Wednesday, June 24, 2015

अब भी मंडराते हैं मज़दूरों के सर पर खतरे

दबाव में काम किया तो जगह जगह कट गयी दारोगा पासवान की ऊँगली 
लुधियाना: 23 जून 2015: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो):
तकनीकी वकास चाहे कितना ही हो चुका हो लेकिन एक गरीब और मज़दूर की ज़िन्दगी पर मंडराते खतरे अभी भी काम नहीं हुए। उन्हें दो वक़्त की रोटी के लिए जो मेहनत करनी पड़ती है वह भी खतरों से खेलने वाली होती है।  कभी किसी मज़दूर की मौत गटर में गैस चढ़ने से हो जाती है और कभी कोई मज़दूर किसी   और दुर्घटना का शिकार हो जाता है।
कल सोमवार को नगरनिगम के एक कर्मचारी दरोगा पासवान से मुलाक़ात हुयी। उसनेअपनी ऊँगली पर जगह जगह लगे काट दिखाते हुए कहा कि यह सब इस लिए हुआ क्यूंकि उसे वह काम भी करने के लिए मजबूर किया गया जो उसे आता ही नहीं था। उसने बहुत कहा कि वह इस काम को नहीं जानता लेकिन उसकी एक न सुनी गयी और उस पर दबाव बनाया गया कि वह इस काम को ज़रूर करे। नतीजा वही हुआ जिसका डॉ था। उंगी मशीन की चपेट में गयी और जगह जगह से कट गयी। उसने यह भी बताया कि  उसका यह इलाज परषोतम जेई ने करवाया। 

Sunday, June 21, 2015

योग एक ‘‘उपयोगकर्ता नियमावली’’ की तरह--प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

21-जून-2015 18:15 IST
मैं से हम; स्व से सार्वभौम
समग्र स्वास्थ्य के लिए योग के बारे में अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में प्रधानमंत्री का वक्तव्य
योगः ‘‘अहम् से वयम्; स्व से समष्टि’’ (मैं से हम; स्व से सार्वभौम) की एक यात्रा   
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आज योग को ‘‘अहम् से वयम्; स्व से समष्टि’’ (मैं से हम; स्व से सार्वभौम) की एक यात्रा बताया। उन्होंने कहा कि अगर हम अपने मानव शरीर को एक बेजोड़ रचना मानते हैं, तो योग एक ‘‘उपयोगकर्ता नियमावली’’ की तरह है, जो उस रचना की असीमित संभावनाओं का ज्ञान कराती है।

प्रथम अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर समग्र स्वास्थ्य के लिए योग के बारे में आयोजित एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि योग एक मनःस्थिति (अवस्था) है, जो किसी वस्तु अथवा प्रणाली (व्यवस्था) से भिन्न है। उन्होंने कहा कि योग के जरिए जो एकता व्यक्त की जा रही है, वह अन्य देशों के हमारे भाइयों और बहनों को एकजुट कर रही है, हमारे दिलो-दिमाग को जोड़ रही है।

श्री मोदी ने कहा कि यह समर्थन सिर्फ भारत के लिए नहीं है, बल्कि योग की महान परम्परा के प्रति है। उन्होंने योग को स्वयं के साथ, अपने शरीर के साथ, आसपास के वातावरण और प्रकृति के साथ सद्भाव हासिल करने का एक साधन बताया है। उन्होंने कहा कि अनुशासन के साथ सही योगाभ्यास करने पर योग जीवन में परिपूर्णता ला सकता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने के लिए विश्व के एकजुट होने के अवसर पर योग से बहुत अधिक अपेक्षाएं होना स्वाभाविक है, जिन्हें विश्व के कल्याण के लिए पूरा करने की जिम्मेदारी निभाने के लिए भारत तैयार है।

प्रधानमंत्री ने योग को मानवता के प्रति एक सामूहिक उपहार बताया। उन्होंने कहा कि भले ही इसकी उत्पत्ति भारत में हुई है, लेकिन योग को ऊर्जा दुनियाभर में इसका अभ्यास करने वाले करोड़ों लोगों से प्राप्त हुई है। उन्होंने सामूहिकता, भाईचारे और वसुधैव कुटुम्बकम् की संस्कृति के विकास और उसे सुदृढ़ करने के प्रति भारत की वचनबद्धता दोहराई।

प्रधानमंत्री ने प्रथम अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर दस रुपये और सौ रुपये के स्मारक सिक्के जारी किए और पांच रुपये का डाक टिकट भी जारी किया।

इस अवसर पर अयुश राज्यमंत्री श्री श्रीपद येशोनाइक ने कहा कि योग मानव मात्र को इस देश के महानतम उपहारों में से एक है। संभवतः यही कारण है कि संयुक्त राष्ट्र के 193 सदस्यों में से 177 देशों ने 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस घोषित करने के प्रस्ताव का न केवल समर्थन किया, बल्कि इसे सह-प्रायोजित भी किया था।

उन्होंने कहा कि योग का स्वास्थ्य संबंधी पहलू सर्वाधिक महत्वपूर्ण बन गया है और आधुनिक चिकित्सा पद्धति भी इसका महत्व समझने लगी है। योग का इस्तेमाल बीमारियों की रोकथाम के लिए किया जा रहा है। आज स्वास्थ्य क्षेत्र के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती गैर-संचारी रोगों का बोझ कम करने की है। परम्परागत चिकित्सा में संचारी रोगों की समस्या का स्थायी या लागत की दृष्टि से किफायती समाधान उपलब्ध नहीं है। अनेक लोगों का मानना है कि योग इन रोगों की रोकथाम और नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह कर सकता है।

वित्त राज्यमंत्री श्री जयंत सिन्हा और योगाचार्य बाबा रामदेव, डॉ. नागेंद्र और डॉ. वीरेंद्र हेगड़े भी इस अवसर पर उपस्थित थे। (PIB)
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वि. कासोटिया/डीके/एएम -3157

विश्व में फहराई योग की पताका बनी भारत की नयी उपलब्धि

हर ओर छाया रहा योग का रंग  
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी 21 जून 2015 को अंतरराष्‍ट्रीय योग दिवस के अवसर पर राजपथ, नई दिल्‍ली में सामूहिक योग प्रदर्शन में हिस्‍सा लेते हुए।The Prime Minister, Shri Narendra Modi participates in the mass yoga demonstration at Rajpath on the occasion of International Yoga Day, in New Delhi on June 21, 2015.
नई दिल्ली//लुधियाना
इसे भारत की एक नई उपलब्धि माना जायेगा कि आज विश्व भर में योग का रंग छाया रहा। हर तरफ योग की चर्चा थी, योग का ही बोलबाला। लुधियाना की पुलिस लाईन, गोविन्द गौधाम, प्रमुख पार्कों, जन संस्थानों और गली मौहल्लों से लेकर दिल्ली के जनपथ तक योग दिवस पर होते योग आसन दिख रहे थे। बाबा रामदेव के भक्त आज के दिन विशेष तौर पर प्रसन्न नज़र आये। योग दिवस की शुरुआत भविष्य के इतिहास में जब दर्ज होगी तो उसके साथ ही विशेष उल्लेख होगा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बाबा रामदेव का। इस विश्व स्तरीय उपलब्धि के बावजूद आम गरीब मज़दूर रोज़ की तरह उठे और अपने काम में जुटे रहे। दिहाड़ीदार लोगों के लिए आज भी कोई विशेष दिन नहीं था। बहुत से स्थानों पर जल सप्लाई का संकट आज के इस ख़ास दिन भी बुरी तरह से प्रभावित रहा। पार्षदों ने अपने वार्डों की तरफ इस मामले में कोई विशेष ध्यान नहीं दिया।  
लुधियाना की पोलीस लाइन्ज़ में आज एक उत्सव सा माहौल था।  सुबह सात बजे से ही बंदूक और भय मिश्रित अनुशासन का केंद्र मानी जाने वाली पुलिस लाइन आज स्वास्थ्य और य्प्गके ज़रिये अध्यात्म के रंग में रंगी नज़र आ रही थी। पुलिस के जवानों के साथ साथ पुलिस की महलाएं और युवतियां आज वर्दी और हथियारों को कुछ देर के लिए छोड़ तन मन को और अधिक बलवान बनाने में जुटीं थीं। गौरतलब है कि पुलिस फ़ोर्स पर बेहद तनाव रहता है। डियूटी का अनुशासन क्राईम  को कंट्रोल रखने का होने के साथ साथ और भी बहुत से फ़र्ज़ पुलिस फ़ोर्स कोपूरे करने पढ़ते हैं। इस तनावपूर्ण मानसिकता में योग साधना एक नयी ऊर्जा बन कर आती है।
इसी बीच योग साधना के लिए उपयोग की गयी चीन की चटाई बहुत चर्चित रही। सोशल मीडिया पर   इसकी अच्छी खासी चर्चा रही। व्हाटसअप पर पंजाब स्क्रीन ग्रुप में जानेमाने सोशल वर्कर और सियासी नेता निर्दोष भारद्धाज ने योग के लिए उपयोग की गे चीन निर्मित चटाई का ज़िक्र विशेष तौर पर किया। 
इसी तरह योग की चर्चा से सब्ज़ियाँ तक भी नहीं बच सकीं।  इसे कहते हैं किसी चीज़ का रंग चढ़ना। लोगों सब्ज़ियों को चुन कर योग मुद्राएं बनायीं।  इसके लिए मिर्ची इन लोगों को कुछ ज़्यादा ही अच्छी लगी।  इसे भी पोस्ट किया निर्दोष भारद्धाज ने ही। 
इस तरह निर्दोष जी ने एक और तस्वीर पोस्ट की योग और विहस्की का अटपटा तालमेल बिठाते हुए। बेशक यह हकीकत है कि लोग जनता के सामने कुछ और होते हैं और घर की दीवारों में कुछ और पर फिर भी कुल मिला कर अच्छे लोगों की कमी  नहीं है। अब निर्दोष जी इस तस्वीर के ज़रिये किसको अपना निशाना बना रहे हैं यह आप खुद ही देख लीजिये। 

Friday, June 12, 2015

आरटीआई कार्यकर्ता सतपाल शर्मा पर हमला

बेलन ब्रिगेड प्रमुख अनीता शर्मा और कई अन्य लोग पहुंचे हाल पूछने 
लुधियाना:12 जून  2015: (रेक्टर कथूरिया//पंजाब स्क्रीन):
आरटीआई का सिस्टम शुरू हुआ तो इसने एक ऐसा बदलाव लाना शुरू कर दिया जिसे लोग चाहते तो थे पर एक सपना समझते थे। यह आज़ादी थी हकीकत को देखने की आज़ादी। मुफ्त में आजकल मिटटी भी नहीं मिलती।  इसलिए हर चीज़ की कीमत अदा करनी पड़ती है। आरटीआई कार्यकर्ता इसकी कीमत अपनी जान को खतरे में डाल कर अदा कर रहे हैं।  लोगों को ज़हर खिलाने पिलाने वाले, दफ्तरों में सरकारी काम को नज़रअंदाज़ वाले और घोटालेबाज़ आरटीआई कार्यकर्ताओं को बेहद दुश्मनी की नज़र से देखते हैं। दुश्मनी की इस नज़र का नया निशाना बने हैं लुधियाना के जानेमाने आरटीआई कार्यकर्ता सतपाल शर्मा। 
उन्होंने एक मामले में आरटीआई डाली तो मामला खुलना ही था। इस मामले के बेनकाब होने से घबराये हुए एक हलवाई ने अपने साथियों सहित   सतपाल शर्मा पर शाम को पौने सात बजे हमला कर दिया।  ज्यों ही वह घर से निकले उन्हें घेरत लिया गया और छत में लगने वाले बाले जैसी किसी लकड़ी के साथ उन्हें सड़क पर गिराकर पीटना शुरू कर दिया गया। 
सतपाल शर्मा मौके की नज़ाकत को देखते हुएअपनी नगदी और अन्य कीमती सामान और पैरों की चप्पल तक वहां छोड़ कर किसी तरह उनके चुंगल से बच निकले।।उनके दोस्तों ने उन्हें तुरंत अस्पताल पहुँचाया इसकी सूचना पुलिस को भी दी गई। 
आरटीआई के इस जांबाज़ कार्यकर्ता का हालचाल पूछने के लिए अनीता शर्मा, श्रीपाल शर्मा, एस के गोगना और कई अन्य लोग तुरंत अस्पताल पहुंचे। टेलीफोन और सोशल मीडिया पर उनका हाल पूछने के लिए एक बाढ़ सी ही आ गयी।  

120 डेलीगेट गिनने के लिए रेलवे के सहकारी चुनाव

लुधियाना के वोटर चुनेंगे 6 डेलीगेट 
लुधियाना: 12 जून 2015: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो):
उत्तर भारत की तरह आज लुधियाना में भी रेलवे के यूनियन चुनावन का बोलबाला रहा। रेलवे शैड के यूनियन कार्यालय परिसर में चुनावी प्रक्रिया जोरों पर थीं। छबील और लंगर  यूनियनों के कार्यकर्ता और नेता मिलजुल कर बहुत प्रेम साथ साथ भोजन भी कर रहे थे और चुनावी जंग भी लड़ रहे थे। रेलवे के 70 हज़ार वर्करों पर आधारित NZRE.CTC एक सहकारी सोसायटी है जोअपने सदस्यों को बहुत ही काम ड्रोन पर लोन प्रदान करती है जिसकी रिकवरी बहुत ही आसान तरीके से वेतन में से क़िस्त काट कर होती है। इस सोसायटी के 120 डेलीगेटों का चुनाव आज हो रहा है जिनमें से 6 डेलीगेट लुधियाना में से चुने जाने हैं। मुख्य मुकाबिला NRMU और URMU में हो रहा है। NRMU के कामरेड दलजीत सिंह ने कहा कि हम सभी छह चुनावी क्षेत्रों में जीत प्राप्त करेंगे। 

Thursday, June 11, 2015

श्री श्री रविशंकर ने की प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात

21 जून को अंतर्राष्‍ट्रीय योग दिवस की तैयारियों पर किया विचार-विमर्श

नई दिल्ली: 11 जून 2015: (पीआईबी):
आध्‍यात्मिक गुरू तथा आर्ट ऑफ लिविंग फाऊंडेशन के संस्‍थापक श्री श्री रविशंकर ने 11 जून, 2015 को नई दिल्‍ल्‍ाी में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। आध्‍यात्मिक गुरू तथा आर्ट ऑफ लिविंग फाऊंडेशन के संस्‍थापक श्री श्री रविशंकर ने आज प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। प्रधानमंत्री और श्री श्री रविशंकर ने 21 जून को अंतर्राष्‍ट्रीय योग दिवस की तैयारियों पर विचार-विमर्श किया।
The Spiritual Leader and Founder of the “Art of Living Foundation”, Sri Sri Ravi Shankar calls on the Prime Minister, Shri Narendra Modi, in New Delhi on June 11, 2015

Tuesday, June 09, 2015

बेकार नहीं जाएगी पत्रकार जोगेन्द्र सिंह की शहादत

सोशल मीडिया ने रोका करप्ट नेताओं का विजय रथ  
बौखला उठे हैं बड़े मीडिया को अपनी जेब में समझने वाले नेता
लुधियाना: 9 जून 2015: (रेक्टर कथूरिया//पंजाब स्क्रीन):
कभी ज़माना था जब पत्रकार समाज की आशा हुआ करते थे। आंदोलनों को चलाने और उन्हें जन जन तक लेजाने की ज़िम्मेदारी उनके कंधों पर हुआ करती थी। शहीद भगत सिंह, महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरू जैसे नेताओं ने भी अपनी आवाज़ बुलंद करने के लिए अपने अख़बार निकाले। जैसे जैसे सिद्धांत से जुडी राजनीति समाप्त होती गई उसी के साथ सिद्धांत से जुड़ा मीडिया भी लुप्त होता चला गया। 
आज जन चेतना से जुड़े मीडिया कर्मियों की संख्या बहुत ही काम है। सियासत कारोबारी घरानों पर निर्भर हुयी तो धन्ना सेठों ने अपने अख़बार निकाल लिए। आज टीवी चैनलों में बड़े बड़े घरानों की हिस्सा पट्टी है। सियासत और धन का यह नापाक गठजोड़ स्वतंत्र मीडिया के लिए जानलेवा साबित हुआ। मीडिया पर परोक्ष या अपरोक्ष रूप से नियंत्रण मज़बूत होता चला गया। नियमों की आड़ में दलेर और निष्पक्ष पत्रकारों को किनारे कर दिया गया। सरकारी कार्डों और उनसे जुडी सुविधाओं की चकाचौंध मीडिया को राह भटकाने में सफल रही। आज समाज में बदलाव या विचारों के प्रचार प्रसार के लिए कलम चलाने वाले पत्रकार शायद ढूंढने से भी न मिलें। यैलो कार्ड से लेकर एक्रिडेशन कार्डों को पाने के लिए पत्रकार बनने वाले लोग बहुत से मिल जाएंगे। इस तरह सरकारी सुविधाओं के पीछे भागने में लगे मीडिया के बहुत ही कम लोग बाकी बचे जो लोगों के लिए काम करते हैं किसी सरकार के लिए नहीं। हाँ एक भीड़ और है जो जनता से जुड़ नहीं पाये और साकार सरकार की सुविधाओं के किले में भी नहीं घुस पाये। उनके लिए पत्रकारिता सचमुच बहुत ही मुश्किल हो गयी। वो खुद को सागर किनारे बैठ कर भी प्यासे महसूस करते।  शायद अनजान थे कि सागर का पानी पीने लायक होता ही नहीं। वह खारा होता है। मीडिया पर कार्पोरेट की दृष्टि ने बहुत कुछ चेंज किया। पत्रकारिता के दिग्गज इस वृद्धा अवस्था में कम्प्यूटर से ताल नहीं बिठा पाये और तकनीक की माहिर नयी पीढ़ी के पत्रकार अनुभव एयर ज्ञान के मामले में कोरे निकले। 
इस सारी तबदीली में कुछ बहुत ही काम लोग ऐसे बचे जो मीडिया की मुख्यधारा से केवल इस लिए अलग हो गए क्यूंकि वहां केवल उसी सच की मांग की जाती है जिसे उस मीडिया के आका देखना चाहते हैं। इस बनावटी सच को सामने लाने के लिए इन पत्रकारों का ज़मीर नहीं माना और किसी और मार्ग की तलाश में चल पड़े। सोशल मीडिया इनके लिए वरदान बन कर सामने आया। ब्लॉग, फेसबुक, टविटर और वॉटसअप ने मुख्य धारा के मीडिया को कड़ी चुनौती दी। जितनी तेज़ी और स्वतंत्रता सोशल मीडिया के पास है उतनी तेज़ रफ्तारी और आज़ादी मेन स्ट्रीम मीडिया के पास सम्भव ही नहीं। 
इसलिए इसका पैनापन उन सभी लोगों के लिए खतरा बना जो मीडिया को अपनी जेब में महसूस कर रहे थे। किसी पत्रकार को उसकी अख़बार से निकलवा देना या फिर किसी चैनल का प्रसारण ही रुकवा देना इनके बाएं हाथ का खेल बन गया। सोशल मीडिया से जुड़े पत्रकार इन सभी खतरों से उन्मुक्त होकर काम करने लगे। इन वास्तविक स्वतंत्र पत्रकारों में से एक था जोगेन्द्र सिंह। गरीब और छोटा सा परिवार लेकिन हिम्मत और सत्य के मामले में बेहद अमीर। उसने छोटी सी पोस्ट डाली फेसबुक पर और मंत्री जी बोखला उठे। पहले ज़रा आप भी पढ़िए उस पोस्ट को कि उसमें क्या था। 
Shahjahanpur Samachar
1 June at 08:24 · 
*** रिंकू यादव के एमएलसी टिकट में रोड़े अटका रहे राममूर्ति ***
---भितरघात और मौका परस्त राजनीति में माहिर हैं राममूर्ति वर्मा
शाहजहांपुर। राज्यमंत्री राममूर्ति सिंह वर्मा एमएलसी टिकट के प्रबल दावेदार अमित यादव उर्फ रिंकू की राह में रोड़े अटकाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं। राममूर्ति ने रिंकू को राजनीति में आने से रोकने के लिए अपने कई करीबियों को टिकट की लाइन में लगवा दिया है। दरअसल राममूर्ति सिंह वर्मा ने जिन लोगों को एमएलसी के टिकट के लिए लाइन में लगाया है उनके भी भले नहीं हैं। सपा में भितरघात कराकर वह एक हाथी वाले अपने करीबी को टिकट दिलाने की जुगत में लगे हैं। आज भले ही विधायक राजेश यादव व सपा जिलाध्यक्ष तनवीर खां उनके कंधे से कधा मिलाकर खड़े नजर आ रहे हों, लेकिन सच यह है कि चेयरमैनी के चुनाव में उन्होने एक प्रत्याशी को मैदान में उतारकर तनवीर खां की राह में भी रोड़े अटकाए थे। विधानसभा चुनाव में उन्होने भाजपा प्रत्याशी की मदद की थी। भितरघात की पुरानी आदत के कारण बसपा सुप्रीमो मायावती ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया था। मौका परस्त राजनीति करने वाले राममूर्ति सिंह वर्मा 2017 में देखो किस पार्टी में नजर आएं।
सोशल मीडिया  पर जारी सामग्री के मुताबिक फेसबुक पर मंत्री के खिलाफ लिखने के कारण पत्रकार जोगेन्द्र सिंह को अपनी जान गवानी पड़ गई। मामला शाहजहांपुर का है जहां सपा सरकार में पिछडा वर्ग कल्याण मंत्री राममूर्ति सिंह वर्मा के खिलाफ फेसबुक पर खबरे लिखने से मंत्री क्रोधित हो गए। नाराज मंत्री ने अपने गुर्गे से पत्रकार के खिलाफ लूट, अपहरण और हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज करा दिया। मंत्री के इशारे पर कई बार कोतवाली पुलिस पत्रकार के घर पर दबिश दे चुकी थी। पहली जून की दोपहर को कोतबाल ने पत्रकार के घर दबिश दी और इसी दबिश के दौरान पत्रकार के साथ मारपीट करने के बाद उसे पेट्रोल डाल कर जिंदा जला दिया गया। लखनऊ में इलाज के दौरान पत्रकार का निधन हो गया। साफ़  ज़ाहिर है कि पुलिस और मंत्री के गुर्गे जोगेन्द्र सिंह की हत्या के लिए ही वहां गए थे। देखते ही देखते एक अच्छा भला घर उजाड़ दिया गया। यह सब कुछ उस फ़ोर्स ने किया जिसने आम जनता की भी सुरक्षा करनी होती है। जनता के रक्षक अपने सियासी आकाओं के इशारे पर भक्षक बन गए। 
जब आज का विश्व भारत के सत्यमेव जयते और अहिंसा परमोधर्म के सिद्धांत से प्रेरणा लेकर नई बुलंदियां छू रहा है उस समय इस बात का दुखद अहसास हो रहा है कि जैसे उत्तर प्रदेश में बर्बरता का बरसों पुराना युग लौट आया है। वहां यूपी सरकार के एक मंत्री के इशारे पर पुलिस अधिकारी और मंत्री के गुर्गे दिन दहाड़े एक पत्रकार को पैट्रोल छिड़क कर ज़िंदा जला देते हैं और यूपी सरकार की तरफ से आरोपी पुलिस अधिकारी को इनाम स्वरूप एक महत्वपूर्ण  थाना का चार्ज दे दिया जाता है तांकि वह वहां पर और  मोटी कमाई कर सके। 
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में जोगेन्द्र सिंह 15 सालो से पत्रकारिता कर रहे है। वह अमर उजाला, स्वतंत्र भारत, हिन्दुस्तान, आज, कैनविज टाइम्स में काम कर चुके है। पिछले एक साल से वह फेसबुक पर शाहजहांपुर समाचार के नाम से आईडी पर खबरे लिख रहे थे। इस दौरान जोगेन्द्र सिंह ने सपा सरकार में पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री राममूर्ति सिंह वर्मा के खिलाफ कुछ गड़बड़ घोटालों का पर्दाफाश कर दिया। इस सबसे नाराज होकर मंत्री ने अपने गुर्गे अमित प्रताप से कोतवाली चौंक में एक लूट, अपहरण और हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज करा दिया। इस के बाद मंत्री के दबाब में कोतबाल ने पत्रकार जोगेन्द्र  सिंह के घर पर दविश  शुरू कर दिया। एक जून को दोपहर तीन बजे के करीब कोतबाल श्रीप्रकाश राय ने जोगेन्द्र सिंह के घर पर दबिश दी। जहां पहले तो कोतवाल ने पत्रकार के साथ बुरी तरह से मारपीट की फिर पेट्रोल डाल कार आग लगा दी। जब आग से घबराया हुआ जोगेन्द्र घर से बाहर भागा तो पुलिस बाले उसे जिला अस्पताल ले गए। वहां हालत गंभीर होने पर डाक्टरो ने उसे लखनऊ रेफर कर दिया जहां इलाज के दौरान 8 जून 2015 को उसकी मौत हो गयी।आरोपी पुलिस अधिकारी श्री प्रकाश राय को पत्रकार की मौत  इनाम स्वरूप थाना झाँसी का चार्ज दे दिया जो कि बहुत ही कमायु  थाना माना जाता है।
इस सारे घटनाक्रम के खिलाफ सोशल मीडिया से जुड़े पत्रकारों ने देश भर में 9 जून 2015 को कवरेज का बाईकाट रखा। इसी बीच कुछ सबंधित आरोपियों  के खिलाफ करवाई की खबरें भी आई हैं।  इसके बावजूद मीडिया जगत सख्त रोष में है। सरकारी आतंक की इस घटना से कहीं सभी मीडिया कर्मियों को डरने का नाकाम प्रयास तो नहीं?                 अंत में पढ़िए शहीद जोगेन्द्र सिंह की एक और पोस्ट 
Shahjahanpur Samachar
31 May at 07:56 · 
*** बलात्कारियों को बचाने में जुटे सपा नेता ***
--- राज्यमंत्री राममूर्ति सिंह वर्मा और उनके चार गुर्गो पर लगा है रेप का आरोप
--- गुंडों और पुलिस से पीडि़त महिला को धमकाया जा रहा है राजीनामा के लिए
शाहजहांपुर। सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने बलात्कार के मामले में पीडि़त महिलाओं की खिल्ली उड़ाते हुए एक बार कहा था कि जवानी में गलती हो ही जाती है। तब से सपाई उनके कहे रास्ते पर ही चल पड़े लगते हैं। राज्यमंत्री राममूर्ति सिंह वर्मा और उनके गुर्गों पर एक आंगनबाड़ी कार्यकत्री ने गैंगरेप का आरोप लगाया तो सारे सपा नेता बेशर्मी के साथ बलात्कारियों के पक्ष में जुट गए हैं। सपा नेत्रियां भी महिला होकर पीडि़त महिला के बजाय बलात्कारियों की वकालत करने में जुट गई हैं। शायद यह सपा नेता और नेत्रियां कल को यह भी कह दें कि बुढ़ापे में गलती हो ही जाती है। पीडि़त महिला के पक्ष में अभी तक कोई आगे नहीं आया है। सभी को मंत्री और सत्ता का डर सता रहा है। पीडि़त महिला पर नेताओं, गुंडों व पुलिस का दबाव पड़ रहा है। ...वाकई यूपी गुंडों की हो गई है?


Monday, June 08, 2015

ज़िंदा जलाये गए पत्रकार जोगिंद्र की मौत से शोक की लहर-

Whatsapp पर उठी 9  जून को  कवरेज बाईकाट की काल 
लुधियाना: 8 जून 2015: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो):
सच बोलने की इतनी बड़ी सज़ा कि उसे ज़िंदा जला दिया गया। जोगिंद्र पत्रकार था। लोगों तक सत्य पहुँचाना उसकी डयूटी में शामिल था। इस फ़र्ज़ को निभाने के "जुर्म" में उन लोगों ने उस ज़िंदा जला दिया जिन्हें जोगिंद्र के सच से खतरा था। अफ़सोस है देश में कोई बवाल नहीं उठा। कलमकार की हत्या का किसी को मलाल नहीं हुआ। लोकतंत्र यहाँ बीएस भीड़तंत्र बन चूका है। जिसके पास वोट बैंक नहीं है उसकी मौत पर कैसा अफ़सोस? कैसा एक्शन? कैसा मुआवज़ा? वह सच बोलता था उसके साथ कौन था? बीएस उसका ज़मीर।  जब वह भी नहीं खरीदा जा सका तो उसकी जान छीन ली गयी। एक सच बोलने वाले जांबाज़ कलमकार को "ठिकाने" लगा दिया गया तांकि अगर कोई सत्यभक्त बाकि बचा हो तो उसे समझ आ जाये कि "सत्यमेव जयते" को आदर्श मैंने वाले इसदेश में सत्य बोलने वालों क्या अंजाम होता है।  सोशलमीडिया पर एक अपील जारी हुयी है जिसे हम ज्यों क त्यों प्रकाशित कर रहे हैं। यदि आप पत्रकार हैं, लेखक हैं या किसी भी तरह सत्य से लगाव रखते हैं तो दुःख की इस घड़ी में पत्रकार भाईचारे का साथ दीजिये। 
सभी संगठनों से एक मार्मिक अपील -----!!!!!!!!!!!
सभी से अनुरोध है कल कोई न्यूज़ कवर न करे कोई न्यूज़ ना दे। ईश्वर जोगेन्द्र की  आत्मा को शांती प्रदान करें। जोगेन्द्र की मौत के लिये जिम्मेदार हर शख्स को सजा जरूर मिलनी चाहिए. साथ ही पत्रकारों की सुरक्षा के लिए सरकार को ठोस कानून बनाना चाहिये। देश की सरकारे अपने मंत्रियों को सुरक्षा मुहैया कराती है तो देश के चौथे सतम्भ पत्रकारों को क्यों नहीं मिलनी चाहिये सुरक्षा। अपनी जान पर खेलकर पत्रकार सच सामने लाता है और पत्रकार को ईनाम-सम्मान के रूप में क्या मिलता है मौत। देश भर के पत्रकारों का शोषण हो रहा रहा है और उसके बाद उनको इंसाफ के रूप में मिलती है मौत। जोगेन्द्र जैसे अनेक पत्रकार हमारे लिए एक सवाल छोड़ गये है जिसका जवाब हम सबकों मिलकर देना होगा पत्रकार मित्रों। हम अब भी नहीं जागे तो फिर कभी नहीं जाग पायेगे। छोटे समाचार पत्र वाला पत्रकार-बड़े समाचार पत्र वाला पत्रकार, भाईयों हमें ऐसी तुच्छ मानसिकता से निकलकर एक मंच पर आना होगा। जिस प्रकार वकीलों के ऊपर यदि किसी तरह का हमला होता है और पूरे प्रदेश के वकील अपनी एकजुटता का परिचय देते हुए सभी न्यायिक कार्यों से विरत रहते हैं क्या हम पत्रकारों एक नहीं हो सकते हैं। पत्रकारों की ऐसी दयनीय दुर्दशा हम सबके लिये शर्म से डूूब मरने की बात है। आज हम सबको सिर्फ दिखावे के लिये नहीं, सच्चे दिल से हम सबको एक होकर इंसाफ के लिये आवाज बुंलद करनी होगी।
तो कल 9/6/2015 हम सबको देश व्यपपि हड़ताल करनी चहिये और मेरा सभी से अनुरोध है कल कोई न्यूज़ कवर न करे कोई न्यूज़ ना दे तभी इन जालिमो को हमारी ताकत का अहसास होगा तो एक हो जाओ और सभी ग्रुप और पूरी शोशल मीडिया पर यह मैसेज पहुचाओ 
भारत के समूह पत्रकार भाईयों से जर्नलिस्ट प्रेस काउन्सिल की अपील है कि हमारे पत्रकार भाईचारे कि आज परीक्षा की घड़ी है हमारे एक  पत्रकार भाई स्वर्गीय श्री जोगेंद्र जी को पुलिस द्वारा जिंदा जला कर मार दिया गया उनकी आत्मा की शांति के लिये और उन्हें इंसाफ दिलाने के लिये केवल एक दिन अपने भाई जोगेंद्र के लिये किसी भी प्रकार की मीडीया कवरऐज ना करें अपनी एकता का सबूत देकर सरकार को झुकने पर मजबूर कर दे ये लड़ाई एक जोगेंद्र भाई के लिये नहीँ है ये लड़ाई हम सब के अधिकारों की लड़ाई है जिसे हमें मिलकर लड़ना होगा : -- राष्ट्रीय प्रधान जर्नलिस्ट प्रेस काउन्सिल
___----------पत्रकार एकता जिंदाबाद-------------