Sunday, October 10, 2021

मनोजिज्ञासा ने मनाया GCG में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस

Sunday: 10th October at 01:55 PM

 इस यादगारी आयोजन में मुख्य अतिथि थे  डॉ. डी.जे. सिंह 


लुधियाना: 10 अक्टूबर 2021: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो)::
मानसिक स्वास्थ्य की बात करें तो शायद बहुत कम लोग होंगें जो पूरी तरह स्वस्थ होंगें। मौजूदा लाईफ स्टाईल और हालात ने मानसिक स्वास्थ्य का बहुत ज़्यादा नुकसान किया है। बीपी जैसी बिमारियों के नाम ले क्र बहुत सी मानसिक बीमारियां छिप भी जाती हैं। नशे के बढ़ रहे रुझानों की गहराई में जाएं तो उनकी पृष्ठभूमि में भी मानसिक अस्वस्थता से सबंधित कारण ही मिलेंगे। स्थिति की गंभीरता को समझा लुधियाना में स्थित लड़कियों के राजकीय कालेज जीसीजी ने। इसी कालेज में किया गया इस पर विशेष चर्चा का आयोजन जिसमें बहुत सी काम की बातें हुईं। बहुत ही सादगी से इन पर गहरी चर्चा हुई। इनकी जानकारी बहुत से लोगों को मिली। एक चेतना जगाई गई जो लोगों को मानसिक स्वस्थ रहने के गुर याद रखने और समझने में सहयक ही होगी। आज जिस हिसाब से दुनिया चल रही है उसमें मानसिक स्वास्थ्य लगातार खतरों में पड़ता जा रहा है। इस कार्यक्रम में विशेषज्ञ बुलाए गए थे जिन्होंने एक एक परत को सब के सामने खोला। 

मनोजिज्ञासा-सोसाइटी ऑफ साइकोलॉजी स्टूडेंट्स ऑफ गवर्नमेंट कॉलेज फॉर गर्ल्स, लुधियाना ने पोस्टर मेकिंग, कोलाज मेकिंग और पीपीटी प्रतियोगिताओं का आयोजन करके विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया। छात्रों ने मनोसामाजिक समर्थन और मानसिक स्वास्थ्य जैसे विषयों पर पोस्टर/कोलाज और पीपीटी बनाए; अवसाद: चलो बात करते हैं; मानसिक स्वास्थ्य की रक्षा के लिए कोविड-19 महामारी के दौरान मानसिक स्वास्थ्य, मानसिक स्वास्थ्य के लिए प्राथमिक उपचार और मानसिक स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए मनोवैज्ञानिक प्रतिरक्षा।

डॉ. डी.जे. सिंह, एक सलाहकार मनोवैज्ञानिक और परिवार चिकित्सक और पूर्व संयुक्त निदेशक, पंजाब पुलिस प्रशिक्षण अकादमी, फिलौर मुख्य अतिथि थे और डॉ (श्रीमती) रविंदर कला, नैदानिक ​​मनोवैज्ञानिक, काउंसलर और निदेशक, माइंडप्लस, लुधियाना सम्मानित अतिथि थे। अवसर। समारोह की अध्यक्षता कॉलेज की कार्यवाहक प्राचार्या श्रीमती कृपाल कौर ने की। डॉ. राजीव के. सहगल, विभागाध्यक्ष, मनोविज्ञान विभाग द्वारा गणमान्य व्यक्तियों का गर्मजोशी से स्वागत किया गया। इस अवसर पर कॉलेज सलाहकार परिषद के सदस्य डॉ. योगेश शर्मा, श्रीमती गुरजिन्दर कौर, प्रो. बलदेव सिंह और डॉ. (श्रीमती) परमिंदर गिल ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। इस अवसर पर उपस्थित अन्य लोगों में डॉ. माधवी वशिष्ठ और प्रो. परवीन कुमार शामिल थे।

(श्रीमती) मनदीप कौर और (श्रीमती) अमिता सहगल ने पोस्टर मेकिंग और कोलाज मेकिंग प्रतियोगिताओं में निर्णायक के रूप में कार्य किया। पीपीटी प्रतियोगिता के लिए (श्रीमती) सरिता खुराना और (श्रीमती) हरलीन कौर निर्णायक रहीं। मंच संचालन समाज की अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष सुश्री जानवी जैन एवं सुश्री संवी सूद ने किया। पोस्टर मेकिंग और कोलाज मेकिंग प्रतियोगिता में पर्ल (बीए 3) और दीपिंदर कौर (बीए 1) ने पहला, हृशिता अरोड़ा (बीए 2) और हरलीन कौर (बीए 3) ने दूसरा, गगनप्रीत कौर (बीए 3) ने तीसरा स्थान हासिल किया। प्रभलीन कौर (बीए 1) और खुशी कौर सेठी (बीए 1) को सांत्वना पुरस्कार दिया गया। पीपीटी प्रतियोगिता में ज्ञान कपूर (बीए 1) और जशनप्रीत कौर (बीए 1) ने पहला, अश्मीत कौर (बीए 3) और स्तुति धीर (बीए 3) ने दूसरा, नमनदीप कौर (बीए 3) और पलक बग्गा ने स्थान हासिल किया। (बीए 3) ने तीसरा स्थान हासिल किया और मनवीर कौर (बीए 2) को सांत्वना पुरस्कार दिया गया।

डॉ. (श्रीमती) रविंदर कला, विशिष्ट अतिथि ने छात्रों को सकारात्मक मनोविज्ञान और खुशी के विज्ञान जैसी विभिन्न मनोवैज्ञानिक अवधारणाओं से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि कैसे एक अच्छा, सकारात्मक और सार्थक जीवन व्यतीत किया जाए। इस अवसर पर डॉ. डी.जे. सिंह, मुख्य अतिथि ने जागरूकता फैलाने और मानसिक बीमारियों से जुड़े कलंक को कम करने के लिए विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के महत्व के बारे में चर्चा की। कॉलेज की कार्यवाहक प्राचार्य श्रीमती कृपाल कौर ने भी अपने ज्ञान के शब्दों को साझा किया और छात्रों को आत्म-प्रेम में सक्षम होने और जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण रखने के लिए प्रोत्साहित किया।

इस अवसर पर साइकोलॉजी सोसायटी की नई टीम का स्थापना समारोह भी आयोजित किया गया। जनवी जैन (अध्यक्ष), सानवी सूद (उपाध्यक्ष), लक्षिता सूद (महासचिव), जशनप्रीत कौर (संयुक्त सचिव), बीर अबूर कौर (कोषाध्यक्ष), और गगनप्रीत कौर, महक शर्मा, गुरलीन कौर, वंशिका बेदी को कार्यकारी चुना गया। समाज के सदस्य।

समारोह के अंत में, (श्रीमती) उमंग भारती ने धन्यवाद के शब्द रखे। इस तरह यह यादगारी कार्यक्रम सम्पन्न हो गया। लेकिन इसमें उठाए गए मुद्दों पर हर रोज़ ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। 

एक नज़र इधर भी-क्या कहती है यह-पोस्ट स्क्रिप्ट: 

कभी एक गीत बहुत लोकप्रिय हुआ करता था: पल के लिए कोई हमें प्यार कर ले---झूठा ही सही! इंसान को झूठा प्यार मिलना भी मुश्किल हो गया है। ज़रा अनुमान लगाईए कया स्थिति होती होगी मानसिक स्वास्थ्य की। 

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