Sunday, June 12, 2011

प्रेस पर एक और वार: इस बार लिया गया डे का बलिदान

मैं किसी आवश्यक कार्यवश हिमाचल में था. ऐनक पास नहीं थी इसलिए न अख़बार पढ़ सकता था और न ही नेट पर कार्य कर सकता था. अगर ऐनक  की तरकीब निकाल भी लेता तो वहां नेट भी उपलब्ध नहीं था. लौट कर देखा तो एक दुख्द संदेश  कुलदीप शर्मा की ओर से भी था. एक और पत्रकार की हत्या कर दे गयी थी. लिखा था, "मुंबई के मिड-डे समाचार-पत्र के क्राइम एडिटर जे.डे. की दिन-दिहाड़े हत्या.....मीडिया जगत में शोक की लहर..." आगे विवरण में लिखा था."
जब देश वाणिज्यक राजधानी मुंबई में हालात इस कद्र खराब हो चुके हैं कि वरिष्ठता कर्म कि टीसी पर बैठे मिडिया के लोग सुरक्षित नहीं हैं तो देश के अंतिम व्यक्ति कि सुरक्षा कि गारंटी कौन देगा ? जिस देश में संसद, न्यायपालिका,कार्यपालिका,के साथ-साथ प्रेस के सर पर भी खौफ का साया मंडराता हो, उस देश के नेताओं को कदापि यह हक नहीं है कि वे खुद को विकासशील अथवा विक्सित देश के सरबराह कहलावें.... नित-प्रतिदिन सरकारी शगूफे सुनते हैं , सूचना का अधिकार, रोज़गार का अधिकार,शिक्षा का अधिकार, फलां अधिकार-फलां अधिकार, अरे देश के तथाकथित कर्णधारो पहले इस देश के नागरिक को जीने का अधिकार तो दो,भर पेट खाने का अधिकार तो दो....बाकी के सभी अधिकार तो वो तुम लोगों गले में अंगूठा दे के अपने आप ले लेगा...." 
इसी वारदात की खबर देते हुए जनसत्ता एक्सप्रेस ने लिखा  सांध्य दैनिक ‘मिड-डे’ के वरिष्ठ पत्रकार ज्योतिंद्र डे की शनिवार दोपहर उत्तर पश्चिमी मुम्बई के पवई इलाके में अज्ञात लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी। डे लम्बे समय से अंडर वर्ल्ड की रिपोर्टिग कर रहे थे।
पुलिस के मुताबिक प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा है कि हमलावर मोटरसाइकिल पर सवार होकर आए थे। उन्होंने बहुत करीब से डे के सीने में तीन गोलियां मारीं और भाग गए। गम्भीर रूप से घायल डे को नजदीक ही स्थित हीरानंदानी अस्पताल में दाखिल कराया गया, जहां उनकी मौत हो गई। डे के परिवार में उनकी पत्नी शोभना और मां हैं।
इस घटना की केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अम्बिका सोनी सहित तमाम नेताओं, पत्रकारों और समाजसेवियों ने निंदा की है।
दिल्ली में सोने ने डे की हत्या की निंदा करते हुए कहा कि यह हमला प्रेस की स्वतंत्रता को चुनौती है। उन्होंने संवेदना संदेश में कहा, “इस घटना ने प्रेस की स्वतंत्रता और तथ्यात्मक रिपोर्टिग के लिए चुनौती पेश की है। यह घटना उन लोगों के पगलपन को दिखाता है जो निर्दोष लोगों को शिकार बनाते हैं। कोई भी सभ्य समाज प्रेस की स्वतंत्रता पर इस तरह के हमले को नहीं सह सकता।”
इस हत्या की निंदा करते हुए राज्य के गृह मंत्री आर.आर. पाटील ने कहा कि मुम्बई पुलिस की अपराध शाखा इस मामले की जांच कर रही है।
पाटील के मुताबिक अपराध शाखा के शीर्ष पुलिस अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गए हैं और उन्होंने जांच शुरू कर दी है। किसी माफिया गिरोह द्वारा इस हत्या को अंजाम दिए जाने का अंदेशा है।
पाटील ने कहा, “इस मामले की जांच अपराध शाखा करेगी। हमें यकीन है कि अपराधी जल्द ही पुलिस की गिरफ्त में होंगे।”
डे अपने समाचार पत्र के लिए अंडरवर्ल्ड की रिपोर्टिग करते थे। वह इस क्षेत्र में 22 वर्ष से सक्रिय थे। अपराध संवाददाता बनने से पहले डे पेशेवर स्क्यूबा डाइवर (गोताखोर) थे।
मिड-डे से पहले डे ने इंडियन एक्सप्रेस और हिन्दुस्तान टाइम्स के लिए इसी हैसियत पर काम किया था। वह लम्बे समय से दाऊद इब्राहिम और छोटा राजन जैसे अंडरवर्ल्ड के कुख्यात अपराधियों के खिलाफ लिखते रहे थे।
पत्रकारों में रोष की लहर  : महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में वरिष्ठ पत्रकार ज्योति डे की हत्या पर पत्रकार संगठनों ने आरोप लगाया कि पुलिस और अंडरवर्ल्ड के बीच साठगांठ इस हत्या की वजह हो सकती है.
मुंबई मराठी पत्रकार संघ के अध्यक्ष प्रसाद मोकाशी ने कहा कि हम ज्योति डे की हत्या की निंदा करते हैं. उन्होंने पुलिस और अंडरवर्ल्ड की साठगांठ को बेनकाब करने का प्रयास किया और आज उन्हीं खुलासों के वह शिकार हो गए. मुंबई पुलिस और अंडरवर्ल्ड से चल रहा है और यहां कानून व्यवस्था नहीं है. हम पुलिस आयुक्त के इस्तीफे की मांग करते हैं क्योंकि वह शहर में अपराध दर काबू में नहीं ला सके.
टेलीविजन पत्रकार संघ के अध्यक्ष शशिकांत संधबोर ने कहा कि ज्योति डे की हत्या से यह साबित हो गया है कि शहर में पुलिस अंडरवर्ल्ड साठगांठ है. उन्होंने दाउद इब्राहीम, छोटा राजन और अन्य पर कई खबरें की थी।’’ संधबोर ने कहा कि हम मांग करते हैं कि गृहमंत्रालय इसकी गहन जांच कराए. इसके साथ ही उसे अतीत के उन मामलों पर एक रिपोर्ट सामने लानी चाहिए कि जिनमें पत्रकारों पर हमले हुए और उनकी जांच की स्थिति क्या है.
मंत्रालय एवं विधिमंडल वार्ताहार संघ के अध्यक्ष अनिकेत जोशी ने कहा कि इस कायराना हत्या की उचित जांच करवायी जाए. अपराध की खबर करने वाले संवाददाताओं को सुरक्षा प्रदान की जाए. प्रेस क्लब ऑफ मुम्बई ने भी इस हत्या में शामिल अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की.
प्रेस क्लब ने दिन दहाड़े हुई इस हत्या पर आश्चर्य प्रकट करते हुए एक बयान में मांग की कि इस घृणतम घटना को जिन लोगों ने अंजाम दिया और जिन्होंने साजिश रची उन्हें गिरफ्तार किया जाए और उनके खिलाफ मामले दर्ज किए जाएं.
उन्‍होंने बयान में कहा कि राजनेताओं एवं स्थानीय माफिया द्वारा पत्रकारों के साथ मारपीट एवं डराने धमकाने की कई घटनाएं हाल के सप्ताहों और महीनों में सामने आयी है. इसी बीच पत्रकार हल्ला विरोधी कृति समिति ने कहा है कि गृहमंत्री आर आर पाटिल और मुम्बई पुलिस आयुक्त अरूप पटनायक को हत्या की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पदों से इस्तीफा दे देना चाहिए.
अंग्रेजी दैनिक मिड-डे के वरिष्ठ पत्रकार की हत्या की निंदा करते हुए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी ने कहा कि कोई भी सभ्‍य समाज प्रेस की आजादी पर इस प्रकार के हमले को बर्दाश्त नहीं कर सकता.सोनी ने यहां जारी शोक संदेश में कहा कि इस कृत्य ने प्रेस की आजादी और वस्तुपरक रिपोर्टिंग को चुनौती दी है. यह घटना बिना दिमाग वाले व्यक्तियों के पागलपन का संकेत है जिसमें निर्दोष लोग मारे जाते हैं. कोई भी सभ्‍य समाज प्रेस की आजादी पर इस प्रकार के हमले को बर्दाश्त नहीं कर सकता. उन्होंने विश्वास जताया कि महाराष्ट्र के गृहमंत्री यथासंभव कम समय में हमलावरों का पता लगाने के अपने आश्वासनों पर खरे उतरेंगे.महाराष्ट्र के गृहमंत्री ने कहा है कि इस अपराध के पीछे जो भी है, उसे गिरफ्तार किया जाएगा. उल्लेखनीय है कि मिड डे के संपादक (विशेष जांच) डे की शनिवार को मुम्बई में दिन दहाड़े अज्ञात हमलावरों ने हत्या कर दी.  

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