Saturday, June 22, 2013

लुधियाना में ब्लैकमेलिंग के आरोपी का पुलिस रिमांड

सामने आ सकते हैं कई और मामले महिला पत्रकार न्यायिक हिरासत में
लुधियाना में ई एस आई अस्पताल से सबंधित एक डाक्टर को ब्लैकमेल करने के मामले में सतीश प्रणामी को पुलिस ने ड्यूटी मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जहाँ  ड्यूटी मजिस्ट्रेट ने पुलिस को सतीश परनामी का तो एक दिन का रिमांड दे दिया जबकि उसके साथ महिला साथी जसमीत कौर को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। सूत्रों के मुताबिक फिलहाल पुलिस इस सारे प्रकरण से सबंधित हर पहलू और व्यक्ति का पता लगाना चाहती है।
पूछताछ  में कई और नए मामले भी सामने आने की सम्भावना है। सुविज्ञ सूत्रों के मुताबिक इस मामले में पकड़े गए सतीश प्रणामी का अतीत भी खंगाला जा रहा है। इसी बीच प्रणामी का शिकार बने कई लोग अब खुल कर सामने आने की तैयारी में हैं। इसके साथ ही उन शिकायतों का भी पता लगाया जा रहा है जिन्हें आधार बनाकर इन तथाकथित पत्रकारों ने डाक्टर को ब्लैकमेल किय। शिकायत करने वालों के अते-पते भी पूरी गहराई से जांचे जा रहे हैं तांकि पता चल सके कि कहीं डाक्टर को दिखाए गए दस्तावेज़ फर्जी तो नहीं थे या फिर कहीं इन लोगों ने किसी की उकसाहट या दबाव में आकर तो अपनी शिकायतें नहीं दीं? शक की सूई ई एस आई अस्पताल की सबंधित डिस्पेंसरी नम्बर तीन के स्टाफ की तरफ भी घूम रही है। गौरतलब है कि इस स्टाफ में से भी कुछ लोग सबंधित डाक्टर के साथ किसी न किसी बहाने विवाद करते रहते थे। यह  विवाद ही किसी न किसी तरह बाहर पहुंचा और मामल ब्लैकमेलिंग तक पहुँच गया। प्रिंट मीडिया ने इस खबर को काफी प्रमुखता से कवरेज दी थी। पंजाब के प्रमुख समाचार पत्र पंजाब केसरी ने अपनी खबर का शीर्षक दिया था,"डाक्टर को ब्लैकमेल करने वाले 2 तथाकथित पत्रकार काबू" इसके बाद अख़बार ने पूरी खबर कुछ यूं दी।
लुधियाना: अपने आपको एक न्यूज चैनल का पत्रकार बताकर एक सरकारी डाक्टर को ब्लैकमेल करके पैसे मांगने वाले एक पुरूष व महिला को थाना डिवीजन नं. 7 की पुलिस ने काबू किया है। सरकारी डिस्पैंसरी में सेवारत डाक्टर द्वारा लोगों से पैसे लेकर इलाज करने की शिकायत मिलने पर तथाकथित पत्रकारों ने न्यूज चैनल पर खबर चलाने की धमकी देकर 10 हजार रुपए की मांग की थी।
ए.सी.पी. सतीश मल्होत्रा ने बताया कि बीते दिन फोकल प्वाइंट निकट रॉकमैन फैक्टरी स्थित ई.एस.आई. डिस्पैंसरी नं. 3 में बतौर डाक्टर काम कर रहे डा. स्वर्णजीत सिंह ने पुलिस को शिकायत दी कि एक महिला व पुरुष खुद को एम.एच. 1 चैनल का पत्रकार बताकर ब्लैकमेल कर पैसे मांग रहे हैं। डाक्टर ने शिकायत में बताया कि उक्त दोनों ने 17 जून को उसे फोन करके कहा कि तुम्हारे खिलाफ पैसे लेकर इलाज करने की शिकायत मिली है, जिस बारे हमने रिपोर्ट बना ली है व न्यूज चैनल पर चलाई जाएगी। यदि तुम हमें आकर मिलोगे तो न्यूज रोक सकते हैं। इसके बाद उन्होंने फिर 18 जून शाम को फोन करके मिलने के लिए धमकाया। इसके बाद डाक्टर ने एम.एच. 1 चैनल के स्टाफ रिपोर्टर हरमिन्द्र सिंह रॉकी से सम्पर्क किया व उक्त तथाकथित पत्रकारों बारे जानकारी मांगी जिस पर रॉकी ने ऐसे किसी भी पत्रकार के एम.एच. वन से न जुड़े होने की बात कही। 
ए.सी.पी. मल्होत्रा ने बताया कि इसके बाद थाना डिवीजन नं. 7 के इंचार्ज इंस्पैक्टर सुमित सूद की अगुवाई वाली पुलिस ने जांच शुरू करके डाक्टर से फोन की डिटेल लेकर मामले की जांच शुरू कर दी। इसके लिए स्टाफ रिपोर्टर ने भी उक्त जालसाजों को काबू करने के लिए पुलिस का साथ दिया। थाना पुलिस ने डा. स्वर्णजीत सिंह के बयानों पर सतीश परनामी पुत्र देसराज, वासी जोशी नगर, हैबोवाल व जसमीत कौर पत्नी कुलतार सिंह वासी एम.आई.जी. फ्लैट सैक्टर 32 पर विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
 इसी तरह दैनिक जागरण ने भी इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया। दैनिक जागरण का शीर्षक था,"पत्रकार बन सरकारी डाक्टर को कर रहे थे ब्लैकमेल"यह तीन कालमी खबर जागरण सिटी के पृष्ठ नंबर सात पर प्रकशित की गयी। दैनिक भास्कर और अन्य अख़बारों ने भी इसे प्रमुखता से प्रकाशित किया।
अब देखना यह है कि लगातार बढ़ रही इस तरह की घटनायों की तह तक जाने में कौन कौन निकलता है इसके लिए ज़िम्मेदार? कैसे बनते हैं इस तरह के लोग पत्रकार? कैसी मिलते हैं इनको पहचान पत्र? क्यूं झुकते हैं सही लोग इन गलत तत्वों के सामने? इस तरह के कई सवाल हैं जिनका जवाब तलाशने का प्रयास किया जायेगा किसी अलग पोस्ट में? 

मामला लुधियाना में एक डाक्टर को ब्लैकमेल करने का

ਮੀਡੀਆ ਵਿੱਚ ਅਖੌਤੀ ਪੱਤਰਕਾਰਾਂ ਦੀ ਭਰਮਾਰ ਜਾਰੀ 


लुधियाना में ब्लैकमेलिंग के आरोपी का पुलिस रिमांड

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