Friday, September 02, 2011

नगर कीर्तन के उन अलौकिक पलों का सुखद अहसास

अमृतसर से गजिंदर सिंह किंग: 
यह अलैकिक नजारा जिस ने देखा वही महसूस कर पाया कि यह तो सचमुच अलौकिक पलों का एक जीवंत अनुभव था. हर रोज़ अरदास में सुन लेना एक.अलग बात है कि गुरू मान्यो ग्रन्थ पर इस आदेश को लागू होते हुए देखना इस हकीकत का एक ऐसा सुखद अनुभव जिसे पा कर एक बार तो हर दुःख भूल अंतर आत्मा तक पहुँचती हुई. इस अवसर पर एक भव्य नगर कीर्तन भी निकाला गया. इस विशाल नगर कीर्तन गुरुद्वारा रामसर जी से श्री गुरु ग्रन्थ साहिब जी का 407 वे प्रकाश दिवस पर एक विशाल नगर कीर्तन पांच प्यारों के नेतृत्व में श्री गुरु ग्रंथ साहिब को सोने की पालकी पर सूबोधित कर निकाला गया,यह नगर कीर्तन सच्चखंड श्री हरि मंदिर साहिब में सम्पन हुआ, इस नगर कीर्तन में स्कूली बच्चे, स्कूली बैंड, मिलट्री बैंड, गतका पार्टी, धार्मिक सभाए और विभिन्न सिख जत्थेबंदियों ने भाग लिया, हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने जगह-जगह नगर कीर्तन का स्वागत किया, रास्तों में गुरु की प्यारी विभिन्न सिख जत्थेबंदियों की ओर से गतका के करतब दिखा कर सिख संगत को निहाल किया, इस मौके पर श्री अकाल के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के पहले प्रकाश दिवस पर देश विदेश की समूह संगत को श्री गुरु ग्रन्थ साहिब जी के 407 वे प्रकाश दिवस बधाई दी.  
सिखों के पाचवे गुरु श्री गुरु अर्जन देव जी ने गुरुद्वारा रामसर जी में बाबा बुड्डा जी के सिर पर श्री गुरु ग्रन्थ साहिब जी को रख कर आप खुद चौहल साहिब कर सच्चखंड श्री हरि मंदिर साहिब में प्रकाश करवाया था, इसी को मद्देनजर रखते हुए हर साल की तरह आज भी गुरुद्वारा रामसर जी से श्री गुरु ग्रन्थ साहिब जी का 407 वे प्रकाश दिवस पर एक विशाल नगर कीर्तन पांच प्यारों के नेतृत्व में श्री गुरु ग्रंथ साहिब को सोने की पालकी पर सूबोधित किया गया, श्री गुरु ग्रंथ साहिब की छत्रछाया में यह नगर कीर्तन सच्चखंड श्री हरि मंदिर साहिब में सम्पन हुआ, इस नगर कीर्तन में स्कूली बच्चे, स्कूली बैंड, मिलट्री बैंड, गतका पार्टी, धार्मिक सभाए और विभिन्न सिख जत्थेबंदियों ने भाग लिया, हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने जगह-जगह नगर कीर्तन का स्वागत किया, रास्तों में गुरु की प्यारी विभिन्न सिख जत्थेबंदियों की ओर से गतका के करतब दिखा कर सिख संगत को निहाल किया, इस मौके पर श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह जी ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के पहले प्रकाश दिवस पर देश विदेश की समूह संगत को श्री गुरु ग्रन्थ साहिब जी के 407 वे प्रकाश दिवस बधाई देते हुए कहा, कि हमे जो गुरु जी ने संदेश दिए है उन को अमल में लाना चाहिय और गुरु जी के बताए मार्ग पर चले श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के बाणी के साथ जोड़ लेना चाहिए और अपना जीवन सफल बना कर गुरु घर की खुशिया प्राप्त करनी चाहिए, वहीं उन का कहना है, कि आज के दिन सिखों के पाचवे गुरु श्री गुरु अर्जन देव जी ने गुरुद्वारा रामसर जी में बाबा बुड्डा जी के सिर पर श्री गुरु ग्रन्थ साहिब जी को रख कर आप खुद चौहल साहिब कर सच्चखंड श्री हरि मंदिर साहिब में प्रकाश करवाया था,, वहीं उस तरह से ही आज नगर कीर्तन और यह पर्व मनाया जा रहा है साथ ही इस मौके पर उन्होंने देश विदेशो की संगतों को बधाई दी.

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