नाबालिग लवकुश के हत्यारे की दफा 302 के तहत हो गिरफतारी
संघर्षशील संगठनों के नेताओं पर झूठे केस रद्द करके उन्हें रिहा करो
लुधियाना: 20 नवंबर 2019: (पंजाब स्क्रीन टीम)::
हम्बड़ां कत्ल व दमन काण्ड व लुधियाना पुलिस के खिलाफ़ लुधियाना के दर्जन से अधिक जनवादी जनसंगठनों द्वारा गठित संघर्ष कमेटी ने जोरदार संघर्ष छेड़ दिया है। संघर्ष कमेटी ने 21 नवम्बर को हम्बड़ां में जोरदार प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। संघर्ष कमेटी का यह भी ऐलान है कि अगर इंसाफ न मिला तो संघर्ष और तीखा किया जाएगा। संघर्ष कमेटी की माँग है कि संघर्ष समिति की माँग है कि हम्बड़ां की मैंसर पलाईवुड फैक्ट्री में काम करने वाले 15 वर्षीय मज़दूर लवकुश की वहशी मारपीट करके कत्ल करन वाले ठेकेदार के विरुद्ध धारा 302 के अंतर्गत पर्चा दर्ज किया जाये, उसको तुरंत गिरफ़्तार किया जाये, पीडित परिवार को इंसाफ़ दिलाने के लिए संघर्ष कर रहे जनवादी जनसंगठनों के नेताओं पर दर्ज किया झूठा पर्चा रद्द किया जाये और उन्हें जेल से रिहा किया जाये। संघर्ष समिति की माँग है कि हम्बड़ां कत्ल कांड के दोषी के साथ मिलीभुगत करने वाले पुलिस अफसरों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्यवाही की जाये और लोगों का एकजुट रोष व्यक्त करने का हक बहाल किया जाये।
कुल 10 जन-नेताओं और कार्यकर्ताओं को झूठा पर्चा दर्ज करके जेल भेजा गया है। इन में पेंडू मज़दूर यूनियन (मशाल) के नेता /कार्यकर्ता सुखदेव भून्दड़ी, मेजर भैनी, चिमल सिंह, भाकियू (एकता-डकोंदा) व पेंडू मज़दूर यूनियन (मशाल) के नेता के सुखविन्दर हम्बड़ां, टेक्स्टाईल हौज़री कामगार यूनियन के नेता /कार्यकर्ता राजविन्दर, गुरदीप, जगदीश, नौजवान भारत सभा के नेता /कार्यकर्ता गुरविन्दर, शलेंदर, कारख़ाना मज़दूर यूनियन के नेता जसमीत शामिल हैं।
गौरतलब है कि मैंसर पलाईवुड फैक्ट्री हम्बड़ां में झारखंड से आए लवकुश नाम के 15 साला बच्चे से ठेकेदार रघबीर उपरोक्त फैक्ट्री अंदर लेबर का काम कराता था। तारीख़ 7नवंबर को फैक्ट्री अंदर काम दौरान रघबीर ने बच्चे लवकुश की बुरी तरह मारपीट की और उसके सिर में डंडे मारे। उसकी पी.जी.आई. में मौत हो गई। इसके बावजूद भी पुलिस दोषी ठेकेदार के ख़िलाफ़ पर्चा दर्ज नहीं कर रही थी। पुलिस ने बाद में लोगों के दवाब के चलते पर्चा दर्ज भी किया परन्तु धारा 302 की जगह धारा 304 ही लगाई। दोषी की तुरंत गिरफ्तारी, धारा 302 के अंतर्गत पर्चा दर्ज करने और मुआवज़े की माँग को लेकर पीडित परिवार, ग्रामीण मज़दूर यूनियन (मशाल), टेक्स्टाईल हौज़री कामगार यूनियन और ओर संगठनों ने 18 नवंबर को हम्बड़ां में रोष-प्रदर्शन किया। पुलिस ने इन्साफ के लिए कार्यवाही करने की जगह दमन का रास्ता चुना और संगठनों के नेताओं को गिरफतार कर धारा 186, 353, 341, 283, 149 के अंतर्गत पर्चा दर्ज करके आज जेल भेज दिया है। दूसरे तरफ़ पीडित परिवार और लवकुश की लाश का कुछ भी अता पता नहीं है।
हम्बड़ां कत्ल कांड दमन विरोधी संघर्ष समिति में टेक्स्टाईल हौज़री कामगार यूनियन, ग्रामीण मज़दूर यूनियन (मशाल), भारतीय किसान यूनियन (डकौंदा), एटक, जमहूरी किसान सभा, सीटू, मोलडर एंड स्टील वर्करज़ यूनियन, इंकलाबी मज़दूर केंद्र, कारख़ाना मज़दूर यूनियन, नौजवान भारत सभा, किरती किसान यूनियन, पेंडू मज़दूर यूनियन (मशाल), लाल झंडा भट्टा मज़दूर यूनियन, इंकलाबी केंद्र पंजाब, डी.टी.एफ., डी.एम.एफ., मोलडर एंड स्टील वर्कर्ज यूनियन, भारत निर्माण मज़दूर यूनियन आदि संगठन शामिल हैं।
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