Wednesday, May 02, 2012

भारत और अग्नि - 5 // राजीव गुप्ता

संयम रखते हुए अनुशासन के साथ आगे बढ़ना चाहिए
भारत के लिए  अग्नि - 5  जिसकी मारक क्षमता 5000 किमी. से ज्यादा है के सफल परीक्षण के साथ 19  अप्रैल 2012  का दिन ऐतिहासिक बन गया ! पूरी दुनिया स्तब्ध नजरो से देखती रह गयी और भारत सुपर मिसाइल क्लब जिसके सदस्य अभी तक रूस,अमेरिका,चीन और फ़्रांस थे,  में शामिल हो गया ! वैसे भी भारत की सुरक्षा प्रणाली के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण अग्नि - 5 का सफल परीक्षण किसी बड़ी उपलब्धि से कम नहीं है ! वर्तमान समय की परिस्थितयो के चलते यह परीक्षण जरूरी भी था ! जिस तरह से पड़ोसी देशो के साथ संबंधों में तेजी आ रही है ऐसे में भारत को अपनी रक्षा को लेकर सचेत रहना चाहिए ! अग्नि - 5 का सफल परीक्षण सामरिक एवं वैज्ञानिक दोनों नजरियों से अत्यंत महत्वपूर्ण है ! अग्नि - 5 के उपलब्धियों के चलते अगर यह कहा जाय यह भारत के रक्षा कवच की तरह है तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी ! 



भारत के लिए अत्यंत गौरव की बात यह है कि यह पूर्णतः स्वदेश में ही निर्मित की गयी है जिसका श्रेय हमारे वैज्ञानिको की दिन - रात मेहनत को जाता है ! अग्नि - 5  जद में समूचा चीन समेत लगभग आधी दुनिया आ गयी है जिसके कारण चीन की मीडिया में बेचैनी बढ़ गयी है ! हालाँकि सिर्फ चीन की मीडिया ने ही भारत के इस सफल परीक्षण पर कुछ इस तरह से अनर्गल बाते की जिससे कि लगता है कि उसे कोई आपत्ति हो ! एक अखबार ने अग्नि 5 के टेस्ट पर चीन ने भारत की मिसाइल क्षमता पर सवाल उठाये है ! मसलन अखबार में कहा गया है कि भारत अग्नि 5 से ICBM क्लब में शामिल होने के दावे कर रहा है ! अग्नि 5 मिसाइल केवल पांच हजार किलोमीटर तक ही मार कर सकती है, जबकि इंटरकॉन्टिनेंटल बलिस्टिक मिसाइल ( ICBM) की मारक क्षमता 8 हजार किलोमीटर होती है !  

यही नहीं अखबार में भारत को एक गरीब देश की संज्ञा देते हुए कहा गया है कि "भारत अभी भी एक गरीब देश है , इंफ्रास्ट्रक्टर और निर्माण के क्षेत्र में वह पीछे है, लेकिन वहां की जनता नाभिकीय हथियार की वकालत करती है " ! भारत को अखबार में चेतावनी देते हुए लिखा गया है, "अगर यह मिसाइल चीन के अधिकतर हिस्सों पर निशाना लगाने में भी सक्षम है, तो इसका यह मतलब नहीं है कि भारत विवादित मुद्दों पर कुछ हासिल कर लेगा ! भारत को पता होना चाहिए कि चीन की परमाणु क्षमता कहीं ज्यादा मजबूत है ! भारत हथियारों के मामले में चीन के आगे कहीं भी नहीं ठहरता है !" अखबार में कहा गया है कि पश्चिमी देश भारत की इस "हथियारों की होड़" पर चुप हैं ! चीन का मीडिया बौखलाहट में कैसी भी बयानबाजी करे परन्तु  हमें प्रतिक्रिया स्वरुप बौखलाने की जरूरत नहीं है ! 

सौ फीसदी सच यह है कि बाह्य सुरक्षा हमारे लिए एक अत्यंत गंभीर मुद्दा है अतः वर्तमान परिस्थितियों के चलते भारत के लिए यह परीक्षण बहुत आवश्यक भी था ! कारण भारत के पड़ोसी देशो में कट्टरवादिता के लगातार हावी होने के चलते वहा राजनैतिक अस्थिरता बढ़ रही है ! पिछले दिनों अरुणाचल प्रदेश को चीन द्वारा अपने नक़्शे में दिखाने से लेकर भारत की घेराबंदी तक जैसी खबरे सुनने में आई थी परन्तु यथार्थ यह है कि  चीन भले ही अपने मानचित्र में भारत के अरुणाचल प्रदेश को लगातार दिखता हो परन्तु भारत को यह कदापि मान्य नहीं है ! वही चीन द्वारा भारत के घेराबंदी जैसी बातो से हमें मानसिक घेराबंदी करने की जरूरत नहीं है ! समुचित शक्ति से , अपनी कूटनीतिक के प्रभाव से और सामरिक शक्ति से इसका कटाक्ष किया जा सकता है !  

भारत के अग्नि - 5 इस सफल परीक्षण से कई  देशो का तर्क है कि इससे एशियाई देशो में हथियारों की होड़ या यूं कहे कि " मिसाइल  दौड़" बढ़ेगी तो यह कदापि उचित नहीं होगा ! भारत ने यह परीक्षण अपनी सामरिक आवश्यकताओं के चलते किया है ! हमारा परमाणु अप्रसार रिकॉर्ड समूची दुनिया के लिए एक मिशाल है ! ज्ञातव्य है कि नाटो ने  अग्नि - 5  के सफल परीक्षण पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि " भारत का परमाणु अप्रसार रिकॉर्ड बेहद अनुशासित, शांतिपूर्ण और शानदार रहा है " !  अमेरिका भी नाटो के इस बयान से पूर्णतः सहमत है ! भारत की यह सदैव से नीति है कि हम किसी देश पर पहले हमला नहीं करते ! परंतु इसका यह अर्थ कदापि नहीं लगाना चाहिए कि अगर हम पर हमला हुआ तो हम चुप बैठे रहेंगे !

अभी तक यह प्रौद्योगिकी सुरक्षा परिषद् के पांच स्थाई सदस्य देशो के पास ही थी ! भारत अपने अग्नि - 5  के सफल परीक्षण के चलते दूसरे देशो की स्थाई सदस्यता की दावेदारी के चलते अपनी दावेदारी और मजबूत कर ली है अगर ऐसा माना जाय तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी !  हालांकि इस सफलता मात्र से भारत का सुरक्षा परिषद् की तरफ का रास्ता आसान नहीं है ! ज्ञातव्य है कि ब्राजील, जर्मनी, जापान, और दक्षिण अफ्रीका  जैसे देश सुरक्षा परिषद् की स्थाई सदस्यता के लिए अपनी - अपनी दावेदारी कर रहे  थे ! इनमे से अभी तक किसी भी देश के पास अंतर्महाद्वीपीय बलास्तिक मिसाइल (ICBM) नहीं है ! 

भारत का पिछले एक दशक से मिसाइल विकास कार्यक्रम बहुत ही शानदार रहा है ! अग्नि - 1 का सफल परीक्षण 2002 में किया गया था ! जिसकी लागत तकरीबन 300 करोड़ रुपये थी और इसकी मारक क्षमता लगभग 800 किलोमीटर तक थी ! उसके बाद विकास का यह सिलसिला रुका ही नहीं ! भारत ने अब अग्नि - 5 के सफल परीक्षण 5000 से अधिक दूरी तक मार करने की मिसाइल निर्मित कर यह साबित कर दिया कि भारत के वैज्ञानिको में वो काबिलियत है जिससे वह सारे संसार को अपना मुरीद बना सकता है ! ध्यान देने योग्य है भारतीय वैज्ञानिको की दिन - रात मेहनत के चलते भारत ने ब्रह्मोस, आकाश, धनुष,पृथ्वी, सागरिका जैसी मिसाइलें  विकास किया है ! 

वर्तमान समय में किसी भी देश को ताकतवर तब समझा जाता है आर्थिक सम्पन्नता के साथ - साथ उसकी सेना सबसे आधुनिकतम हथियारों से युक्त हो ! भारत अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लगातार समृद्धि की तरफ अग्रसर हो रहा है !  इंफ्रास्ट्रक्टर और निर्माण के क्षेत्र में अब हम निरंतर आगे बढ़ रहे है ! ऐसे में हमें अपनी बाहरी सुरक्षा पर ध्यान देना चाहिए ! क्योंकि आर्थिक सम्पन्नता के साथ - साथ उसकी बाह्य सुरक्षा भी एक महत्वपूर्ण मुद्दा है ! अभी भारत के सम्मुख  विश्व
महाशक्ति बनने में और भी कई चुनौतिया है ! मसलन आर्थिक, प्रशासनिक,पड़ोसी देश के साथ सम्बन्ध ठीक न होना है ! पड़ोसी देश के साथ सम्बन्ध ठीक न होने की बेडी जब तक पडी रहेगी तब तक हम अपनी नियति के अनुसार काम नहीं कर पाएंगे ! अगर सफल सरकार और सबल सरकार भारत में नहीं होगी हम अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कुछ नहीं कर सकते ! 
हमारा देश आने वाले समय में विश्व के सम्मुख एक आदर्श स्थिति में होगा ऐसी स्थित में भारत को अपनी सामरिक शक्ति में वृद्धि करते हुए तथा सकारात्मक सोच के साथ हमें प्रगति करने के साथ - साथ संयम रखते हुए अनुशासन के साथ आगे बढ़ना चाहिए ! 
राजीव गुप्ता
लेखक एवं स्वतंत्र स्तंभकार,  
मोबाईल सम्पर्क: 98115 58925

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