वह फोटो जिसे बाद में फर्जी बताया गया और हटा दिया गया |
व्यक्ति नहीं विचारधारा है ओसामा. इस शीर्षक से बृज किशोर सिंह ने जनोक्ति लिए लिखे अपने आलेख में कहा है यह वही ओसामा है जो कभी सोवियत संघ के साथ जंग में अमेरिका का दोस्त हुआ करता था. हम एक ओसामा को मरेइमंगे तो रक्तबीज की तरह दस और ओसामा पैदा हो जायेंगे. लेखक ने याद दिलाया है कि रूस के खिलाफ जंग और षडयंत्र में पाकिस्तान भी अमेरिका का सामरिक सांझेदार था. बदलाव की ज़ोरदार इच्छा लिए हुए विद्रोही स्वभाव के पत्रकार बृज किशोर सिंह बहुत ही साफ़ शब्दों में कहते हैं कि ओसामा के मारे जाने से भारत को कोई फायदा होने वाला नहीं है. इसं पूरी पोस्ट को आप यहाँ क्लिक करके भी पढ़ सकते हैं.
इसी बीच अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इस आपरेशन में सहयोग के लिए पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली ज़रदारी का धन्यवाद किया. ओबामा ने कहा कि दोनों देशों के लिए यह बहुत ही अच्छा और ऐतिहासिक दिन है. ओबामा ने 11 इत्म्ब्र 2001 में हुए उस हमले में मारे गए तीन हजार लोगों के परिजनों से भी संवेदना व्यक्त की और कहा कि लादेन की मौत से उन सभी बेगुनाहों के साथ न्याय हुआ है. इसके साथ ही उनहोंने कहा कि ओसामा मुस्लिम नेता नहीं बल्कि मुस्लमानों का हत्यारा था. इस पूरी रिपोर्ट को आप पढ़ सकते हैं केवल यहाँ क्लिक करके. --रेक्टर कथूरिया वह फोटो जिसे बाद में फर्जी बताया गया और हटा दिया गया
1 comment:
अजीब बात है कि फायदा नहीं होगा... क्यों नहीं होगा, उसके जिन्दा रहते अधिक अच्छे काम होते..
यह बात और है कि बौखलाये आतंकवादी अब कुछ उल्टे सीधे कदम उठा सकते हैं, हमें होशियार रहना चाहिये...
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