टी एम् यूं ने फिर बुलंद की मजदूरों के अधिकारों की आवाज़
लुधियाना: देश में अनगिनत कुर्बानियों के बाद आजादी के बाद
भी वोह सुबह नहीं आई जिसके लिए लोगों ने खून बहाया था र एक नए समाज की स्थापना के सपने देखे थे. शहीदों के मकसद का भारत अभी तक भी नहीं बन पाया. लम्बे संघर्ष किये बिना यहाँ कभी भी मजदूरों को अपना हक
नहीं मिला। मेहनत करना और उसका मुआवजा मांगने के वक्त लाठी गोली खाना एक
गरीब और मजदूर का नसीब बन गया है. यह सब याद दिलाते हुए संकल्प किया गया कि
हम सभी को उनका हक दिलाने का संकल्प लेना
होगा। एक जुट होना होगा और संघर्ष के रस्ते पर लगातार बिना थके चलना होगा.
यह बात शनिवार को टेक्सटाइल यूनियन के नेताओं ने मनजीत नगर स्थित
धर्मशाला में आयोजित सम्मेलन में पहुंचे श्रमिक प्रतिनिधियों को संबोधित
करते हुए कही गयीं। सम्मेलन को संबोधित करते हुए यूनियन के संयोजक
राजविंदर,
सुखविंदर, लखविंदर, गोपाल घनश्याम आदि ने कहा कि खुशहाल पंजाब में मजदूरों
का शोषण हो रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री से श्रमिकों को न्याय व उनका
अधिकार दिलाने के लिए कार्रवाई की मांग की। सम्मेलन में टेक्सटाइल मजदूर
यूनियन के संविधान का प्रारूप तैयार किया गया। इसके साथ ही प्रदेश कमेटी का
गठन भी किया गया। कमेटी में राजविंदर को प्रधान, ताज मोहम्मद को उप
प्रधान, विश्वनाथ को महासचिव, विशाल कुमार को सचिव, गोपाल को खजांची और
धनश्याम को प्रवक्ता नियुक्त किया गया। सम्मेलन में करीब 200 के डेलीगेटों
ने भाग लिया। यूनियन की ओर पांच अगस्त को ग्लाडा ग्राउंड चंडीगढ़ रोड पर
वर्धमान मिल के सामने विशाल रैली का आयोजन किया गया है। इस आयोजन से
लुधियाना की मजदूर जमात में एक नया जोश जगा है और sश्रमिक वर्ग का मनोबल और मजबूत हुआ है. इस मौके पर उपलब्धियों का लेखा
जोखा भी किया गया और नए निशाने भी सुनिश्चित किये गए. लटक रही समस्यायों
पर भी गंभीरता से विचार हुआ. अतीत के साथ साथ नई मंजिलों कि निशानदेही भी
की गई. कुल मिला कर यह आयोजन मजदूर आन्दोलन में एक नई जान फूंकने में सफल
रहा.lउम्मीद है कि यह आयोजन दुनिया भर के मजदूरों को एक करने के सैद्धांतिक क्षेत्र में भी अपना योगदान देगा. ---रेक्टर कथूरिया
भारतीय समाज की मुक्ति जातिप्रश्न को हल किये बिना संभव नहीं!
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मैं अन्तिम साँस तक ज़िन्दगी की जंग लड़ूँगी
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