13th July 2022 at 10:07 PM
वन विभाग में संगठित भ्रष्टाचार के दोष अधीन हुई गरिफ्तारी
विजीलैंस ब्यूरो द्वारा हुई गरिफ्तारी
चंडीगढ़: 13 जुलाई 2022: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो)::
इस सम्बन्धी जानकारी देते हुए विजीलैंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि ब्यूरो ने दलजीत सिंह की गिरफ़्तारी के लिए कई सुराग और सबूत मौजूद होने वाली डायरी बरामद की है। इस सम्बन्ध में वन ठेकेदार हरमिन्दर सिंह हैमी को पहले विजीलैंस ब्यूरो द्वारा गिरफ़्तार किया गया था, जिसने कबूल किया था कि उसने मोहाली जिले के गाँव नाडा में ख़ैर के पेड़ काटने का पर्मिट जारी करने के बदले कुलविन्दर सिंह के द्वारा 5 लाख की रिश्वत पूर्व मंत्री संगत सिंह गिलज़ीयां को दी थी। इसके अलावा उसने इस विभाग के रेंज अफ़सर, ब्लॉक अफ़सर और गार्ड को भी रिश्वत दी थी।
उन्होंने आगे बताया कि ब्यूरो ने पूर्व वन मंत्री साधु सिंह धर्मसोत और संगत सिंह गिलज़ीयां समेत अन्य अधिकारियां/प्राइवेट व्यक्तियों के खि़लाफ़ एफ.आई.आर. नम्बर 07 तारीख़ 06-06-2022 के अंतर्गत इन मंत्रियों, अधिकारियों, कर्मचारियों और निजी व्यक्तियों द्वारा किए जा रहे संगठित भ्रष्टाचार के आरोपों के तहत विजीलैंस ब्यूरो द्वारा मामला दर्ज किया है। इस केस की जांच के दौरान साधु सिंह धर्मसोत या अन्य मुलजि़मों को 07-06-2022 को गिरफ़्तार किया गया था और अब वह न्यायिक हिरासत में हैं।
प्रवक्ता ने आगे खुलासा किया कि संगत सिंह गिलज़ीयां के सितम्बर 2021 में वन मंत्री के तौर पर नियुक्ति के बाद वन विभाग में सरकारी फंडों की हेराफेरी और सरकारी फंडों के गबन के उपरोक्त आरोपों की जांच के दौरान जुबानी सबूतों समेत दस्तावेज़ी और तकनीकी सबूत हासिल किए गए हैं। विजीलैंस ब्यूरो द्वारा प्राप्त की गई जानकारी दिखाती है कि संगत सिंह गिलज़ीयां का भतीजा दलजीत सिंह पुत्र जोगिन्दर सिंह विभाग के मंत्री द्वारा सरकारी और ग़ैर-सरकारी मामलों में सीधे तौर पर दख़ल देता था।
और अधिक जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि दलजीत सिंह अपने निजी हितों के लिए विभाग के अधिकारियों को सीधे तौर पर हिदायतें जारी करता रहा था। इसके अलावा विभाग के उच्च अधिकारियों और प्राईवेट ठेकेदारों के साथ हुई बातचीत और वाट्सऐप चैट हासिल की है जिससे पता लगता है कि संगत सिंह गिलज़ीयां के मंत्री के तौर पर कार्यकाल के दौरान उनके भतीजो ने सरकारी भुगतान करने के लिए सीधे तौर पर अपना प्रभाव बरतने के अलावा विभाग द्वारा ट्री-गार्ड खरीदने, ग़ैर-कानूनी माइनिंग के लिए पर्मिट जारी करने और ख़ैर के वृक्षों की कटाई में भी अपना दख़ल देता रहा।
प्रवक्ता ने आगे बताया कि इस मामले की जांच के दौरान भी दलजीत सिंह अन्य संदिग्ध/आरोपी व्यक्तियों/अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में था और उनको हिदायतें दे रहा था, जिससे मामले की गहराई से जांच प्रभावित हो रही थी। जाँच के दौरान उसके मुलजि़म साबित होने के कारण आज तारीख़ 13-07-2022 को उसे गिरफ़्तार कर लिया गया। इस मामले की अगली जांच जारी है।
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