Monday, July 26, 2010

सुस्वागतम

टीवी चैनलों और बड़े अखबारों के बाद अगर मीडिया का कोई नया क्षेत्र तेज़ी से आसमान छूने की तैयारी में है तो वह है ब्लॉग जगत या फिर अगर वेब मीडिया कहें तो अधिक अच्छा होगा. बहुत से कहते कहलाते दमदार पत्रकारों के इस क्षेत्र में पूरी तरह से सरगर्म हो जाने के बाद एक नयी स्वस्थ परम्परा मजबूत होने लगी है.
मोहल्ला लाइवविस्फोटजनोक्ति,हिंदी कुञ्ज, रविवार और बहुत से दूसरे नामों की सफलता के जादू ने जहां इस क्षेत्र में नयी संभावनाएं पैदा की हैं वहीँ अमिताभ बच्चन के ब्लॉग और अमर सिंह जैसे महांरथियों के झुकाव ने सोने पे सुहागे का काम किया. 
अब इस रास्ते पर चलने वाले जांबाज़ बहादुरों का काफिला और बढ़ने लगा है. नयी दिल्ली के पत्रकार भाई ब्लेंदु शर्मा दधीची का वाह मीडिया नए अंदाज़ पैदा कर रहा है वहीँ अब नॉएडा से एक नाम आया है शैलेन्द्र सिंह का. पेशे से पत्रकार  शैलेन्द्र अपने बारे में कहते हैं.....सालों से ब्लॉग पढ़ते और देखते रहने से भी मुझे भी ऐसा लगने लगा कि कुछ लिखना चाहिए. लेकिन लिखने के लिए कोई प्लानिंग नहीं की है. जो समझ में आएगा. उसे लिखता जाऊंगा और आगे भगवान की जैसी मर्जी. क्योंकि मैं भगवान में विश्वास करता हूं और इस राय का हूं कि उसकी मर्जी के बिना पत्ता भी नहीं हिलता है. भला और बुरा तो चलता रहता है. लेकिन ये आपको तय करना है कि आप किसके साथ है.इनके ब्लॉग न्यूज़ रूम से लाइव को आप देख सकते हैं केवल यहां क्लिक करके
हिंदी ब्लागों में आ रही तेज़ी को हर रोज़ ब्लॉगर साथियों तक पहुंचाने वाले समीर लाल  जी बेशक कनाडा में हैं बहुत ही व्यस्त ज़िन्दगी जे रहे हैं पर इसके बावजूद ब्लॉग और हिंदी के लिए समय निकालना नहीं भूलते. उड़नतश्तरी से भी ज्यादा स्पीड से इन सारी सरगर्मियों को देख लेते हैं और फिर उनका रिकार्ड भी तैयार करते हैं चिटठाजगत के रूप में. चिटठाजगत की सूचना के मुताबिक़ एक और नया ब्लॉग आया है बातचीत. मुम्बई के महेंद्र आर्य पेशे से तो परिवहन से जुड़े हुए हैं लेकिन साहित्य और संगीत के साथ उनका संबंध बहुत ही गहरा लगता है. आप उनके ब्लाग में जा कर कविता का आनंद भी ले सकते हैं और संगीत का भी बस केवल यहां क्लिक करके.
गौरतलब है कि इन संभावनायों को पैदा करने और उन्हें एक नयी दिशा दिखाने में तहलका का उल्लेखनीय योगदान है. वही सफ़र आज एक काफिला बन गया है.आज इसमें शामिल होने के लिए लोग धडल्ले से आ रहे हैं. वे कैसा लिखते हैं. कितना गहरा लिखते हैं यह सब तो उनकी रचना ही बताएगी पर फिलहाल उनका स्वागत करना तो बनता ही है न.नए ब्लागों में एक हैं ज़रा सोचो भाई,इसी तरह एक और नाम सामने आया है मौलश्री जिसकी ब्लॉगर हैं अहमदाबाद गुजरात की अपर्णा मनोज भटनागर.कई और नाम भी हैं जिन पर चर्चा होती रहेगी. अगर आपकी जानकारी में भी कोई ऐसी सूचना हो तो अवश्य बताएं.--रेक्टर कथूरिया 

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