Friday, October 11, 2013

दुनिया भर में मनाया गया विश्‍व अण्‍डा दिवस

देश भर में किया गया जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन
अण्‍डा संवर्द्धन से मिलेगी कुपोषण से लड़ने में मदद
नई दिल्ली:11 अक्टूबर 2013:: इस वर्ष विश्‍व अण्‍डा दिवस 11 अक्‍टूबर, 2013 को मनाया जाएगा। अण्‍डों के सेवन से होने वाले पोषण लाभों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए अन्‍तर्राष्‍ट्रीय अण्‍डा आयोग ने अक्‍टूबर के दूसरे शुक्रवार को विश्‍व अण्‍डा दिवस के तौर पर घोषित किया है। 
हालाकि अण्‍डों के उत्‍पादन के मामले में भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा उत्‍पादक देश है, लेकिन राष्‍ट्रीय पोषण संस्‍थान की प्रतिवर्ष 180 अण्‍डों की सिफारिश की तुलना में भारत में इसकी उपलब्‍धता प्रति व्‍यक्ति करीब 55 अण्‍डे प्रतिवर्ष है। 

अण्‍डों के सेवन के मामले में यह एक बेहद पोषक खाद्य सामग्री है। इसमें प्रतिदिन 12 प्रतिशत प्रोटीन के साथ-साथ अन्‍य आवश्‍यक पोषक तत्‍वों जैसे विटामीन, अमीनो एसिड और खनिज बहुतायत मात्रा में होते हैं। अण्‍डे के अन्‍दर ल्‍यूटेन और जियाजेनथिन नामक दो पोषक तत्‍व पाए जाते हैं। जिसके कारण अण्‍डे को काफी स्‍वास्‍थ्‍यवर्धक माना जाता है। हाल के अध्‍ययनों से पता चला है कि इन दोनों तत्‍वों के उपभोग से आयु से संबन्धित रोगों जिसमें खासतौर पर 65 वर्ष की उम्र से ज्‍यादा के लोगों में आंखों की रोशनी में कमी आने जैसे रोगों से लड़ने की क्षमता में वृद्धि हो जाती है जिसके अलावा अण्‍डे के सेवन से मोतियाबिन्‍द जैसी बीमारियों में भी कमी आती है। 

खाद्य और कृषि संगठन के द्वारा हाल ही में प्रकाशित आकंड़ों के अनुसार दुनिया भर में एक अरब लोग कुपोषण के शिकार हैं और यह संख्‍या 2050 तक 9.1 अरब तक पहुंच सकती हैं। दुनिया भर के स्‍वास्‍थ्‍य विशेषज्ञों का यह मानना है कि कुपोषण की समस्‍या से अण्‍डों में मौजूद उच्‍च स्‍तर के प्रोटीन के माध्‍यम से निपटा जा सकता है। 

कृषि मंत्रालय का पशुधन, डेयरी और मत्‍स्‍य विभाग अण्‍डों की पोषक क्षमता के बारे में जानकारी और ज्ञान फैलाने के लिए राष्‍ट्रीय अण्‍डा समन्‍वय समिति और भारतीय पोल्‍ट्री संघों जैसे हितधारकों के साथ मिलकर विश्‍व अण्‍डा दिवस का आयोजन कर रहा है। ये दिवस देश के हर क्षेत्र में मनाया जा रहा है। उत्‍तर में नई दिल्‍ली, पश्चिम में पुणे, पूर्व में रायपुर और दक्षिण में बैंगलौर में इसका आयोजन किया जा रहा है।
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वि.कासोटिया/संजीव/पी.एस.-6579

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