Saturday, January 21, 2012

उन्नति के पथ पर अग्रसर

राष्ट्रीय डिजाइन और उत्पाद विकास केन्द्र-आर के श्रीवास्तव*
राष्ट्रीय डिजाइन और उत्पाद विकास केन्द्र (एनसीडीपीडी) की स्थापना 1999 में भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय के विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) द्वारा की गई थी। राष्ट्रीय डिजाइन और उत्पाद विकास केन्द्र बोर्ड का प्रतिनिधित्व प्रतिष्ठित निर्यातक, नीति-निर्धारक और व्यापार तथा उद्योग के प्रतिष्ठित व्यक्ति करते हैं। भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय के विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) एनसीडीपीडी के पदेन अध्यक्ष होते हैं। यह केन्द्र सदस्य आधारित संस्था है जो प्रमुख तौर पर हस्तशिल्प क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करती है। डिजाइन/उत्पाद विकास और प्रौद्योगिकी के कार्यक्षेत्रों में ठोस माल क्षेत्र के अंतर को पूरा करने के उद्देश्य के साथ इसकी शुरुआत की गई थी। समूहों के लिए पैन इंडिया आधार पर डिजाइन और उत्पाद विकास गतिविधियों को पूरा करने के लिए यह केन्द्र विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) के करीबी सानिध्य में कार्य करता है। इस केन्द्र के तहत बहुत सारे राष्ट्रीय और अंतर-राष्ट्रीय डिजाइनर विशेषीकृत डिजाइन/उत्पाद सेवाओं की संपूर्ण श्रेणी प्रदान करने के लिए कार्यरत है।
सेवाएं डिजाइन और उत्पाद विकास, प्रदर्शनी डिजाइन, ग्राफिक-डिजाइन और पैकेज डिजाइन जैसे कई क्षेत्रों में यह केन्द्र अपनी सेवाएं प्रदान करता है। इसके अतिरिक्त एनसीडीपीडी सतत आपूर्ति प्रबंधन श्रृंखला का सृजन भी करता है। एनसीडीपीडी में गुणवत्ता और प्रौद्योगिकी उन्नयन के साथ ही डिजाइनरों की मदद से डिजाइनों को उत्पादों में तब्दील भी किया जाता है। डिजाइन केन्द्रों, उत्पाद केन्द्रों/संकुलों पर डिजाइन बैंक की स्थापना के जरिए एनसीडीपीडी ढांचागत सहयोग प्रदान करता है। डिजाइन और उत्पाद विकास को बढ़ावा देने के लिए यह औद्योगिक समूहों को शुरु से अंत तक डिजाइन सेवाएं प्रदान करता है। इस केन्द्र में बडे पैमाने पर उत्पादन के लिए मूलभूत कार्यों में मशीनीकरण के लिए तकनीकी सहायता भी उपलब्ध है।

उद्देश्यः- निम्नलिखित उद्देश्यों की पूर्ति करना एनसीडीपीडी का लक्ष्य है

·      अंतर-राष्ट्रीय खरीदारों की बदलती हुई पसंद और डिजाइन अवधारणाओं को पूरा करना।

·         हस्तशिल्प निर्यातक समुदाय को डिजाइनों के बारे में बदलते हुए प्रचलन और आगे आने वाले बदलावों के संबंध में नियमित तौर पर समय-समय पर जानकारी उपलब्ध कराना।

·         भारतीय डिजाइनों की विशिष्टता का सृजन और इसे सुदृढ़ बनाना

·         प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में होने वाली आधुनिक तकनीकों के बदलते वैश्विक परिदृश्य के बारे में अद्यतन जानकारी उपलब्ध कराना।

·         उत्पाद विकास और उन्नयन गुणवत्ता को समर्थन देना।

क्षमता/कौशल विकास के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों का संचालन

     एनसीडीपीडी को मानव संसाधन विकास कार्यक्रम की क्षमता/कौशल विकास के उन्नयन का जिम्मा सौंपा गया है ताकि वैश्विक बाज़ार खास तौर पर दक्षिण-पूर्व एशिया के प्रतिस्पर्धी बाज़ार में मुकाबला किया जा सके। इस योजना के तहत महत्वपूर्ण पहलू इस प्रकार हैं :-

·         कुल 500 कार्यक्रमों का संचालन किया गया।

·         पिछले दो वर्षों में 11,000 कारीगरों/शिल्पकारों को प्रशिक्षित किया गया।

·         पूर्वोत्तर क्षेत्र सहित समूचे भारत में 30 से भी अधिक शिल्प संकुलों को समाविष्ट किया गया।

·         समूचे भारत में 200 से भी अधिक संकायों/स्रोत संपन्न व्यक्तियों के साथ गठजोड़।

·         अच्छी तरह से संरचित पाठ्यक्रम

·         एक से पांच के पैमाने पर कार्यक्रम को 4.5 अंक प्रदान किया गया।

भारतीय उपमहाद्वीप में सतत रोज़गार के लिए भारत और बांग्लादेश के बीच पटसन (जूट) क्षेत्र में सहमति-ज्ञापन पर हस्ताक्षर
   पटसन क्षेत्र में उत्पाद और डिजाइन विकास द्वारा भारत तथा बांग्लादेश में सतत मूल्य आधारित रोजगार को बढ़ावा देने के लिए एनसीडीपीडी ने इस वर्ष यूएनटीएडी के तहत बांग्लादेश में अंतर-राष्ट्रीय जूट स्टडी ग्रुप (आईजेएसजी) के साथ गठजोड और समन्वय किया। इस सहमति ज्ञापन से पटसन से संबंधित कार्यशालाओं, बैठकों और प्रकाशनों आदि के द्वारा सतत रोज़गार और आजीविका के अवसर बढ़ाने के लिए दोनों देशों के बीच अनुसंधान और डिजाइन गठजोड़ गतिविधियों को बल मिलेगा। इस सहमति ज्ञापन के जरिए जूट से संबंधित विविध उत्पाद क्षेत्रों के उद्यमियों, निर्यातकों तथा कारीगरों आदि के लिए आईजीएसजे नवीन/आकर्षक डिजाइनों और उन्नत प्रशिक्षण कार्यक्रमों आदि में सहयोग देगा तथा एनसीडीपीडी जूट के क्षेत्र में संयुक्त गतिविधियों के विकास और क्रियान्वयन के लिए डिजाइनरों और विशेषज्ञों को उपलब्ध कराएगा।

भारत-अंतर-राष्ट्रीय व्यापार मेले में भागीदारी
  14-27 नवंबर के बीच आयोजित भारत अंतर-राष्ट्रीय व्यापार मेले के लिए इस वर्ष का विषय था- "इंडियन हैंडिक्राफ्ट- द मैदिक ऑफ द गिफ्टेड हैंड्स"। इसे ध्यान में रखते हुए एनसीडीपीडी ने अंतर-राष्ट्रीय व्यापार मेले में भारतीय हस्तशिल्प को बढ़ावा देने के लिए थीम पैवेलियन की स्थापना की। इसके तहत वैश्विक फलक पर भारतीय हस्तशिल्प की विस्तृत श्रृंखला की प्रस्तुति की गई। इस प्रदर्शनी के ज़रिए हस्तशिल्पियों/कारीगरों और छोटे निर्माताओं को अपने लिए बेहतर बाजार संबंधों का निर्माण करने में मदद मिली। एनसीडीपीडी के पैवेलियन की ओर प्रतिदिन एक लाख से अधिक लोग आकर्षित हुए।।


गणतंत्र दिवस परेड-2012 में झांकी का प्रस्तुतिकरण
   भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय के तहत विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) कार्यालय द्वारा एनसीडीपीडी को गणतंत्र दिवस परेड-2012 में हस्तशिल्प पर झांकी प्रस्तुत करने के लिए केन्द्रीय एजेंसी के रुप में नियुक्त किया गया है। झांकी के लिए चयनित विषय "प्राचीन से नवीनः भारतीय वस्त्र और हस्तशिल्प क्षेत्र में विकास" है।

भविष्य के लिए रणनीतियां
·         नवीन उत्पाद श्रृंखला
Ø      सौ से भी अधिक नवीन उत्पाद श्रृंखला को प्रस्तुत करना।

Ø      स्थापित उत्पाद समूहों को नवीन बाज़ारों में शुरु करना।

·         उत्पाद श्रृंखला में विविधता लाना

Ø   सजावटी उपकरणों के रुप में भारतीय हस्तशिल्प को बढ़ावा देना

Ø   गिफ्ट के रुप में हस्तशिल्प की अवधारणा को बढ़ावा देना

Ø   डिजाइन की प्रमुखता के साथ अभिनव उत्पाद समूह

·         गुणवत्ता में सुधार लाना

Ø   वैधानिक आवश्यकताएं/फैक्टरी अनुपालन/सामाजिक अंकेक्षण/प्रमाणपत्रों

Ø   परीक्षण और फैक्टरी प्रमाणन/क्रय-विक्रय और समर्थन सेवाएं

           एनसीडीपीडी कारीगरों और शिल्पकारों की कौशल क्षमता/विकास के लिए प्रतिबद्ध है और आने वाले समय में भी यह सिलसिला अनवरत जारी रहेगा। साथ ही भारतीय हस्तशिल्प में डिजाइन और उत्पाद विकास के नवीन आयामों को विकसित करने की प्रक्रिया जारी रहेगी।

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*लेखक राष्ट्रीय डिजाइन और उत्पाद विकास केन्द्र में कार्यकारी निदेशक हैं
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