बेटियों की हत्या के खिलाफ दिया गया एक ज़ोरदार संदेश
कालेज के छात्र छात्रायों की ओर से बहुत सी रंगारंग आईटमें प्रस्तुत की गयीं. मंच से दिल में उतर जाने वाला मनमोहक गीत संगीत भी था, पंजाब की पहचान, पंजाबियों की जान भांगड़ा भी, अनेकता में एकता का संदेश देता राजस्थानी लोक नाच भी और आज के समाज में लगातार सर उठा रही बुराई भ्रूण हत्या का मर्मस्पर्शी मंचन भी.
ह्रदय को बार बार छू कर दिल और दिमाग को झंक्चौर देने वाली इस प्रस्तुती को तैयार किया था सी एम् सी के ही कालेज आफ फिजियोथरेपी के छात्र-छात्रायों ने. इस टीम में अगर एक आशिमा लुधियाना की थी तो दूसरी आशिमा मनाली से आई थी.कनिका सिंह चंडीगढ़ से थी तो पुबली दास कोलकाता से. बनीत शर्मा की कला से हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर की झलक मिल रही थी तो नवां शहर से रमण दीप की कला भी कम नहीं थी. बेगिवल दोराहा से दपिन्द्र ने भी इसी टीम अपनी आवाज़ बुलंद की थी की मर मरो बेटियों को. इन्होने ही हमें जन्म दिया है. इनकी हत्या करके हम कहाँ जायेंगे. किसे मूंह दिखायेंगे. लुधियाना की सुखं प्रीत ने इस सम्बन्ध में बात करते हुए इस शानदार प्रस्तुती का सेहरा अपनी पूरी टीम को दिया. करीब ढाई घंटे तक चले इस आयोजन ने दर्शकों पर एक गहरी चाप छोड़ी और साबित किया कि इस बार इन टीमों ने पहले से कहीं अधिक मेहनत की है. इस दिन को और भी यादगारी बनाने के लिए हुए इस आयोजन में सीएमसी अस्पताल और कालेज पर्बंधन की और से डाक्टर ए जी थोमस और कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी, डाक्टर अ प्रोफेसर शामिल हुए.
सी एम सी छात्र-छात्रायों ने किया दिल को झंक्झौर देने वाला मंचन
लुधियाना//26 जनवरी, 2012// शालू अरोड़ा और रेक्टर कथूरिया:
गणतन्त्र दिवस के शुभ अवसर पर जगह जगह पर रंगारंग कार्यक्रम हुए. कार्यक्रमों की इस भीड़ में एक अलग सा आयोजन था लुधियाना के सी एम् सी अस्पताल और कालेज प्रबन्धन की ओर से, झंडे की रस्म थी, गीत संगीत था, और मिल; बैठने का एक ऐसा खूबसूरत बहाना जिसमें जग रहा था देश का प्रेम, देश के लोगों का फ़िक्र और दुनिया के विकास की रफ़्तार में भारत को सबसे आगे देखने का जनून.
इस यादगारी अवसर पर जानेमाने उद्योगपति जोगिन्दर कुमार भी विशेष तौर पर उपस्थित हुए. उन्होंने मीडिया से एक संक्षिप्त भेंट के दौरान भारत की प्रगति, आर्थिक मजबूती और अनेकता में एकता का उल्लेख करते हुए कहा की आज गणतन्त्र दिवस के मौके पर इन सब बातों को याद करके एक बार फिर हमारा सर फखर से ऊंचा हो जाता है. उन्होंने याद दिलाया की आज भारत आर्थिकता केमामले में विश्व में तीसरे स्थान पर है.गणतन्त्र दिवस के शुभ अवसर पर जगह जगह पर रंगारंग कार्यक्रम हुए. कार्यक्रमों की इस भीड़ में एक अलग सा आयोजन था लुधियाना के सी एम् सी अस्पताल और कालेज प्रबन्धन की ओर से, झंडे की रस्म थी, गीत संगीत था, और मिल; बैठने का एक ऐसा खूबसूरत बहाना जिसमें जग रहा था देश का प्रेम, देश के लोगों का फ़िक्र और दुनिया के विकास की रफ़्तार में भारत को सबसे आगे देखने का जनून.
कालेज के छात्र छात्रायों की ओर से बहुत सी रंगारंग आईटमें प्रस्तुत की गयीं. मंच से दिल में उतर जाने वाला मनमोहक गीत संगीत भी था, पंजाब की पहचान, पंजाबियों की जान भांगड़ा भी, अनेकता में एकता का संदेश देता राजस्थानी लोक नाच भी और आज के समाज में लगातार सर उठा रही बुराई भ्रूण हत्या का मर्मस्पर्शी मंचन भी.
ह्रदय को बार बार छू कर दिल और दिमाग को झंक्चौर देने वाली इस प्रस्तुती को तैयार किया था सी एम् सी के ही कालेज आफ फिजियोथरेपी के छात्र-छात्रायों ने. इस टीम में अगर एक आशिमा लुधियाना की थी तो दूसरी आशिमा मनाली से आई थी.कनिका सिंह चंडीगढ़ से थी तो पुबली दास कोलकाता से. बनीत शर्मा की कला से हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर की झलक मिल रही थी तो नवां शहर से रमण दीप की कला भी कम नहीं थी. बेगिवल दोराहा से दपिन्द्र ने भी इसी टीम अपनी आवाज़ बुलंद की थी की मर मरो बेटियों को. इन्होने ही हमें जन्म दिया है. इनकी हत्या करके हम कहाँ जायेंगे. किसे मूंह दिखायेंगे. लुधियाना की सुखं प्रीत ने इस सम्बन्ध में बात करते हुए इस शानदार प्रस्तुती का सेहरा अपनी पूरी टीम को दिया. करीब ढाई घंटे तक चले इस आयोजन ने दर्शकों पर एक गहरी चाप छोड़ी और साबित किया कि इस बार इन टीमों ने पहले से कहीं अधिक मेहनत की है. इस दिन को और भी यादगारी बनाने के लिए हुए इस आयोजन में सीएमसी अस्पताल और कालेज पर्बंधन की और से डाक्टर ए जी थोमस और कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी, डाक्टर अ प्रोफेसर शामिल हुए.
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