Thursday, August 02, 2012

एक उपलब्धि और

भारत विश्‍व में मोबाइल फोन का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्‍ता
                                                                                                                                                               साभार चित्र 
90 करोड़ से भी अधिक उपभोक्‍ताओं के साथ भारत विश्‍व में मोबाइल फोन का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्‍ता बन गया है। वर्ष 2011 में विश्‍व की कुल ऑनलाइन जनसंख्‍या का 10 प्रतिशत से भी अधिक हिस्‍सा भारत में रहा है। केन्‍द्रीय स्‍वास्‍थ्‍य और परिवार कल्‍याण मंत्री श्री गुलाम नबी आजाद ने आज लंदन में यह बात कही। ‘’स्‍वास्‍थ्‍य सूचनाविज्ञान की भूमिका-भारत में आम आदमी के लिए स्‍वास्‍थ्‍य किस प्रकार विशिष्‍ट है’’ नामक विषय पर स्‍वास्‍थ्‍य सेवा और जीवनविज्ञान वैश्विक व्‍यापार शिखर सम्‍मेलन में अपने संबोधन में श्री आजाद ने कहा कि भारत में मोबाइल दूरसंचार सुविधाओं में अत्‍यधिक वृद्धि दर्ज की गई है। देश के दूरस्‍थ क्षेत्रों में निर्धनतम परिवारों तक पहुंची यह सुविधा समावेशी विकास का एक उदाहरण है। केवल वर्ष 2011 में ही भारत में 14 करोड़ 20 लाख मोबाइल फोन के नये उपभोक्‍ता इस सेवा के साथ जुड़ गए थे, जो पूरे अफ्रीका के मोबाइल फोन ग्राहकों की तुलना में दुगुना है और अरब राज्‍यों, सीआईएस और यूरोप को एक साथ मिलाकर उनसे अधिक है। भारत में पूरे विश्‍व की तुलना में मोबाइल फोन पर लगने वाला शुल्‍क सबसे कम है।आम जनता तक, विशेषकर दूरस्‍थ क्षेत्रों में रहने वाले लोगों तक मोबाइल फोन की पहुंच को महत्‍व देते हुए भारत ने हाल में मौजूदा स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं को बढ़ाने के लिए उसे सूचना प्रौद्योगिकी आधारित प्रणालियों से जोड़ने की दिशा में कदम उठाए हैं। स्‍वास्‍थ्‍य और परिवार कल्‍याण मंत्रालय ने नाम, पता और टेलिफोन आधारित जच्‍चा-बच्‍चा खोज प्रणाली (एमसीटीएस) नामक एक नयी पहल की शुरूआत की है, जो गर्भवती महिलाओं और अधिकतम पांच वर्ष की उम्र के बच्‍चों के लिए स्‍वास्‍थ्‍य और रोग प्रतिरक्षण सेवाओं का संपूर्ण वितरण सुनिश्चित करने में सूचना प्रौद्योगिकी के इस्‍तेमाल का एक विशिष्‍ट उदाहरण है। इन पहलों का शिशु म़त्‍युदर (आईएमआर) और मातृ मृत्‍युदर (एमएमआर) जैसे महत्‍वपूर्ण स्‍वास्‍थ्‍य संकेतों पर एक सकारात्‍मक प्रभाव कायम होगा। 
(पत्र सूचना कार्यालय)   02-अगस्त-2012 20:00 IST

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