21-फरवरी-2016 19:29 IST
आम अनुमोदन को 31 दिसंबर 2018 तक बढ़ाया
नई दिल्ली" 21 फ़रवरी 2016: (प.सू.का.):
वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित जिलों में जन उपयोगी बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए पर्यावरण और वन मंत्रालय ने आम मंजूरी दी
वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्रों में विकास जन गतिविधियों के महत्व को समझते हुए पर्यावरण और वन मंत्रालय ने अपने 13 मई 2011 में उल्लेखित आम अनुमोदन को 31 दिसंबर 2018 तक बढ़ा दिया है।
योजना आयोग द्वारा एकीकृत कार्य योजना कार्यान्वयन के लिए पहचान किए गए वामपंथी आतंकवाद से प्रभावित 60 जिलों में जन उपयोगी बुनियादी ढांचे के निर्माण को गति प्रदान करने के लिए पर्यावरण और वन मंत्रालय ने अपने 13 मई 2011 के पत्र द्वारा वन संरक्षण अधिनियम 1980 की धारा 2 के तहत सरकारी विभागों द्वारा महत्वपूर्ण जन उपयोगी बुनियादी ढांचे के सृजन के लिए आम मंजूरी दी थी। लेकिन इसमें पांच एकड़ से अधिक वन भूमि को शामिल न करने के लिए कहा गया था। इस प्रावधान को 117 वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित जिलों में आगे बढ़ाया गया था। यह अनुमोदन 31 दिसंबर 2015 तक वैध था।
स्कूलों, डिस्पेंसरियों/ अस्पतालों, बिजली और दूरसंचार लाइनों, पेय जल परियोजनाओं, जल/ वर्षाजल के संचयन, लघु सिंचाई, नहरों, ऊर्जा के गैर परंपरागत स्रोतों, कौशल उन्नयन, व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्रों, पावर सब स्टेशनों, ग्रामीण सड़कों, और संवेदनशील क्षेत्रों में पुलिस स्टेशनों/ पुलिस चौकियों/ सीमा चौकियों जैसे जन उपयोगी बुनियादी ढांचे के निर्माण के महत्व को ध्यान में रखते हुए यह आम मंजूरी दी गई थी।
हाल के वर्षों में सड़क को चौड़ा करने, सुधार परियोजनाएं, पुलिस बुनियादी ढांचा परियोजनाओं, पेय जल,बिजली, ट्रांसमिशन परियोजनाओं जैसी अनेक परियोजनाओं के अलावा गिरिडीह, झारखंड में सरकारी पॉलिटेक्निक, देवगढ़ में केंद्रीय विद्यालय का निर्माण, धमतरी छत्तीसगढ़ में मगरलोढ़ा बाल स्कूल परियोजना, कांकेर में आईटीआई प्रशिक्षण केंद्र, कुरवा, गोंदिया महाराष्ट्र में सरकारी मेडिकल कॉलेज का निर्माण, चांदपुर महाराष्ट्र में व्यावसायिक बांस अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना और मेडक तेलंगाना में बागवानी स्कूल की स्थापना जैसे अनेक कार्यों से इस अनुमोदन के तहत जनता को लाभ पहुंचा है।
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