21-सितम्बर-2015 19:17 IST
महिलाओं के विरूद्ध अपराध की घटनाओं में खतरनाक वृद्धि
गृह राज्य मंत्री ने दक्षिण एशियाई महिला शांति और सुरक्षा सम्मेलन का उद्घाटन किया
नई दिल्ली: 21 सितम्बर 2015: (पीआईबी):
केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री श्री किरेन रिजिजू ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा में सुधार लाने के लिए समाज को अपनी सोच में बदलाव लाना चाहिए। दक्षिण एशियाई महिला शांति और सुरक्षा सम्मेलन में आज यहां भारत, बांग्लादेश, नेपाल, फिलीपिन्स और म्यामार से आये प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए श्री किरेन रिजिजू ने कहा कि इस त्रासदी को दूर करने में केवल सरकार, न्यायपालिका और पुलिस के प्रयास ही काफी नहीं होंगे। देश में महिला-पुरूष आधारित भेदभाव और असमानता काफी गंभीर समस्या है। उन्होंने कहा कि मैं कल्पना भी नहीं कर सकता कि 21वीं सदी में भी महिलाओं को ऐसी यातनायें दी जा रही हैं।
हाल के वर्षों में महिलाओं के विरूद्ध अपराध की घटनाओं में खतरनाक वृद्धि होने के बारे में चर्चा करते हुए श्री रिजिजू ने कहा कि कानूनी प्रावधानों को सख्त बनाये जाने के कारण ऐसी घटनायें अधिक संख्या में दर्ज की जा रही हैं और केवल ऐसे अपराधों का पंजीकरण अनिवार्य कर देना ही मददगार नहीं होगा। उन्होंने कहा कि मुख्य बात यह है कि ऐसी घटनायें हो रही है और धरातल पर स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के विरूद्ध अपराध होना गहरी सामाजिक समस्या का परिणाम है और ऐसा देश प्रगति का दावा नहीं कर सकता, जहां समाज में महिलायें सुरक्षित न हों। यह कोई पुरूष अथवा महिला का प्रश्न नहीं है, बल्कि यह एक मानवता का विषय है। उन्होंने कहा कि इस समस्या के समाधान के लिए समुदाय, परिवार के सदस्यों को संवेदनशील बनाने की आवश्यकता है और इस समस्या का समाधान हम में से प्रत्येक के भीतर है।
इस बात की चर्चा करते हुए कि भारत महिलाओं की समानता पर आधारित विभिन्न क्षेत्रीय और वैश्विक संधियों का हस्ताक्षरकर्ता है, श्री रिजिजू ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा और समानता के मुद्दे पर भारत के पास जिस प्रकार के अस्पष्ट और सशक्त वैधानिक प्रावधान हैं, उतना अन्य किसी देश के पास नहीं हैं। भारत में महिलाओं की सुरक्षा के लिए कई वैधानिक प्रावधान तो हैं, किन्तु समाज की सोच में यह समस्या ग्रसित है। उन्होंने कहा कि हमें एक साथ आकर सामूहिक तौर पर इस समस्या का समाधान ढूंढ़ना है।
अपने भाषण के अंत में श्री रिजिजू ने कहा कि इन मुद्दों पर एकजुटता दर्शाने के लिए मैं यहां आया हूं। कृपया मुझे अपने आंदोलन का हिस्सा मानें। इन देशों में महिलाओं के लिए महिलाओं के लिए शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हमें साथ मिलकर काम करना चाहिए।
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एसकेएस/जीआरएस-4628
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