Monday, July 26, 2010

जंगल की जंग सिखाने के लिए छत्तीसगढ़ में खोले गए तीन विशेष ट्रेनिंग स्कूल

अब कोई अरुंधति राये को कुछ भी कहे, उसे जितनी जी चाहे गालियाँ  दे, उसके पुतले फूंके, उसे देश द्रोही बताये या माओवादियों की हमदर्द बताये पर उसका मुकाम अब और ऊँचाई पर पहुंच चुका है. अब उसका नाम मदर टेरेसा, मिशेल ओबामा, हिलेरी क्लिंटन और कोंडोलिजा राईस जैसे नामों के साथ जुड़ गया है. अरुंधति को विश्व की उन तीस महिलायों में शुमार किया गया है जिन्हें दुनिया के लिए सब से अधिक प्रेरणादायी महिलायों के तौर पर जाना जा रहा है. अरुंधति का नाम इस सूची में तीसरे स्थान पर है जबकि पेप्सिको की मुखिया इन्द्र नूयी हैरी पोत्तेर्र की लेखिका जे के रोलिंग भी इस सूची में शामिल है.इस सूची को तैयार किया है अमरीकी पत्रिका फ़ोर्ब्स ने.
अब बात अरुंधति  की चले और नक्सलवादियों या फिर माओवादियों का कोई ज़िक्र न छिड़े....कम से कम आज के दौर में तो यह बात कुछ बनती भी नहीं और अगर बन जाए तो फिर वह जचेगी नहीं. सो आज ही एक और खबर भी दिखी है. नक्सलवादियों से निपटने के लिए बैल्जियन शेफार्ड कुत्तों को मंगवाया गया है इन ट्रेंड कुत्तों को झारखंड और छत्तीसगढ़ के उन जंगलों में तायनात किया जाएगा जहां चार महीने में ही सुरक्षा बलों के 120 जवान अपनी जानें गंवा चुके हैं.मालीनोयीज़ प्रजाति के इन कुत्तों को कहां तक सफलता मिलती है इसका पता तो अब आने वाले दिनों में ही चल सकेगा.लेकिन एक बात माननी पड़ेगी कि इन्सान ने चाहे कितनी ही बेईमानियाँ और बे-वफाईयां सीख ली हों पर कुत्तों ने अपनी शान पर कभी आंच नहीं आने दी.
अब कुत्तों को वह तायनात किये जाने कि खबर सुन कर आप यह मत समझ लेना कि वहां इंसानी प्रयासों में कोई कमी आयी है. ऐसा कुछ नहीं है जनाब.छत्तीसगढ़ में नक्सलवादी आतंक से निपटने के लिए तीन विशेष स्कूल खोले गए हैं जहां सुरक्षा बलों के जवानों को जंगल कि लडाई और गुरीला युद्ध के दांव पेंच सिखाये जाते हैं. गौरतलब है इस स्कूल ने वर्ष 2005 तक अलग अलग प्रदेशों के सात हजार जवानों को इस तरह कि जंगी तकनीकों में ट्रेंड किया था.आप इस का पूरा विवरण पढ़ सकते हैं केवल यहां क्लिक करके.इसी बीच पंजाब में आतंकवाद के मामले में गिरफ्तारियों का सिलसिला जारी है.असला भी बरामद हो रहा है और डेरों के मुखियों को उड़ाने की साज़िश का भी खुलासा हुआ है.आपको आज की यह प्रस्तुती कैसी लगी अवश्य बताएं.अगर आपके पास कोई खास बात हो तो वह भी ज़रूर भेजें.--रेक्टर कथूरिया 

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