Saturday, March 28, 2020

कोरोना से पहले लोग भूख और गरीबी से मर जायेंगे

 28th March 2020 at 4:59 PM
9 जन संगठनों ने लिखा मुख्यमंत्री को पत्र 
इस तस्वीर को सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है गब्बर सिंह ने 
लुधियाना: 28 मार्च 2020: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो):: 
एक तो कोरोना का कहर ऊपर से भूख और बेरोज़गारी की मुसीबत। आम लोगों का जीना मुश्किल हो गया है। पंजाब के 9 जन संगठनों ने मौजूदा स्थिति को लेकर मुख्य मंत्री को पत्र भी लिखा है। इन्होने इस बात की कड़े शब्दों में निंदा की है कि आम गरीब वर्ग की ज़िंदगी के प्रबंधों को किये बिना कर्फ्यू का ऐलान ही क्यों किया गया? कर्फ्यू से फौरी पहले ज़रूरी प्रबंध क्यों नहीं किये गए। इन संगठनों ने इस बात पर भी गहरी चिंता व्यक्त की कि सरकारी दावों के बावजूद कोरोना पर नियंत्रण होता नज़र नहीं आ रहा। मुख्य मंत्री को लिखे अपने पत्र का विवरण देते हुए इन संगठनों ने एक प्रेस वक्तव्य में कहा कि सरकारी बयानों से गरीबों का पेट नहीं भरने वाला। इन बयानों को लागू भी किया जाना चाहिए। कोरोना का कहर बढ़ता ही जा रहा है और इससे संक्रमित लोगों की संख्या भी बढ़ रही है। संगठनों ने लोगों पर टूटे पुलिस के कहर की भी सख्त निंदा की। जब लोगों ने  इस सख्ती का विरोध किया तभी पुलिस कमिश्नर ने पुलिस के इस डंडे को रोकने की बात कही। 
इन संगठनों ने आरोप लगाया कि लोगों को राहत देने के नाम पर जो मोबाईल नंबर जारी किये गए हैं उनको कोई उठाता ही नहीं। गली मोहल्लों में जिन फेरी वालों को सामान पहुंचाने की ज़िम्मेदारी सौंपी गई है वे हर चीज़ के भाव दो तीन गुना ज़्यादा वसूल कर रहे हैं। दूध में भी मिलावट निकल रही है। ऐसे में बेचारे लोग कहाँ जाएं।  क्या भूखे पेट रामायण देखी जाती है?
जो लोग हर रोज़ दिहाड़ी कर के पेट भरते थे उनकी मुसीबत सबसे ज़्यादा है? ऐसे में अगर सप्लाई की हालत सुधर भी जाये तो भी वे लोग ज़रूरत की ज़रूरी चीज़ें कहाँ से खरीदेंगे? उनको खाली जेब कौन देगा सामान?
बेशक रजिस्टर्ड मज़दूरों के लिए तीन तीन हज़ार रुपया देने की घोषणा तो की गयी है लेकिन यह भी अभी तक एलानों तक ही सीमित है। किसी के हाथ में अभी तक पैसा नहीं आया? इन गरीब लोगों को अगर तुरंत राहत न मिली तो वे लोग कोरोना से पहले भूख के कारण मर जायेंगे। ऐसी मौतें हुईं तो इसके लिए प्रधानमंत्री और मुख्य मंत्री ज़िम्मेदार होंगें। लोग जिस तरह दिल्ली से 400-700 किलोमीटर पैदल अपने गाँवों की तरफ पैदल ही निकल पड़े हैं उसे देख कर अनुमान लगाना कठिन नहीं कि सरकारों ने उनके लिए क्या किया है। मुंबई, पटियाला, दिल्ली हर तरफ बुरी हालत है। ऐसे में सरकारें सिर्फ ब्यान दे रही हैं। टीवी पर रामायण दिखाने की घोषणा कर रही हैं। 
जम्होरी अधिकार सभा पंजाब की तरफ से प्रोफेसर ए के मलेरी-प्रोफेसर जगमोहन सिंह, इंकलाबी केंद्र पंजाब और तर्कशील सोसायटी की तरफ से जसवंत जीरख-सचदेवा,  जमहूरी किसान सभा की तरफ से रघबीर सिंह बैनीपाल और प्रोफेसर जैपाल सिंह, इंकलाबी मज़दूर यूनियन की  सुरिंदर सिंह, मोलडर एंड स्टील वर्कर्ज़ यूनियन की तरफ से हरजिंदर सिंह, महा सभा लुधियाना की तरफ से रिटायर्ड कर्नल-जे एस बराड़, नौजवान सभा ककी तरफ से राकेश आज़ाद,  संगठन की तरफ से गलर चौहान ने मांग की है कि हर वर्ग के मज़दूरों को आने वाले तीन तीन महीनों के लिए नगदी, राशन और अन्य आवश्यक सुविधाओं का प्रबंध किया जाये। इस मकसद का पत्र डिप्टी कमिश्नर लुधियाना की तरफ से मुख्य मंत्री को भेजा गया है। समाज के समृद्ध लोगों को भी आर्थिक तौर पर पिछड़े वर्गों की सहायता के लिए आगे आने को कहा गया है।
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