
पत्रकारिता की बात करते हुए विक्रम शाह ने भी कुछ कहा है.वह कहते हैं,"मैं एक स्वतंत्र पत्रकार हूं। मीडिया में मेरा अनुभव तीन वर्षों का है। मीडिया खबर बनाम आजाद न्यूज मामले से अपना लेना-देना महज पत्रकारीय दृष्टिकोण बनाने के सिलसिले तक सीमित है। चूंकि, दोनों पक्षों के कुछ लोगों से मेरी बातचीत होती है, इसलिए मैं एक निष्कर्ष पर पहुंच पाया हूं। आशा है, आप मेरे लेख को स्थान देंगे। उन्होंने क्या कहा इस पूरे विवरण को आप पढ़ सकते हैं केवल यहाँ क्लिक करके.
उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जनपद में हिंदुस्तान के एक संवाददाता की बेरहमी से हत्या कर दी गयी है। कमलेश कुमार नामक ये युवा पत्रकार पिछले 5 वर्षों से आदिवासी बहुल बभनी इलाके में काम कर रहे थे और सोनभद्र के जंगलों में सागौन की तस्करी पर इन्होने कई बड़ी रिपोर्ट लिखी थी। मृतक के सर पर गंभीर चोट के निशान पाए गए हैं साथ ही उसके शरीर पर "खून का बदला खून " गुदा हुआ पाया गया। आश्चर्यजनक ये था कि सोनभद्र पुलिस ने हत्या की इस सनसनीखेज वारदात की सूचना मिलने के बावजूद न तो मृतक के परिजनों को कोई इतिल्ला दी और न ही किसी प्रकार की तहकीकात शुरू की। समाचार भेजे जाने तक पत्रकारों ने पुलिस के इस रवैये के खिलाफ दुद्धी कोतवाली को घेर रखा था...पूरी रिपोर्ट पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें. इस मुद्दे पर बहुत कुछ और भी है जो आपको पढना चाहिए.अगर आपके पास भी कोई ऐसी सूचना हो तो अवश्य भेजें.--रेक्टर कथूरिया
1 comment:
चिंताजनक अवस्था!
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