Wednesday, June 08, 2016

एक होते तो जून-84 में दरबार साहिब पर हमला नहीं होता

ठाकुर दलीप सिंह ने तेज़ किया समाज को जोड़ने का अभियान
लुधियाना: 8 जून 2016: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो):

विरोधियों के आरोपों की बौछार से पूरी तरह बेअसर ठाकुर दलीप सिंह ने एक नए, स्वस्थ और एकजुट समाज के निर्माण का कार्य तेज़ कर दिया है। आंधी के खिलाफ चिराग जगाने की एक ज़ोरदार हिम्मत। खराब स्वास्थ्य के बावजूद उन्होंने संगत के दीवान में आना नहीं छोड़ा। मंगलवार सात जून की रात को गिल रोड के एक इलाके में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने स्पष्ट कहा कि  लोक सभा कौन होती है यह कहने वाली कि कौन सिख है और कौन नहीं? उन्होंने बहुत ही दुखद मन से कहा कि यदि हम सभी एकजुट होते तो न ही लोकसभा के इस प्रमाणपत्र की नौबत आती और न ही जून-1984 में ब्लू स्टार आपरेशन होता।   
वह यहाँ अपने एक अनुयाई के घर में दस्तार बंदी करवाने आये थे।  इस शुभ अवसर पर उन्होंने इस रस्म को अपने साथ साथ एक रामदासिया सिंह संत निर्मल सिंह के हाथों से भी पूरा करवाया। यह एक जंग का एलान था सिखों में अभी तक फैली जातिपाति की बुराई के खिलाफ। एक रेखा खींचने की हिम्मत कि अगर मेरे साथ आना है तो इस बुराई को छोड़ कर आना होगा। इसके साथ ही दलित और गरीब वर्ग को गले लगाने का एक आवाहन जिसे ठाकुर दलीप सिंह ने खुद अपने हाथों से सारी संगत के सामने पूरा करके दिखाया। 
फ़िज़ूल और दिखावे के खर्चों को बिलकुल बंद करके केवल ज़रूरी खर्चा करना, धार्मिक स्थानों पर सोना चढ़ाने की बजाए उस पैसे को समाज के किसी कमज़ोर वर्ग का भला करने के लिए इस्तेमाल करना कुछ ऐसे संकेत दे रहे थे जो आने वाले समय में बहुत जल्द कुछ अच्छे परिणाम दिखाएंगे।
लोक सभा और एस जी पी सी को आड़े हाथों लेते हुए उन्होंने कहा कि जो भी गुरुनानक को मानता है वह गुरु का सिख है उसकी वेशभूषा चाहे कुछ भी हो।  उन्होंने दुनिया में मौजूद बहुत से वर्गों का उल्लेख किया जो गुरु नानक में आस्था रखते हैं।  जत्थेदार गुरदीप सिंह, जत्थेदार जोगिंद्र सिंह, ने  बहुत ही शानदार कीर्तन किया।  बीच बीच में उनको इशारों से मिलता दिशा निर्देश ठाकुर दलीप सिंह की संगीत पर पकड़ का पता दे रहा था।  इस जत्थे में मोहित सिंह नामदेव ने सुरीली बांसुरी बजाई। गंगा सिंह, भगवान सिंह और गगन सिंह सीहरा ने भी इस जत्थे में कीर्तन किया। प्रधान  हरभजन सिंह, सेवक देव सिंह, रणबीर सिंह, जसविंद्र सिंह, गुरमेल बराड़, सुश्री सतनाम कौर, हरप्रीत  कौर, गुरदीप जंडू,अरविंदर सिंह लाडी,जोगिंद्र सिंह मुक्तसर, 

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