Sunday, October 27, 2019

ISIS प्रमुख अबू बक्र अल बगदादी शनिवार को मारा गया

दीपावली के मौके पर आई खबर:ट्रम्प ने किया ऐलान
वाशिंगटन: 27 अक्टूबर 2019: (पंजाब स्क्रीन//इंटरनेट):: 
फोटो:इंटरनेट से साभार 
उम्मीद थी कि वह लड़ता हुआ मौत को गले लगाएगा लेकिन उस ने आत्महत्या का रास्ता चुना। खुद को घिरा देख कर उसने खुद को उड़ा लिया।
इस्लामिक स्टेट का सरगना अबू बक्र अल बगदादी शनिवार को उत्तर-पश्चिमी सीरिया में अमेरिका के विशेष बलों के हमले में मारा गया। यह ऐलान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार को किया। 

ट्रंप ने कहा कि "क्रूर" संगठन इस्लामिक स्टेट का सरगना और दुनिया का नंबर एक आतंकवादी बगदादी "कुत्ते और कायर की" मौत मारा गया। गौरतलब है कि जघन्य हत्यायों के मामले में इस क्रूर संगठन ने नए रेकार्ड बनाये थे। लड़कियों को बंदी बना कर उनकी योनि और गुदा में में गोलियां मारना जैसे हत्याकांडों की बाकायदा वीडियो भी जारी करता रहा यह संगठन। अनगिनत लोगों की बददुआएँ इस संगठन इस प्रमुख का पीछा कर रही थी। छोटे छोटे नाबालिग बच्चों के सर कलम कर देना, विरोधियों को बंदी बना कर उन्हें मुर्गे की तरह आग पर भूनना इस संगठन के लिए आम सी बात थी। बंदी को पिंजरे में दाल कर बाहर से आग लगाना भी ऊके हत्या के तरीकों में से एक था।  की खुद की मौत आई तो उसका हाल देखने लायक था। 

अमेरिकी राष्ट्रपति ने व्हाइट हाउस में संवाददाता सम्मेलन के दौरान बगदादी की मौत की पुष्टि करते हुए कहा कि आईएस का सरगना अपने जीवन के अंतिम क्षणों में रोया, चीखा-चिल्लाया और फिर अपने तीन बच्चों की हत्या कर खुद को बम से उड़ा लिया।
ट्रंप ने कहा कि अमेरिका के विशेष अभियान बलों ने रात के समय "साहसिक और जोखिम भरे अभियान’’ को शानदार ढंग से अंजाम दिया। यह एक ऐसा अंजाम था जिसकी इंतज़ार दुनिया में बहुत से लोगों को बहुत लम्बे अर्से से थी। 
राष्ट्रपति ट्रम्प ने कहा कि अमेरिका ने दुनिया के नंबर एक आतंकी सरगना को मार गिराया है। अबू बक्र अल बगदादी अब सचमुच  मर चुका है। उल्लेखनीय है कि उसकी मौत की खबरें पहले भी आती रही हैं। इस बार उसकी मौत की खबर आने पर बाकायदा डीएनए जांच हुई है। इसके बाद ही इसका ऐलान किया गया।  
बगदादी की मौत का हाल बताते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि वह आईएसआईएस का संस्थापक और वहशी नेता था जो दुनिया का सबसे क्रूर और हिंसक आतंकी संगठन है। अमेरिका कई वर्षों से बगदादी की तलाश कर रहा था। बगदादी को पकड़ना या मारना मेरे प्रशासन की राष्ट्रीय सुरक्षा की सर्वोच्च प्राथमिकता रही। दुनिया ने इसे दीवाली की सौगात की तरह लिया क्यूंकि जब ोग दीवाली मना रहे थे तभी बगदादी के मरने की खबर आई। 
ट्रंप ने कहा वह बुरी तरह से गया था। इस साडी स्थिति के बावजूद वह एक तरफ से बंद सुरंग में भागते हुए गया। इस दौरान वह पूरे समय रोता और चिल्लाता रहा। जिस ठग ने दूसरों के मन में डर पैदा किया, उसके जीवन के अंतिम क्षण अमेरिकी सेना के खौफ में बीते। जिस ने न जाने कितने लोगों को ख़ौफ़ज़दा मौत दी थी जब खुद उसका वक़्त आया तो वह बुरी तरह से सहम गया। 
उन्होंने कहा कि अभियान में एक भी अमेरिकी सैनिक हताहत नहीं हुआ, लेकिन बगदादी के कई समर्थक मारे गए। उन्होंने कहा कि उसके पास से बेहद संवेदनशील सामग्री और जानकारी मिली है। वह सामग्री क्या है इसका खुलासा तो अमेरिकी सरकार वक़्त आने पर ही करेगी लेकिन यह अमेरिका की बहुत बड़ी कामयाबी है। 
ट्रंप ने कई बार दोहराया कि बगदादी कुत्ते की मौत मरा। वह कायर की मौत मारा गया। ट्रंप ने कहा कि उन्होंने उपराष्ट्रपति माइक पेंस और शीर्ष सैन्य अधिकारियों के साथ व्हाइट हाउस से अभियान का सीधा प्रसारण देखा। इस सीधे प्रसारण के दौरान एक एक पल सनसनी से भरा हुआ था। लगता था किसी भी समय कुछ भी हो सकता है।   
यह सारा हाल बताते हुए उन्होंने कहा कि अमेरिकी कमांडों ने परिसर की दीवार को धमाका कर उड़ा दिया। विस्फोट ने बगदादी के शरीर को विकृत कर दिया, लेकिन डीएनए जांच में उसकी पहचान की पुष्टि हो गई। इस जाँच के बाद ही उसकी मौत का ऐलान किया गया। गौरतलब है कि आईएस ने लोगों पर बहुत अत्याचार किये, जिसके चलते हजारों लोगों को जान गंवानी पड़ी। जो जो वीडीओ यह संगठन जारी करता रहा उन्हें देख कर रौंगटे खड़े हो जाते थे। पिछले पांच वर्षों में, बगदादी के ठिकाने के बारे में बहुत कम जानकारी मिल पाई थीं। इस दौरान कई बार उसके मारे जाने की खबरें भी आईँ। बगदादी की मौत को राष्ट्रपति ट्रंप के लिये बड़ी राजनीतिक जीत माना जा रहा है, जो विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से महाभियोग की प्रक्रिया का सामना कर रहे हैं।
ट्रंप ने अभियान में सहयोग देने के लिये रूस, तुर्की, सीरिया, और इराक को धन्यवाद दिया। उन्होंने अभियान में मददगार जानकारी उपलब्ध कराने के लिये सीरियाई कुर्दों को भी धन्यवाद कहा। साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कुर्दों ने इस मामले में सैन्य भूमिका नहीं निभाई लेकिन उन्होंने हमें जानकारी ज़रूर उपलब्ध कराई। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि अमेरिकी विशेष बलों ने तुर्की के किसी क्षेत्र से उड़ान भरी थी।
उन्होंने कहा कि हमने रूस से बात कर उसे बताया कि हम वहां आ रहे हैं...उन्होंने बहुत अच्छी प्रतिक्रिया दी। हमने रूस को यह नहीं बताया कि हमारा मिशन क्या है। 
ट्रंप ने कहा कि यह एक खुफिया अभियान था। वहां घुसते ही हल्की गोलीबारी हुई, जिसका तुरंत जवाब दिया गया। अभियान की प्रक्रिया शाम पांच बजे शुरू की गई।
उन्होंने कहा कि अभियान से पहले 11 बच्चों समेत कई लोगों को बचाया गया। डीएनए जांच में साबित हो गया है कि वह बगदादी था। हमले में उसकी दो पत्नियां भी मारी गईं।
दुनिया की सबसे अच्छी खुफिया एजेंसियों द्वारा खोजे जाने और अमेरिकी अधिकारियों द्वारा उसके बारे में सूचना देने के लिये ढाई करोड़ अमेरिकी डॉलर का इनाम रखने के बावजूद बगदादी हाथ नहीं आया।
बगदादी इराक में अल-कायदा में शामिल हो गया, जिसका बाद में इराक के इस्लामिक स्टेट और अन्य इस्लामी समूहों के साथ विलय हो गया। वह अमेरिकी सेना द्वारा अपने पूर्ववर्ती के मारे जाने के बाद 2010 में समूह का नेता बन गया। इसके बाद उसने 2013 में समूह का नाम बदलकर आईएसआईएल या आईएसआईएस किया और 2014 में खुद को उसका खलीफा घोषित कर लिया। फिर भी यह सवाल अभी कायम है कि आईएसआईएस की गतिविधियां अब बंद होंगीं या मंद पड़ेंगी? क्या इस जघन्य संगठन की जंग अब नियंत्रण में की जा सकेगी? दुनिया भर में फैलिन इनकी शाखाओं पर अब बगदादी की मौत का क्या असर पड़ेगा?  

Monday, October 21, 2019

सुप्रसिद्ध कवयित्री डॉ. शकुंतला यादव का देहावसान

Monday:Oct 21, 2019, 9:38 PM
बाईपास सर्जरी के बाद अस्वस्थ थीं-साहित्य जगत में शोक की लहर 
लुधियाना: 21 अक्टूबर 2019: (*डा. राजेंद्र साहिल)::
एससीडी गवर्नमेंट कॉलेज , लुधियाना में लंबे समय तक हिंदी साहित्य का अध्यापन करने वाली और हिंदी की समर्थ एवं सुप्रसिद्ध कवयित्री डॉ. शकुंतला यादव आज अपनी जीवन-यात्रा संपूर्ण कर परम पिता परमात्मा के चरणों में जा बिराजीं। वे 73 वर्ष की थीं। उनका अंतिम संस्कार केवीएम के निकट वाले श्मशान घाट में किया गया। इसी महीने अर्थात 1 अक्तूबर 1946 को जन्मीं डॉ. शकुंतला यादव ने लगभग तीस वर्ष तक लुधियाना के सरकारी कॉलेज में अध्यापन किया और हिंदी के अनेक विद्यार्थियों के जीवन का निर्माण किया। डॉ. शकुंतला यादव ने हिंदी साहित्य को 'सूरज की तलाश', 'शब्दों के नील पंछी' और 'गुब्बारा: रौशनी और छिपकली' जैसे काव्य-संग्रहों समेत कुल छह पुस्तकें प्रदान कीं। वर्ष 2004 में सेवा-मुक्त होने के बाद से ही वह पुष्प विहार कॉलोनी, बाड़ेवाल कैनाल रोड, लुधियाना में निवास कर रहीं थीं और पिछले कुछ वर्षों से हृदय की बाईपास सर्जरी के कारण अस्वस्थ रहतीं थीं। डॉ. यादव अपने पीछे एक पुत्र-पुत्रवधू, दो पौत्र और अनेक शिष्य रूपी संतानें छोड़ गईं हैं। 
*-डा. राजेंद्र साहिल स्वर्गीय डा. शकुंतला यादव के बहुत ही नज़दीकी जानकारों/मित्रों में रहे।