Saturday, April 30, 2011

"धर्म तोड़ता नहीं जोड़ता है" का संदेश देता पीरखाना

पंजाब हो या हरियाणा धार्मिक गतिविधियों के मामले में यहां के लोग हर समय तत्पर रहते हैं. अलग अलग मज़हबों के बावजूद बहुत से लोग एक दुसरे को जोड़ने के लिए तत्पर रहते हैं और उन लोगों के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत करते हैं जो धर्म का नाम लेकर दंगा और खून खराबा करते हैं. पंजाब के लुधियाना में एक ऐसा ही स्थान है पीरखाना जहाँ पर गद्दी नशीन हैं बंटी बाबा. लुधियाना की काकोवाल रो पर स्थित इस जगह की बहुत मान्यता है. लोग दूर दूर से इस दरबार में सजदा करने आते हैं. पिछले दिनों यहां पर सखी सर्वर पीर निगाहें वालों का प्रकाश दिवस भी मनाया गया.इस मौके पर सर्वप्रथम रोज़े की चादर चढाई गयी. 
रोज़े की चादर इस दरबार के गद्दी नशीन बंटी बाबा ने खुद बहुत ही श्रद्धा से चढाई. चादर चढ़ने की इस रस्म अदा करते समय बनती बाबा के साथ बहुत से और भक्त भी मौजूद रहे. लोग हर मंगलवार और गुरूवार को यहां आते हैं. जब सखी सर्वर पीर निगाहें वालों का प्रकाश दिवस मनाया गया तो नयी पीढ़ी के युवा लोग भी इस में बढ़ चढ़ कर शामिल हुए. अवसर बढ़ चढ़ कर शामिल हुए. 
युवा वर्ग की भावनायों का ध्यान रखते हुए बंटी बाबा ने विशेष तौर पर 31 किलोग्राम का केक बनवाया.  जब बंटी बाबा ने इस केक को काटा तो इस रस्म में बहुत से लोगों ने बढ़ चढ़ कर भाग लिया. बंटी बाबा के पीछे विधायक हरीश बेदी भी नजर आ रहे हैं.
बाद दोपहर जब भजन बन्दगी के लिए गीत संगीत का सिलसिला शुरू हुआ तो क्वालियों का एक अलग ही रंग था. इस दौर ने लोगों को मस्त कर दिया.  जब पीरखाना में धर्म तोड़ता नहीं जोड़ता है का संदेश देता हुआ यह अध्यात्मिक संगीत चल रहा था और लोग कीसी आलोकिक आनन्द में खोये हुए बस सुन रहे थे और झूम रहे थे लगता था जैसे समय थम सा गया हो.  क्वालियों में छुपे सूफी संदेश को बंटी बाबा और उनके मेहमानों ने भी बहुत ही ध्यान से सुना.  और उन पलों में ही एक कैमरामैन ने इस तस्वीर को अपने कैमरे में कैद कर लिया.   रिपोर्ट विशाल गर्ग फोटो: संजय सूद 

नोट: अगर आप भी किसी ऐसे ही कार्यक्रम में शामिल हो कर आये हैं या होने जा रहे हैं तो उसके बारे में हमें भी बताएं.  

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