पिछड़े वर्ग के धार्मिक अल्पसंख्यकों सहित
महिला एवं बाल विकास के मुद्दों और चुनौतियों पर सम्मेलन का समापन
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा नई दिल्ली में आयोजित पिछड़े वर्ग के धार्मिक अल्पसंख्यकों सहित पिछड़े वर्ग की महिलाओं और बच्चों के विकास से संबंधित दो दिवसीय सम्मेलन समाप्त हो गया। इस सम्मेलन में पूरे देश से लगभग 250 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों, राज्य सरकारों के प्रतिनिधियों, विशेषज्ञों एवं सिविल सोसायटी संगठनों के प्रतिनिधि भी इसमें शामिल हुए। सम्मेलन में स्वास्थ्य एवं पोषण, शिक्षा, कृषि एवं संबंधित क्षेत्रों और गैर-कृषि क्षेत्रों में जीविका से संबंधित नीतियों, योजनाओं और कार्यक्रमों पर विचार–विमर्श किया गया और विस्तृत सिफारिशें की गई। इस सम्मेलन में मछुवारों, दस्तकारों और सेवा उपलब्ध करवाने वाली जातियों और पिछड़े वर्ग के धार्मिक अल्पसंख्यकों के विशिष्ट मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया गया।
अपने समापन संबोधन में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री (स्वतंत्र परिवार) सुश्री कृष्ण तीर्थ ने विस्तृत विचार-विमर्श और व्यापक सिफारिशों के लिए सभी प्रतिनिधियों को धन्यवाद दिया। उन्होंने विकास प्रयासों की योजना की आवश्यकता पर जोर दिया ताकि विकास और सकारात्मक कार्यों का फल अति पिछड़ों सहित पिछड़े वर्गों की सभी महिलाओं और बच्चों को प्राप्त हो सके। उन्होंने विभिन्न सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों से लाभान्वित होने वाले पिछड़े वर्गों की संख्या के असंचित लिंग-आंकड़ों को एकत्र करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया और सभी संबंधित मंत्रालयों, राज्य सरकारों और सिविल सोसायटी संगठनों से अनुरोध किया कि सरकार की वर्तमान योजनाओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने और इनकी महिलाओं तक पहुंच बनाने के लिए कदम उठाएं। उन्होंने बताया कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के अधीन महिला सशक्तिकरण के लिए राष्ट्रीय मिशन, महिला केंद्रित योजनाओं और विभिन्न मंत्रालय और विभागों के सभी स्तरीय कार्यक्रमों को अभिमुख करने के लिए कार्य कर रहा है। इस मिशन में पाली, राजस्थान और कामरूप, असम में पायलेट अभिमुख परियोजनाएं शुरू की थी।
उन्होंने ने इस सम्मेलन में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों को धन्यवाद देते हुए कहा कि इस सम्मेलन में उन्होंने जो सिफारिशें की है उन्हें विचार-विमर्श हेतु संबंधित मंत्रालयों को भेज दिया जायेगा। (पीआईबी) 05-मार्च-2012 14:12 IST
महिला एवं बाल विकास के मुद्दों और चुनौतियों पर सम्मेलन का समापन
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री (स्वतंत्र परिवार) सुश्री कृष्ण तीर्थ पांच मार्च 2012 को दीप प्रज्वलित करके सम्मेलन का शुभारम्भ करते हुए (पीआईबी फोटो) |
समापन संबोधन करते हुए केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री (स्वतंत्र परिवार) सुश्री कृष्ण तीर्थ (पीआईबी फोटो) |
बच्चों को सज़ा जैसी बुराईयाँ हटाने के मामले में दिशानिर्देश जरी करते हुए केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री (स्वतंत्र परिवार) सुश्री कृष्ण तीर्थ (पीआईबी फोटो) |
अपने समापन संबोधन में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री (स्वतंत्र परिवार) सुश्री कृष्ण तीर्थ ने विस्तृत विचार-विमर्श और व्यापक सिफारिशों के लिए सभी प्रतिनिधियों को धन्यवाद दिया। उन्होंने विकास प्रयासों की योजना की आवश्यकता पर जोर दिया ताकि विकास और सकारात्मक कार्यों का फल अति पिछड़ों सहित पिछड़े वर्गों की सभी महिलाओं और बच्चों को प्राप्त हो सके। उन्होंने विभिन्न सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों से लाभान्वित होने वाले पिछड़े वर्गों की संख्या के असंचित लिंग-आंकड़ों को एकत्र करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया और सभी संबंधित मंत्रालयों, राज्य सरकारों और सिविल सोसायटी संगठनों से अनुरोध किया कि सरकार की वर्तमान योजनाओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने और इनकी महिलाओं तक पहुंच बनाने के लिए कदम उठाएं। उन्होंने बताया कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के अधीन महिला सशक्तिकरण के लिए राष्ट्रीय मिशन, महिला केंद्रित योजनाओं और विभिन्न मंत्रालय और विभागों के सभी स्तरीय कार्यक्रमों को अभिमुख करने के लिए कार्य कर रहा है। इस मिशन में पाली, राजस्थान और कामरूप, असम में पायलेट अभिमुख परियोजनाएं शुरू की थी।
उन्होंने ने इस सम्मेलन में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों को धन्यवाद देते हुए कहा कि इस सम्मेलन में उन्होंने जो सिफारिशें की है उन्हें विचार-विमर्श हेतु संबंधित मंत्रालयों को भेज दिया जायेगा। (पीआईबी) 05-मार्च-2012 14:12 IST
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