28-अगस्त-2013 19:45 IST
68.4 प्रतिशत नमूने नॉन-कंफर्मिंग अर्थात अवैध पाए गए
नई दिल्ली: 28 अगस्त 2013:(पीआईबी//पंजाब स्क्रीन):भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसए) द्वारा देशभर में दूध की गुणवत्ता का पता लगाने के लिए किए गए राष्ट्रीय सर्वेक्षण के अनुसार 68.4 प्रतिशत नमूने खाद्य सुरक्षा और मानक विनियम, 2011 के अनुसार नॉन-कंफर्मिंग अर्थात अवैध पाए गए हैं। नॉन कंफर्मिंग नमूनों का रिकार्ड राज्यों द्वारा रखा जाता है। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण द्वारा केंद्रीकृत रूप में इस बारे में कोई आंकड़े नहीं रखे जाते हैं। यह प्राधिकरण खाद्य वस्तुओं के विनिर्माण, भंडारण, वितरण, बिक्री और आयात को विनियमित करने तथा मानव उपभोग के लिए सुरक्षित एवं संपूर्ण भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के प्रयोजन के लिए एक नोडल एजेंसी है।
खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम-2006 के कार्यान्वयन का दायित्व राज्यों/संघ शासित प्रदेशों का है। राज्यों के खाद्य सुरक्षा अधिकारियों द्वारा दूध सहित खाद्य वस्तुओं के बेेतरतीब नमूने निर्दिष्ट खाद्य परीक्षण प्रयोगशालाओं के पास विश्लेषण के लिए भेजे जाते हैं। 12वीं पंचवर्षीय योजना में राज्य स्तर पर खाद्य नियामक प्रणाली के लिए 1500 करोड़ रुपये का परिव्यय निर्धारित किया गया है।
यह जानकारी कल राज्यसभा में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री श्री गुलाम नबी आजाद ने एक लिखित उत्तर में दी। (PIB)
वि.कासोटिया/प्रदीप/देवेश/संगीता/बेसरा/राजीव-5885
68.4 प्रतिशत नमूने नॉन-कंफर्मिंग अर्थात अवैध पाए गए
Courtesy photo |
खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम-2006 के कार्यान्वयन का दायित्व राज्यों/संघ शासित प्रदेशों का है। राज्यों के खाद्य सुरक्षा अधिकारियों द्वारा दूध सहित खाद्य वस्तुओं के बेेतरतीब नमूने निर्दिष्ट खाद्य परीक्षण प्रयोगशालाओं के पास विश्लेषण के लिए भेजे जाते हैं। 12वीं पंचवर्षीय योजना में राज्य स्तर पर खाद्य नियामक प्रणाली के लिए 1500 करोड़ रुपये का परिव्यय निर्धारित किया गया है।
यह जानकारी कल राज्यसभा में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री श्री गुलाम नबी आजाद ने एक लिखित उत्तर में दी। (PIB)
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