Tuesday, April 28, 2020

जंग कोरोना से है तो महत्वपूर्ण है यह होम्योपैथिक दवा

Updated:29th April 2020 at 11:26 AM
कोरोना की जंग लड़ रहे योद्धाओं की इम्यून शक्ति को बढ़ाएगी यह दवा 
लुधियाना: 28 अप्रैल 2020: (उत्तम राठौर//पंजाब स्क्रीन)::
डा. विपन गुप्ता
कोरोना का खतरा इस समय हर वर्ग को है। हर उम्र, हर धर्म, हर जाति, हर वर्ग इस खतरे की ज़द में है। कोई भी इससे बचता नज़र नहीं आता। इसका सामना करने के लिए विज्ञान की अलग  अलग शाखाओं में बहुत ही तेज़ी के साथ निरंतर काम हो रहा है। पूरी दुनिया की प्रयोगशालाएं लगातार बिना रुके इस का इलाज खोजने में लगी हैं। अभी तक जो महत्वपूर्ण बातें सामने आई हैं उनमें एक बात स्पष्ट है कि कोरोना से बचने और इससे लड़ने के लिए अपनी रोग प्रतिरोधक शक्ति अर्थात इम्यून शक्ति को मज़बूत रखना आवश्यक है। यह शक्ति मज़बूत बनी रहे तो कोरोना का हमला नाकाम हो जाता है।अंग्रेजी वाले इसे इम्युनिटी भी बोलते हैं। इम्युनिटी को कैसे मज़बूत रखना है इस मकसद की एक विशेष दवा यहाँ के पुलिस जवानों को भी वितरित की गई।यदि यह शक्ति अर्थात इम्युनिटी मज़बूत हो तो कोई भी रोग नज़दीक नहीं आता। इम्यून शक्ति हर युग और हर उम्र में हमेशां एक वरदान रही है। इसे बनाये रखने और बढ़ाने के फार्मूले स्वदेशी थ्रेपियों में भी रहे और अंग्रेजी मेडिकल सिस्टम में भी। बहुत देर से जीवन का आधार बनी हुई यह शक्ति बहुत से मामलों में अभी तक एक रहस्य ही है। किस व्यक्ति को इस की कितनी आवश्यकता है  तक नहीं लगाया जा सका। हर वक्त में इसकी ज़रूरत उसके हिसाब से अलग अलग हो सकती है। इसके घटने बढ़ने के अनुमान तो कभी कभी सतर्क व्यक्तियों को महसूस हो भी लेकिन इसके बावजूद कोई विशेष स्थिति अभी  सुनिश्चित नहीं हो सकी। शरीर को इसकी ज़रूरत हर पल रहती ही है यह  बात पूरी तरह तय है। 
उल्लेखनीय है कि प्रतिरक्षा प्रणाली (Immune system) किसी जीव के भीतर होने वाली उन जैविक प्रक्रियाओं का एक संग्रह है, जो रोगजनकों और अर्बुद कोशिकाओं को पहले पहचान और फिर मार कर उस जीव की रोगों से रक्षा करती है। यह विषाणुओं से लेकर परजीवी कृमियों जैसे विभिन्न प्रकार के एजेंट की पहचान करने मे सक्षम होती है, साथ ही यह इन एजेंटों को जीव की स्वस्थ कोशिकाओं और ऊतकों से अलग पहचान सकती है, ताकि यह उन के विरुद्ध प्रतिक्रिया ना करे और पूरी प्रणाली सुचारु रूप से कार्य करे। इस तरह इसके कामकाज को देख कर इस की विशिष्टता का अनुमान लगाया जा सकता है। 
यहां यह बताना भी आवश्यक है कि शरीर की प्रतिरक्षा-प्रणाली में खराबी आने से रोग अक्सर ही शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। प्रतिरक्षा-प्रणाली में खराबी को इम्यूनोडेफिशिएंसी कहते हैं। इम्यूनोडेफिशिएंसी या तो किसी आनुवांशिक रोग के कारण हो सकता है, या फिर कुछ खास दवाओं या संक्रमण के कारण भी संभव है। 
फिर शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली का इस सिस्टम और प्रतिरक्षा प्रणाली के अध्ययन को प्रतिरक्षा विज्ञान (इम्म्यूनोलॉजी) का नाम दिया गया है। अब इसकी शिक्षा बहुत वशिष्ठ तौर पर होती है। इसकी बिलकुल अलग से एक अहमियत है। अन्य प्रणालियों के साथ साथ अब इसे भी पूरी तरह समझना बहुत आवश्यक है। 
गौरतलब है कि संक्रामक रोगों का निवारण करने की शरीर की शक्ति को प्रतिरक्षा (Immunity) कहते हैं। किंतु सभी शक्तियाँ प्रतिरक्षा में शामिल नहीं होती। अब यूं तो त्वचा भी जीवाणुओं को शरीर में प्रविष्ट नहीं होने देती। आमाशयिक रस का अम्ल जीवाणुओं को नष्ट कर देता है, किंतु इस सब के बावजूद यह प्रतिरक्षा के अंतर्गत नहीं आता। ये शरीर की रक्षा के प्राकृतिक साधन हैं। प्रतिरक्षा बिलकुल ही अलग है। प्रतिरक्षा से अर्थ है ब्राह्य प्रोटीनों को रक्त में उपस्थित विशिष्ट वस्तुओं द्वारा नष्ट कर डालने की शक्ति। जीवाणु जो शरीर में प्रविष्ट होते हैं, उनके शरीरों के घुलने से प्रोटीन उत्पन्न होते हैं। उनकी नष्ट कर देने की शक्ति रक्त में होती है। अब कोरोना के इस बेहद खतरनाक दौर में इसकी अहमियत हर किसी तक पहुंच रही है।
इस मकसद से बहुत सी दवाएं और टॉनिक भी सुझाये जाते हैं। अब होम्योपैथी में प्रतिरक्षा प्रणाली को मज़बूत बनाये रखने में सक्रिय डाक्टर विपन गुप्ता ने भी इस दिशा में इस दवा का सुझाव सामने रखा। यह दवा इस मामले में बहुत ही महत्वपूर्ण है। प्रॉफीलेक्टिक नाम की इस दवा में बहुत सी खूबियां हैं। इस की 18  हज़ार खुराकें यहां लुधियाना के छह हज़ार पुलिस जवानों को निशुल्क वितरित की गयीं। वास्तव में यह एक इम्यून बूस्टर है। प्रथम पंक्ति में रह कर कोरोना के साथ युद्ध में सहभागी बने सभी योद्धाओं को यह दवा निशुल्क दी जा रही है। समाज के अन्य वर्ग भी इसका फायदा उठा सकते हैं। आवश्यकता पड़ने पर इस दवा की और खुराकें भी बांटने का वायदा किया जायेगा। इस दवा को वितरित किये जाने के अवसर पर लायन डाक्टर रविंद्र कोछड़, लायन सुशील गुप्ता, लायन एच एस कालड़ा, लायन यूं पी सिंह सहित कई अन्य प्रमुख लोग भी मौजूद थे। 
गौरतलब है कि यह दवा सेंट्रल काउन्सिल फॉर रिसर्च इन इंडियन मेडिसिन एंड होम्योपैथी के दिशा निर्देशों के मुताबिक ही तैयार  करवाई और बांटी गयी। इस मौके पर समाजिक दूरी जैसे सभी सभी आवश्यक नियमों का भी पूरी बाकायदगी के साथ पालन किया गया। (इनपुट:पंजाब स्क्रीन डेस्क)
इस दवा के संबंध में डाक्टर विपन गुप्ता से बात की जा सकती है उनके मोबाईल नंबर:9814330698 पर।  

1 comment:

Unknown said...

Sir,yeh post delete kar do please kyunki mera apna koi personal experiment nahi hai,yeh hume CCRH ki guidelines mili so hum ne yeh distribute ki hai🙏🏻