24-सितम्बर-2013 20:04 IST
पेट्रोलियम मंत्री डॉ. वीरप्पा मोइली का प्रेस कान्फ्रेंस में संबोधन
प्रिय मित्रों,
जैसा कि आपको विदित है, हमारे देश के आर्थिक संवर्द्धन एवं विकास के लिए ऊर्जा की उपलब्धता महत्वपूर्ण है।उर्जा का प्रमुख भाग तेल एवं गैस उत्पादन के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।पेट्रोलियम उत्पादको के लिए बढ़ती मांग पर्यावरण के साथ साथ हमारी विदेशी मुद्रा की स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव के बारे में चिंता भी उत्पन्न हो रही है। आज हमारी घरेलू मांग को पूरा करने के लिए 75 प्रतिशत से ज्यादा कच्चे तेल का आयात करना पड रहा है। चालू वर्ष 2013-14 के लिए हमारी अभिकल्पित आवश्यकता लगभग 160 मिट्रिक मिलियम टन (एम एम टी) रहेगी।
मेरे मंत्रालय द्वारा बड़े उपभोक्ताओं को बाजार मूल्य पर डीज़ल की आपूर्ति, कुकिंग गैस सिलेन्डरों की संख्या सीमित करने, एल पी जी सिलेन्डरों के छद्म उपभोक्ताओं को समाप्त करना, राज्यों के लिए केरोसीन ऑयल के कोटे के युक्तिसंगत बनाने जैसे महत्वपूर्ण उपाय पहले से शुरू कर दिए गए हैं और उनके परिणाम भी सामने आ रहे हैं। पीपीएसी से यह जानकारी प्राप्त हुई है कि अप्रैल-अगस्त 2013 के दौरान एलपीजी और डीजल दोनों की रुपये में क्रमश: 1.6 और 1 प्रतिशत की नकारात्मक वृद्धि दर्ज हुई है। रुपये के गिरते मूल्य तथा अल्प वसूलियों एवं कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि से, हम इसकी भरपाई नहीं कर पाएंगे। हमें ईंधन के अनुरक्षण के लिए ज्यादा उपाय करने होंगे, जिसमें भारी मूल्यवृद्धि अथवा मात्रागत प्रतिबंधों जैसी कड़ी प्रतिकूल परिस्थितियों से जुझना होगा।
मित्रों, आपकों ज्ञात होगा कि भारत में युवा जनसंख्या की प्रतिशतता कहीं ज्यादा है और ये युवा पीढ़ी दुपहिया वाहनों को सबसे ज्यादा इस्तेमाल करते हैं। मुझे यह बताते हुए प्रसन्नता है कि इस महा अभियान के दौरान विराट कोहली और सायना नेहवाल जैसे युवा शक्तिपुंज ऊर्जा संरक्षण के संदेश के प्रचार-प्रसार हेतु इसे अभियान से जुड़ेंगे। हम भी आपकों स्मार्ट फोन तथा नए मीडिया संसाधनों के जरिए ऊर्जा की बचत करने के टिप्स की जानकारी देंगे।
2. यदि हम विभिन्न क्षेत्रों के पेट्रोलियम उत्पाद की मांग का विश्लेषण करें, तो पाएंगे कि परिवहन क्षेत्र में ऊर्जा का व्यापक इस्तेमाल होता है। परिवहन क्षेत्र में महत्वपूर्ण घटक बस तथा ट्रक हैं, जिनमें करीब 68 एमएमटी की खपत होती है। इसके बाद पेंसेजर कार, टैक्सी, एसयूवी जैसी कमर्शियल कारें आती है। इसके अलावा, कृषि क्षेत्र में मूलत: ट्रैक्टरों व डीजल पम्पों सेटों में भी इसकी भारी मांग है।
3. यहां विभिन्न क्षेत्रों के उपभोक्ता अपनी आवश्यकता के अनुसार पेट्रोलियम उत्पादों का इस्तेमाल करते हैं, वहीं इन पेट्रोलियम उत्पादों की बर्बादी को न्यूनतम करके इसमें अनुरक्षण की विपुल संभावनाएं विद्यमान है। परिवहन क्षेत्र, कृषि के साथ-साथ घरेलू उपभोक्ता भी सरल किंतु प्रभावी अनुरक्षण टिप्स को अपनाकर इन उत्पादों के उपयोग में कभी ला सकते हैं।
4. (क) समुचित ड्राइविंग प्रवृति (ख) वाहनों का बेहतर रख रखाव (ग) कार्यालय और स्कूल जाने के लिए कार-पुलिंग प्रणाली अपनाना (घ) ट्रैफिक लाइनों पर इंजिन स्वीच ऑफ करने जैसे सरल उपायों से परिवहन क्षेत्र में ईंधन की बर्बादी को रोका जा सकता है। इसी भांति, कृषि क्षेत्र में भी ट्रैक्टरों तथा डीजल पम्पों की समुचित रख रखाव व ड्राइविंग से डीजल की बचत की जा सकती है। परिवार/घरेलू क्षेत्र में एलपीजी खाना बनाने का मुख्य ईंधन स्रोत है। बेहतर कुकिंग आदत से ईंधन बचत टिप्स हमारे घरों में एलपीजी गैस बचाने में मदद मिलेगी।
5. पेट्रोलियम उत्पादों के अनुरक्षण के लिए उपभोक्ताओं के बीच जागरूकता लाने की दृष्टि से मेरा मंत्रालय एम ''राष्ट्रव्यापी-अभियान'' शुरू करेगा, जिसमें परिवहन क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इसका उद्देश्य शहरों और कस्बों में उपभोक्ताओं को अपने ईंधन बिलों को न्यूनतम करने के लिए प्रोत्साहित कराना होगा, ताकि तेल का आयात कम करने में हमारे देश की मदद हो सके।
6. विस्तृत विचार-विमर्श के उपरांत हमने गतिविधियों की एक योजना को अंतिम रूप दिया है, जिसे छ: सप्ताह की अवधि के लिए देशभर में 1 अक्टूबर 2013 से शुरू किया जाएगा। इन गतिविधियों में अनुरक्षण उपाय अपनाने में उपभोक्ताओं को प्रोत्साहित करने के लिए उनसे प्रत्यक्ष संवाद स्थापित किया जाएगा। इसके साथ-साथ हम टीवी, प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के जरिए इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर जन-जागृति का निर्माण करेंगे। इस अभियान के लिए 45 करोड़ रुपये से ऊपर का कुल निधिगत आवंटन किया गया है, जिसे 6 सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों और पीसीआरए बजट से वहन किया जाएगा।
7. जैसा कि मैंने उल्लेख किया है, हमारा मुख्य ध्यान परिवहन क्षेत्र पर होगा, अत: हम 'परिवहन क्षेत्र में ईंधन मितव्यतता पर राष्ट्रीय कार्यशाला'' की राष्ट्रव्यापी शुरुआत 1 अक्टूबर 2013 को करेंगे। हम प्रिंट, टेलीविजन, रेडियो, सिनेमा, वेबसाइटों आदि जैसे व्यापक प्रचार माध्यमों से इसकी शुरुआत करेंगे। हम एलपीजी क्लिनिक किसान मेले, ड्राइवर प्रशिक्षण कार्यक्रम, नुक्कड़ नाटक, मैराथन दौड़, क्षेत्रीय कार्यालयों पर वाहनों की जांच आदि उपायों का संचालन करेंगे, ताकि ईंधन संरक्षण का संदेश घर-घर पहुंच सकें।
8. मेरे मंत्रालय के मार्गदर्शन के अधीन, पीसीआरए ने ऊर्जा रक्षता ब्यूरो (वीईई) व अन्य साझेदारों के साथ परामर्श करके एलपीजी स्टोव और डीजल पम्पों के लिए बेंच मानदण्ड तैयार किये हैं। इस कार्यक्रम से उपभोक्ताओं को अधिक ईंधन दक्ष उपकरणों की उपलब्धता में सुविधा रहेगी और एलपीजी व डीजल की खपत में कमी आएगी। वीईई अक्टूबर 2013 के दौरान इन मानदण्डों की घोषणा करेगी। भविष्य के लिए प्रेरणा लेने के दृष्टिगत समवर्ती तृतीय पक्ष द्वारा इन गतिविधियों का मूल्यांकन किया जाएगा, जिसका समन्वय पीसीआरए द्वारा किया जाएगा। ओएमसी वितरण निष्पादक है और कतिपय विशेष अवयवों को इन ईंधन में मिलाने से पेट्रोल व डीजल की ऊर्जा क्षमता बढ़ जाती है, रख-रखाव लागत में कमी आती है और इससे प्रदूषण भी कम फैलता है। तथापि यह ईंधन उच्चतर सांविधिक कर्तव्यों के फलस्वरूप ज्यादा महंगे हैं, अत: मेरे मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय के साथ इस मामले को उठाया है ताकि ड्यूटी संरचना को युक्तिसंगत किया जा सके, जो इसके व्यापक उपयोग को बढ़ावा देगा।
9. मैंने केन्द्रीय ऊर्जा, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री, शहरी विकास मंत्री और कृषि मंत्री के साथ व्यक्तिगत रूप से इस मामले को उठाया है कि वे अपनी गतिविधियों के माध्यम से इस महा अभियान को अपना समर्थन प्रदान करें। मैंने पेट्रोलियम अनुरक्षण संदेश को प्रचारित कराने के लिए इस राष्ट्रव्यापी अभियान में सभी मुख्यमंत्रियों का सहयोग भी मांगा है। मैंने शहरी विकास मंत्री से चुने हुए शहरों में ईंधन की बचत के लिए ''नि:शुल्क साइकिल योजना'' शुरू करने तथा हमारी तेल क्षेत्र की कंपनियों से भी निधि जुटाने का अनुरोध किया है। मैंने कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन राज्य मंत्री को भी पत्र लिखकर सरकारी कार्यालयों में ''भिन्न कार्य के घंटे'' नियत करने का अनुरोध किया है, जिससे व्यस्तता के घंटों के दौरान रोड ट्रैफिक जाम की रोक थाम में मदद मिलेगी। मैंने सभी मुख्यमंत्रियों, प्रमुख सार्वजनिक क्षेत्र के प्रमुखों तथा विभिन्न केन्द्रीय मंत्रालयों के प्रमुखों से भी अनुरोध किया है कि वे सप्ताह के 1 दिवस को ''बस दिवस'' के रूप में घोषित करें, जिसके दौरान वे सभी अपने दैनिक यात्रा के लिए केवल सार्वजनिक वाहन के इस्तेमाल को प्रोत्साहन देंगे।
10. इस समय राज्य परिवहन उपक्रम किसी सब्सिडी के बगैर बाजार मूल्य पर डीजल की खरीद कर रहे हैं। इस मुद्दे पर हमें विभिन्न राज्यों से अभ्यावेदन प्राप्त हुए हैं। ओएमसीएस ने भी अवगत कराया है कि दोहरी मूल्य प्रणाली कार्य नहीं कर पा रही है, क्योंकि राज्य परिवहन उपक्रम अपनी बस फिलिटों के लिए रिटेल आऊटलेटों से ईंधन ले रही हैं, जिससे रिटेल आऊटलेटों के सुचारू काम काज में बांधा आती है और इस प्रक्रिया में ईंधन बर्बाद होता है। सार्वजनिक परिवहन को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता के दृष्टिगत हम सब्सिडी युक्त मूल्य पर एसटीयू को डीजल की खरीद की अनुमति देने पर विचार कर रहे हैं, किंतु यह हमारे अनुरक्षण अभियान में उनकी सक्रिय सहभागिता के अध्याधीन होगा।
11. चालकों की ड्राइविंग आदत में सुधार लाना काफी महत्वपूर्ण है। पीसीआरए की ''ड्राइविंग ट्रेनिंग कार्यक्रम'' (जो तीन दिवसीय सघन मॉड्यूल है) के अंतर्गत 50 हजार ड्राइवरों को पहले ही प्रशिक्षण दिया जा चुका है। हमारा प्रस्ताव अगले 6 महीनों में और 20 हजार एसटीयू ड्राइवरों को प्रशिक्षण प्रदान करना है। बाद में, एसटीयू की सहायता से हम अगले दो वर्षों में और एक लाख ड्राइवरों को प्रशिक्षण दिलाना चाहेंगे। इसी भांति, ट्रांसपोर्ट हबो में हमारी योजना '' ट्रक ड्राइवरों'' को आधे दिन का प्रशिक्षण दिलाना है। अगले दो माह में हमारा प्रस्ताव 30 हजार ट्रक ड्राइवरों को प्रशिक्षण दिलाना है।
12. प्रिय मित्रों, देश में प्रत्येक व्यक्ति से मेरी अपील है कि वे इस राष्ट्रीय महा अभियान को सफल बनाने में मेरे मंत्रालय के साथ सहयोग करें ताकि देश को तेल आयात कम करने में मदद मिल सकें। (PIB)
***
वि.कासोटिया/सुरेन्द्र/मनोज-6371
पेट्रोलियम मंत्री डॉ. वीरप्पा मोइली का प्रेस कान्फ्रेंस में संबोधन
प्रिय मित्रों,
जैसा कि आपको विदित है, हमारे देश के आर्थिक संवर्द्धन एवं विकास के लिए ऊर्जा की उपलब्धता महत्वपूर्ण है।उर्जा का प्रमुख भाग तेल एवं गैस उत्पादन के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।पेट्रोलियम उत्पादको के लिए बढ़ती मांग पर्यावरण के साथ साथ हमारी विदेशी मुद्रा की स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव के बारे में चिंता भी उत्पन्न हो रही है। आज हमारी घरेलू मांग को पूरा करने के लिए 75 प्रतिशत से ज्यादा कच्चे तेल का आयात करना पड रहा है। चालू वर्ष 2013-14 के लिए हमारी अभिकल्पित आवश्यकता लगभग 160 मिट्रिक मिलियम टन (एम एम टी) रहेगी।
मेरे मंत्रालय द्वारा बड़े उपभोक्ताओं को बाजार मूल्य पर डीज़ल की आपूर्ति, कुकिंग गैस सिलेन्डरों की संख्या सीमित करने, एल पी जी सिलेन्डरों के छद्म उपभोक्ताओं को समाप्त करना, राज्यों के लिए केरोसीन ऑयल के कोटे के युक्तिसंगत बनाने जैसे महत्वपूर्ण उपाय पहले से शुरू कर दिए गए हैं और उनके परिणाम भी सामने आ रहे हैं। पीपीएसी से यह जानकारी प्राप्त हुई है कि अप्रैल-अगस्त 2013 के दौरान एलपीजी और डीजल दोनों की रुपये में क्रमश: 1.6 और 1 प्रतिशत की नकारात्मक वृद्धि दर्ज हुई है। रुपये के गिरते मूल्य तथा अल्प वसूलियों एवं कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि से, हम इसकी भरपाई नहीं कर पाएंगे। हमें ईंधन के अनुरक्षण के लिए ज्यादा उपाय करने होंगे, जिसमें भारी मूल्यवृद्धि अथवा मात्रागत प्रतिबंधों जैसी कड़ी प्रतिकूल परिस्थितियों से जुझना होगा।
मित्रों, आपकों ज्ञात होगा कि भारत में युवा जनसंख्या की प्रतिशतता कहीं ज्यादा है और ये युवा पीढ़ी दुपहिया वाहनों को सबसे ज्यादा इस्तेमाल करते हैं। मुझे यह बताते हुए प्रसन्नता है कि इस महा अभियान के दौरान विराट कोहली और सायना नेहवाल जैसे युवा शक्तिपुंज ऊर्जा संरक्षण के संदेश के प्रचार-प्रसार हेतु इसे अभियान से जुड़ेंगे। हम भी आपकों स्मार्ट फोन तथा नए मीडिया संसाधनों के जरिए ऊर्जा की बचत करने के टिप्स की जानकारी देंगे।
2. यदि हम विभिन्न क्षेत्रों के पेट्रोलियम उत्पाद की मांग का विश्लेषण करें, तो पाएंगे कि परिवहन क्षेत्र में ऊर्जा का व्यापक इस्तेमाल होता है। परिवहन क्षेत्र में महत्वपूर्ण घटक बस तथा ट्रक हैं, जिनमें करीब 68 एमएमटी की खपत होती है। इसके बाद पेंसेजर कार, टैक्सी, एसयूवी जैसी कमर्शियल कारें आती है। इसके अलावा, कृषि क्षेत्र में मूलत: ट्रैक्टरों व डीजल पम्पों सेटों में भी इसकी भारी मांग है।
3. यहां विभिन्न क्षेत्रों के उपभोक्ता अपनी आवश्यकता के अनुसार पेट्रोलियम उत्पादों का इस्तेमाल करते हैं, वहीं इन पेट्रोलियम उत्पादों की बर्बादी को न्यूनतम करके इसमें अनुरक्षण की विपुल संभावनाएं विद्यमान है। परिवहन क्षेत्र, कृषि के साथ-साथ घरेलू उपभोक्ता भी सरल किंतु प्रभावी अनुरक्षण टिप्स को अपनाकर इन उत्पादों के उपयोग में कभी ला सकते हैं।
4. (क) समुचित ड्राइविंग प्रवृति (ख) वाहनों का बेहतर रख रखाव (ग) कार्यालय और स्कूल जाने के लिए कार-पुलिंग प्रणाली अपनाना (घ) ट्रैफिक लाइनों पर इंजिन स्वीच ऑफ करने जैसे सरल उपायों से परिवहन क्षेत्र में ईंधन की बर्बादी को रोका जा सकता है। इसी भांति, कृषि क्षेत्र में भी ट्रैक्टरों तथा डीजल पम्पों की समुचित रख रखाव व ड्राइविंग से डीजल की बचत की जा सकती है। परिवार/घरेलू क्षेत्र में एलपीजी खाना बनाने का मुख्य ईंधन स्रोत है। बेहतर कुकिंग आदत से ईंधन बचत टिप्स हमारे घरों में एलपीजी गैस बचाने में मदद मिलेगी।
5. पेट्रोलियम उत्पादों के अनुरक्षण के लिए उपभोक्ताओं के बीच जागरूकता लाने की दृष्टि से मेरा मंत्रालय एम ''राष्ट्रव्यापी-अभियान'' शुरू करेगा, जिसमें परिवहन क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इसका उद्देश्य शहरों और कस्बों में उपभोक्ताओं को अपने ईंधन बिलों को न्यूनतम करने के लिए प्रोत्साहित कराना होगा, ताकि तेल का आयात कम करने में हमारे देश की मदद हो सके।
6. विस्तृत विचार-विमर्श के उपरांत हमने गतिविधियों की एक योजना को अंतिम रूप दिया है, जिसे छ: सप्ताह की अवधि के लिए देशभर में 1 अक्टूबर 2013 से शुरू किया जाएगा। इन गतिविधियों में अनुरक्षण उपाय अपनाने में उपभोक्ताओं को प्रोत्साहित करने के लिए उनसे प्रत्यक्ष संवाद स्थापित किया जाएगा। इसके साथ-साथ हम टीवी, प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के जरिए इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर जन-जागृति का निर्माण करेंगे। इस अभियान के लिए 45 करोड़ रुपये से ऊपर का कुल निधिगत आवंटन किया गया है, जिसे 6 सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों और पीसीआरए बजट से वहन किया जाएगा।
7. जैसा कि मैंने उल्लेख किया है, हमारा मुख्य ध्यान परिवहन क्षेत्र पर होगा, अत: हम 'परिवहन क्षेत्र में ईंधन मितव्यतता पर राष्ट्रीय कार्यशाला'' की राष्ट्रव्यापी शुरुआत 1 अक्टूबर 2013 को करेंगे। हम प्रिंट, टेलीविजन, रेडियो, सिनेमा, वेबसाइटों आदि जैसे व्यापक प्रचार माध्यमों से इसकी शुरुआत करेंगे। हम एलपीजी क्लिनिक किसान मेले, ड्राइवर प्रशिक्षण कार्यक्रम, नुक्कड़ नाटक, मैराथन दौड़, क्षेत्रीय कार्यालयों पर वाहनों की जांच आदि उपायों का संचालन करेंगे, ताकि ईंधन संरक्षण का संदेश घर-घर पहुंच सकें।
8. मेरे मंत्रालय के मार्गदर्शन के अधीन, पीसीआरए ने ऊर्जा रक्षता ब्यूरो (वीईई) व अन्य साझेदारों के साथ परामर्श करके एलपीजी स्टोव और डीजल पम्पों के लिए बेंच मानदण्ड तैयार किये हैं। इस कार्यक्रम से उपभोक्ताओं को अधिक ईंधन दक्ष उपकरणों की उपलब्धता में सुविधा रहेगी और एलपीजी व डीजल की खपत में कमी आएगी। वीईई अक्टूबर 2013 के दौरान इन मानदण्डों की घोषणा करेगी। भविष्य के लिए प्रेरणा लेने के दृष्टिगत समवर्ती तृतीय पक्ष द्वारा इन गतिविधियों का मूल्यांकन किया जाएगा, जिसका समन्वय पीसीआरए द्वारा किया जाएगा। ओएमसी वितरण निष्पादक है और कतिपय विशेष अवयवों को इन ईंधन में मिलाने से पेट्रोल व डीजल की ऊर्जा क्षमता बढ़ जाती है, रख-रखाव लागत में कमी आती है और इससे प्रदूषण भी कम फैलता है। तथापि यह ईंधन उच्चतर सांविधिक कर्तव्यों के फलस्वरूप ज्यादा महंगे हैं, अत: मेरे मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय के साथ इस मामले को उठाया है ताकि ड्यूटी संरचना को युक्तिसंगत किया जा सके, जो इसके व्यापक उपयोग को बढ़ावा देगा।
9. मैंने केन्द्रीय ऊर्जा, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री, शहरी विकास मंत्री और कृषि मंत्री के साथ व्यक्तिगत रूप से इस मामले को उठाया है कि वे अपनी गतिविधियों के माध्यम से इस महा अभियान को अपना समर्थन प्रदान करें। मैंने पेट्रोलियम अनुरक्षण संदेश को प्रचारित कराने के लिए इस राष्ट्रव्यापी अभियान में सभी मुख्यमंत्रियों का सहयोग भी मांगा है। मैंने शहरी विकास मंत्री से चुने हुए शहरों में ईंधन की बचत के लिए ''नि:शुल्क साइकिल योजना'' शुरू करने तथा हमारी तेल क्षेत्र की कंपनियों से भी निधि जुटाने का अनुरोध किया है। मैंने कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन राज्य मंत्री को भी पत्र लिखकर सरकारी कार्यालयों में ''भिन्न कार्य के घंटे'' नियत करने का अनुरोध किया है, जिससे व्यस्तता के घंटों के दौरान रोड ट्रैफिक जाम की रोक थाम में मदद मिलेगी। मैंने सभी मुख्यमंत्रियों, प्रमुख सार्वजनिक क्षेत्र के प्रमुखों तथा विभिन्न केन्द्रीय मंत्रालयों के प्रमुखों से भी अनुरोध किया है कि वे सप्ताह के 1 दिवस को ''बस दिवस'' के रूप में घोषित करें, जिसके दौरान वे सभी अपने दैनिक यात्रा के लिए केवल सार्वजनिक वाहन के इस्तेमाल को प्रोत्साहन देंगे।
10. इस समय राज्य परिवहन उपक्रम किसी सब्सिडी के बगैर बाजार मूल्य पर डीजल की खरीद कर रहे हैं। इस मुद्दे पर हमें विभिन्न राज्यों से अभ्यावेदन प्राप्त हुए हैं। ओएमसीएस ने भी अवगत कराया है कि दोहरी मूल्य प्रणाली कार्य नहीं कर पा रही है, क्योंकि राज्य परिवहन उपक्रम अपनी बस फिलिटों के लिए रिटेल आऊटलेटों से ईंधन ले रही हैं, जिससे रिटेल आऊटलेटों के सुचारू काम काज में बांधा आती है और इस प्रक्रिया में ईंधन बर्बाद होता है। सार्वजनिक परिवहन को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता के दृष्टिगत हम सब्सिडी युक्त मूल्य पर एसटीयू को डीजल की खरीद की अनुमति देने पर विचार कर रहे हैं, किंतु यह हमारे अनुरक्षण अभियान में उनकी सक्रिय सहभागिता के अध्याधीन होगा।
11. चालकों की ड्राइविंग आदत में सुधार लाना काफी महत्वपूर्ण है। पीसीआरए की ''ड्राइविंग ट्रेनिंग कार्यक्रम'' (जो तीन दिवसीय सघन मॉड्यूल है) के अंतर्गत 50 हजार ड्राइवरों को पहले ही प्रशिक्षण दिया जा चुका है। हमारा प्रस्ताव अगले 6 महीनों में और 20 हजार एसटीयू ड्राइवरों को प्रशिक्षण प्रदान करना है। बाद में, एसटीयू की सहायता से हम अगले दो वर्षों में और एक लाख ड्राइवरों को प्रशिक्षण दिलाना चाहेंगे। इसी भांति, ट्रांसपोर्ट हबो में हमारी योजना '' ट्रक ड्राइवरों'' को आधे दिन का प्रशिक्षण दिलाना है। अगले दो माह में हमारा प्रस्ताव 30 हजार ट्रक ड्राइवरों को प्रशिक्षण दिलाना है।
12. प्रिय मित्रों, देश में प्रत्येक व्यक्ति से मेरी अपील है कि वे इस राष्ट्रीय महा अभियान को सफल बनाने में मेरे मंत्रालय के साथ सहयोग करें ताकि देश को तेल आयात कम करने में मदद मिल सकें। (PIB)
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वि.कासोटिया/सुरेन्द्र/मनोज-6371
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