Saturday, February 22, 2014

GNG कालेज की छात्राओं ने जगाया भूले बिसरे पंजाबी गीतों का जादू

Update 0n 25th Feb 2014 at 7:45 AM
737 छात्राओं को पुरस्कार प्रदान किये गए
लुधियाना: 22 फरवरी 2014: (रेकटर कथूरिया//पंजाब स्क्रीन):
गुरुनानक गर्ल्ज़ कालेज माडल टाऊन में उस दिन फिर चहल पहल थी। इस कालेज की छात्राओं के जीवन में एक और यादगारी दिन जुड़ रहा था।  उस दिन वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह में उन्हें उनकी मेहनत का सम्मान जो मिलना था। कालेज के आडिटोरियम का रंगारंग माहौल और उसमें बिखर रहीं संगीत लहरियां आसपास के पूरे माहौल में एक नया जादू जगा रहीं थीं। मंच पर मौजूद कालेज कि प्रबंधन समिति के प्रधान गुरबीर सिंह और प्रिंसिपल चरणजीत कौर माहल अपने कालेज की इन प्रतिभाशाली लड़कियों का होंसला बढ़ा रहे थे। आधुनिक परवेश के साथ कदम दर कदम मिला कर चलने वाला यह काले कभी अपनी विरासत और संस्कृति को नहीं भूलता इसका अहसास हो रहा था एक पुराने हिट पंजाबी गीत के बोलों से। कालेज की लड़कियों ने अपनी आवाज़ से इस पुराने गीत में एक नई रूह फूंक दी थी। लीजिये आप भी सुनिये वोह गीत:
बत्ती बाल के बनेरे उत्ते रखनी आं-------इसे देखने सुनने के लिए बस यहाँ क्लिक करें 
आप इसे यूटयूब पर भी देख सुन सकते हैं बस यहाँ क्लिक करके 
इस तरह इस कालेज की छात्राओं ने भूले बिसरे पंजाबी गीतों के गायन से जता दिया कि आधुनिक जन जीवन को अपनाने के बावजूद हमें अपना अतीत याद है---हमें अपना गौरवशाली संगीत याद है। इस तरह की बहुत सी आइटमें उस दिन प्रस्तुत कीं गयीं।
इस शुभ अवसर पर कालेज की 737 छात्राओं को पुरस्कार प्रदान किये गए। इस यादगारी कार्यक्रम में गुरु नानक एजूकेशन ट्रस्ट के मेंबर डा. एस एस माहल (प्रोफेसर-पीएयू लुधियाना), सरदार मनिंदरजीत सिंह बावा और सरदार ईश्वरजोत सिंह चीमा विशेष तौर पर मौजूद रहे।
इस यादगारी अवसर की कुछ तस्वीरें अब हमने यहां भी जोड़ दी हैं। 
आप इन्हें यहाँ पर क्लिक करके भी देख सकते हैं और यूटयूब पर भी ये तस्वीरें उपलब्ध हैं। ये दोनों लिंक आप अपने किसी भी परिजन/मित्र को मेल या सोशल साईटस के ज़रिये विदेश में भी भेज सकते हैं।  

No comments: