91 वर्चुअल लेबोरेटरीज:नौ विषयों के सैकड़ो प्रयोग
केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री कपिल सिब्बल ने आज वर्चुअल लैब की शुरूआत की। इसमें 91 वर्चुअल लेबोरेटरीज हैं, जिसमें विज्ञान एवं इंजीनियरिंग के नौ विषयों के सैकड़ो प्रयोग मौजूद हैं। मंत्रालय के सूचना और संचार प्रौद्योगिकी के जरिये शिक्षा के राष्ट्रीय मिशन के अंतर्गत वर्चुअल लैब की मदद से भारत भर में उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान की जा सकती है।
वर्चुअल लैब का मुख्य उद्देश्य ग्रेजुएट और अंडर ग्रेजुएट कॉलेज तथा विश्वविद्यालय के छात्रों को उनकी जरूरत के मुताबिक वर्ल्ड वाइड वेब, स्टैंडर्ड कम्प्यूटर और इंटरनेट संपर्क का इस्तेमाल करते हुए वर्चुअल लैब से प्रयोग करने की क्षमता प्रदान करना है। वर्चुअल लैब देश में कीमती उपकरणों को अन्य छात्रों के साथ बांटने की भी इजाजत देता है। यह ग्रामीण इलाकों में छात्रों के लिए बेहत उपयोगी साबित होगी।
भारत में करीब 300 विभागीय प्रमुखों, प्राध्यापकों और 152 संस्थानों के कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया गया है। 20 से ज्याद नोडल केन्द्र बनाये गए हैं। वर्चुअल लैब का प्रथम चरण अप्रैल, 2009 में शुरू हुआ था। इस चरण के दौरान करीब 20 लैब तैयार किये गए। इसका मुख्य चरण अप्रैल, 2010 में शुरू हुआ। अब तक 80 से ज्यादा वर्चुअल लैब तैयार किये जा चुके हैं और देश के विभिन्न भागों में इनका ट्रायल चल रहा है।
परियोजना के अंतर्गत दो तरह के वर्चुअल लैब तैयार किये गए हैं। सिम्युलेशन आधारित वर्चुअल लैब में प्रयोग गणितीय इक्वेशन का इस्तेमाल करते हुए किये जाते हैं। सिम्युलेशन हाई एण्ड सर्वर पर किये जाते हैं और इसके नतीजे इंटरनेट पर छात्रों को बता दिये जाते हैं।
रिमोर्ट ट्रिगर्ड वर्चुअल लैब का इस्तेमाल करते हुए प्रयोग दूर से किये जाते हैं। इसके नतीजे छात्रों को इंटरनेट पर बता दिये जाते हैं।
सभी वर्जुअल लैब तक एक साझा वेबसाइट www.vlab.co.in के जरिये पहुंचा जा सकता है।
यह वर्चुअल लैब उन इंजीनियरिंग कॉलेज छात्रों के बहुत उपयोगी होगी जिनकी पहुंच अच्छी लैब सुविधाओं तक नहीं है। इससे 10वीं कक्षा के जिज्ञासु छात्रों को विभिन्न संस्थानों में उच्चतर शिक्षा, अनुसंधानों के लिए प्रेरित किया जा सकेगा और वह इन विषयों से संबंधित शिक्षण संसाधनों से लाभ उठा सकेंगे।
वर्तमान में 769 प्रयोगों को सम्मिलित करते हुए 85 वर्चुअल लैबों को विकसित किया जा चुका है। इन वर्चुअल लैबों के ज्ञान को प्रसारित करने के लिए संपूर्ण भारत में प्रशिक्षण और कार्यशालों का आयोजन किया गया है। विभिन्न विषयों और इस ज्ञान के व्यापक प्रसार के लिए वर्चुअल लैबों के विकास के लिए आगामी प्रयास भी जारी रहेंगे।
वर्चुअल लैबों के विकास के लिए एक समानांतर मंच का भी सृजन किया गया है जो वर्चुअल लैबों की देख-रेख में संकायों की सहायता करेगा। यह मंच बहुत से सहयोगी संस्थानों द्वारा विकसित 825 प्रयोगों की मेजबानी कर चुका है। समानांतर मंच छात्रों की प्रगति की निगरानी के लिए शिक्षकों और संस्थागत सामग्री बदलाव हेतु मदद भी प्रदान करेगा।
वर्चुअल लैबों में छात्रों की रूचि उत्साहवर्धक रही है। वर्चुअल लैब की साइड पर पिछले छह महीनों में ही 233,570 साइट विजिट और 1,034,443 पेज विजिट किये गये हैं। इसकी साइट पर भारत, अमरीका, मलेशिया, फिलीपींस, ब्रिटेन, आस्ट्रेलिया,कनाडा, जर्मनी, और पाकिस्तान से विजिटर्स प्रतिमाह करीब 100 जीबी का उपयोग करते हैं और 134 देशों के 4500 से ज्यादा यूजर्स ने साइट पर अपना रजिस्ट्रेशन कराया है।{पत्र सूचना कार्यालय}(23-फरवरी-2012 20:46 IST)
वर्चुअल लैबों की सूची के लिए यहां क्लिक करें।
केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री कपिल सिब्बल ने आज वर्चुअल लैब की शुरूआत की। इसमें 91 वर्चुअल लेबोरेटरीज हैं, जिसमें विज्ञान एवं इंजीनियरिंग के नौ विषयों के सैकड़ो प्रयोग मौजूद हैं। मंत्रालय के सूचना और संचार प्रौद्योगिकी के जरिये शिक्षा के राष्ट्रीय मिशन के अंतर्गत वर्चुअल लैब की मदद से भारत भर में उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान की जा सकती है।
वर्चुअल लैब का मुख्य उद्देश्य ग्रेजुएट और अंडर ग्रेजुएट कॉलेज तथा विश्वविद्यालय के छात्रों को उनकी जरूरत के मुताबिक वर्ल्ड वाइड वेब, स्टैंडर्ड कम्प्यूटर और इंटरनेट संपर्क का इस्तेमाल करते हुए वर्चुअल लैब से प्रयोग करने की क्षमता प्रदान करना है। वर्चुअल लैब देश में कीमती उपकरणों को अन्य छात्रों के साथ बांटने की भी इजाजत देता है। यह ग्रामीण इलाकों में छात्रों के लिए बेहत उपयोगी साबित होगी।
भारत में करीब 300 विभागीय प्रमुखों, प्राध्यापकों और 152 संस्थानों के कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया गया है। 20 से ज्याद नोडल केन्द्र बनाये गए हैं। वर्चुअल लैब का प्रथम चरण अप्रैल, 2009 में शुरू हुआ था। इस चरण के दौरान करीब 20 लैब तैयार किये गए। इसका मुख्य चरण अप्रैल, 2010 में शुरू हुआ। अब तक 80 से ज्यादा वर्चुअल लैब तैयार किये जा चुके हैं और देश के विभिन्न भागों में इनका ट्रायल चल रहा है।
परियोजना के अंतर्गत दो तरह के वर्चुअल लैब तैयार किये गए हैं। सिम्युलेशन आधारित वर्चुअल लैब में प्रयोग गणितीय इक्वेशन का इस्तेमाल करते हुए किये जाते हैं। सिम्युलेशन हाई एण्ड सर्वर पर किये जाते हैं और इसके नतीजे इंटरनेट पर छात्रों को बता दिये जाते हैं।
रिमोर्ट ट्रिगर्ड वर्चुअल लैब का इस्तेमाल करते हुए प्रयोग दूर से किये जाते हैं। इसके नतीजे छात्रों को इंटरनेट पर बता दिये जाते हैं।
सभी वर्जुअल लैब तक एक साझा वेबसाइट www.vlab.co.in के जरिये पहुंचा जा सकता है।
यह वर्चुअल लैब उन इंजीनियरिंग कॉलेज छात्रों के बहुत उपयोगी होगी जिनकी पहुंच अच्छी लैब सुविधाओं तक नहीं है। इससे 10वीं कक्षा के जिज्ञासु छात्रों को विभिन्न संस्थानों में उच्चतर शिक्षा, अनुसंधानों के लिए प्रेरित किया जा सकेगा और वह इन विषयों से संबंधित शिक्षण संसाधनों से लाभ उठा सकेंगे।
वर्तमान में 769 प्रयोगों को सम्मिलित करते हुए 85 वर्चुअल लैबों को विकसित किया जा चुका है। इन वर्चुअल लैबों के ज्ञान को प्रसारित करने के लिए संपूर्ण भारत में प्रशिक्षण और कार्यशालों का आयोजन किया गया है। विभिन्न विषयों और इस ज्ञान के व्यापक प्रसार के लिए वर्चुअल लैबों के विकास के लिए आगामी प्रयास भी जारी रहेंगे।
वर्चुअल लैबों के विकास के लिए एक समानांतर मंच का भी सृजन किया गया है जो वर्चुअल लैबों की देख-रेख में संकायों की सहायता करेगा। यह मंच बहुत से सहयोगी संस्थानों द्वारा विकसित 825 प्रयोगों की मेजबानी कर चुका है। समानांतर मंच छात्रों की प्रगति की निगरानी के लिए शिक्षकों और संस्थागत सामग्री बदलाव हेतु मदद भी प्रदान करेगा।
वर्चुअल लैबों में छात्रों की रूचि उत्साहवर्धक रही है। वर्चुअल लैब की साइड पर पिछले छह महीनों में ही 233,570 साइट विजिट और 1,034,443 पेज विजिट किये गये हैं। इसकी साइट पर भारत, अमरीका, मलेशिया, फिलीपींस, ब्रिटेन, आस्ट्रेलिया,कनाडा, जर्मनी, और पाकिस्तान से विजिटर्स प्रतिमाह करीब 100 जीबी का उपयोग करते हैं और 134 देशों के 4500 से ज्यादा यूजर्स ने साइट पर अपना रजिस्ट्रेशन कराया है।{पत्र सूचना कार्यालय}(23-फरवरी-2012 20:46 IST)
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