Thursday, October 02, 2014

DMC: डाक्टर सुप्रिया के मामले में आरोपी बख्शे नहीं जाएंगे--डॉ. वेरका

Thu, Oct 2, 2014 at 4:27 PM
पूरी एक्शन टेकन रिपोर्ट 15 दिन में आयोग को सौंपने को कहा
लुधियाना: 2 अक्टूबर 2014: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो):

जमालपुर शूटआऊट मामले के बाद अब डाक्टर राजकुमार वेरका ने डाक्टर सुप्रिया की आत्महत्या के मामले में भी अपने अस्तित्व और शक्ति का अहसास करवाते हुए लोगों में यह विशवास बहाल किया है कि अन्याय करने वाले कानून से बच नहीं सकते। 


राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के उपाध्यक्ष डॉक्टर राजकुमार वेरका ने डी. एम. सी. अस्पताल में डॉक्टर सुप्रिया द्वारा आत्महत्या करने में मामले में सुओ मोटो लेते हुए लुधियाना ने डिप्टी कमिश्नर तथा पुलिस कमिश्नर को नोटिस जारी कर मामले की पूरी एक्शन टेकन रिपोर्ट 15 दिन में आयोग को सौंपने को कहा है। 
डॉक्टर वेरका ने बताया कि सुनने में आया है कि सुप्रिया कॉलेज के लैक्चरार से बहुत परेशान थी। जिसकी वजह से उसे ये कदम उठाना पड़ा। अगर इस मामले में सच्चाई है तो चिंता का विषय है। सुप्रिया एक दलित से सम्बंधित है। उन्होंने कहा कि इस मामले में आरोपी लोगों को बक्शा नहीं जायेगा। 
गौरतलब है कि डी. एम. सी. अस्पताल में डाक्टर सुप्रिया ने अपने होस्टल रूम में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली थी। वह यहां एम.डी फाइनल ईयर में थी।  
आत्महत्या करने से ठीक पहले उसने अपने पिता को फोन करके कहा था कि वह थक चुकी है। इसके बाद देर रात उसकी लाश पंखे से लटकती हुई बरामद की गई थी। सुप्रिया ने अपने सुसाइड नोट में लिखा है कि, 'पापा मैं अकेली लड़-लड़ कर थक चुकी हूं। मुझे मेरा लैक्चरार बहुत परेशान कर रहा है, जिस कारण मैं आत्महत्या कर रही हूं।' 

आत्महत्या के बाद जब डाक्टर पिता ने अपनी बेटी सुप्रिया का शव लिया तो वह बेहद व्यथित थे। डीएमसी लुधियाना में पीडियाट्रिक्स में एमडी कर रही बेटी सुप्रिया की डेड बॉडी लेने के बाद जिला सेहत अफसर डॉ. बलविंदर सिंह ने कहा कि मैं डीएमसी नूं 18 लक्ख दे के मैं बेटी दी लाश लै के जा रिहा हाँ। यह बयान इन बड़े बड़े संस्थानों की व्यापरिक सोच की पोल भी खोलता है जिन्हें केवल पैसे एकत्र करने की पड़ी होती है और इन्सानी मूल्यों से इन्हें कुछ लेना देना नहीं होता। आत्म हत्या करने वाली सुप्रिया के पिता डाक्टर बलविंदर ने गिनवाया-15 लक्ख रुपये तीन वर्षों की फीस और 3 लक्ख रुपये हॉस्टल का किराया। इस पूरे मामले में न छह कर भी हकीकत का बयान करते हुए उन्होंने बताया कि सुप्रिया चाइल्ड नैटल पर रिसर्च करना चाहती थी। इस अध्यन में उनकी बेटी को डीएमसी के दो डॉक्टर लगातार तंग परेशान कर रहे थे। उन्होंने पुलिस को दोनों डॉक्टरों पर धारा 306 की कार्रवाई करने के लिए बयान भी दे दिए हैं। दूसरी तरफ पुलिस ने धारा 174 के तहत कार्रवाई की है। सुबह लुधियाना के पुलिस कमिश्नर प्रमोद बान से बात हुई है। उन्होंने एफआईआर करने का भरोसा दिया है। पुलिस जांच करे, अगर वे निर्दोष हैं तो फाइल बंद कर दें। पुलिस सीसीटीवी की फुटेज भी देखे कि डॉ. पुनीत ने किस तरह उसकी बेटी को रुलाया है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मौत का कारण हैंगिंग से सांस घुटना बताया गया है। अब देखना है कि सुप्रिया और  जैसी बहुत सी लड़कियों को इन्साफ कब मिलता है और साथ ही मेडिकल जैसे पावन पवित्र क्षेत्र में सुरक्षा का आश्वासन भी। 

No comments: