढती रहेगी।
कैपिटल लाइन द्वारा एकत्रित आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि जिन 30 सूचीबद्ध कंपनियों की रपटें सामने आई हैं उनमें से 13 के कार्याधिकारियों को 2010-11 में एक करोड़ रुपए से अधिक का वेतन मिला। यहाँ आंकड़ों और हकीकत में कितना अंतर होता है सभी जानते हैं इस लिए अनुमान लगाना आसान न होगा कि वास्तव में इन लोगों कि असली आमदनी कितनी होगी. उल्लेखनीय है कि
रिलायंस इंडस्ट्रीज में चेयरमैन मुकेश अंबानी के साथ निखिल मेसवानी, हितल मेसवानी, पीएमएस प्रसाद तथा पवन कुमार कपिल का वेतन भी एक करोड़ रुपए से अधिक है। आईसीआईसीआई बैंक में चार कार्याधिकारियों का सालाना वेतन एक करोड़ रुपए से अधिक है, जबकि इन्फोसिस में टीवी मोहनदास पई तथा के दिनेश सहित पांच कार्याधिकारियों का वेतन एक करोड़ रुपए से ज्यादा है।
जेएसडब्ल्यू एनर्जी में एनके जैन, ललित कुमार तथा एसएसराव का वेतन भी बिलकुल इसी दायरे में आता है। वैसे आने वाले दिनों में कई और बड़ी कंपनियों की सालाना रपट आनी है ऐसे में एक करोड़ रुपए से अधिक वेतन पाने वाले शीर्ष अधिकारियों की सूची और लंबी ही होगी। इससे पहले 2009-10 में 800 से अधिक कार्याधिकारियों का वेतन एक करोड़ रुपए से अधिक था। इस साल में मुकेश अंबानी का सालाना वेतन 15 करोड़ रुपए था जो तीन साल से अपरिपर्तित है। हालांकि 2009-10 में वेतन भुगतान को देखा जाए तो मुकेश अंबानी काफी पीछे हैं क्योंकि इस दौरान सन टीवी नेटवर्क के कलानिधि मारन तथा कावेरी मारन का सालाना वेतन 37|08 करोड़ रु (प्रत्येक) रहा था। देश कि जनता लगातार बढ़ रहे इस वितीय अन्तराल के कारण दो मुख्य भागों में बंट रही। जब तक अमीरी greebee की यह रेखा गहरी होती रहेगी तब तक बेचैनी भी बढती रहेगी।
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