Saturday, August 24, 2013

एसजीपीसी बनाएगी होंद चिल्लड़ में शहीदी स्मारक

जत्थेदार मक्कड़ ने किया ऐतिहासिक एलान
मनविन्द्र सिंह ग्यासपुरा ने भी ली सुख की साँस
अमृतसर: 23 अगस्त 2013 (किंग//पंजाब स्क्रीन) जिस अभियान को लुधियाना के ग्यासपुरा इलाके में रहने वाले एक इंजीनियर मनविन्द्र सिंह ने अकेले अपने दम पर शुरू किया था उसमें अब बहुत से लोग शामिल हैं और वह एक विशाल काफिला बन गया है। अब एसजीपीसी के अध्यक्ष जत्थेदार अवतार सिंह मक्कड़ ने कहा है कि 1984 में हरियाणा के होंद चिल्लड़ में हुए सिख कत्लेआम की याद में एक शहीदी स्मारक का निर्माण किया जाएगा और यह निर्माण एसजीपीसी करेगी। इसके साथ ही जत्थेदार मक्कड़ ने यह भी कहा की इस मामले को लेकर कड़ी जा रही कानूनी जंग का पूरा खर्च भी हम वहन करेंगे
इस का विवरण बताते हुए जत्थेदार मक्कड़ ने कहा कि होंद चिल्लड़ तालमेल कमेटी के प्रमुख सदस्यों व इस कांड के चश्मदीद गवाहों द्वारा यादगार निर्माण की मांग काफी लम्बे समय से की जा रही थी अब एसजीपीसी ने उनकी मांग को स्वीकार कर लिया है। यह स्मारक वास्तव में आध्यात्मिकता व शहादत का एक संयुक्त प्रदर्शन होगा। मानवता को वैर विरोध से ऊपर उठकर आपसी भाईचारे व सरबत के भले का संदेश यह यादगार देगी। उन्होंने कहा कि नवंबर 1984 के दौरान दिल्ली की तरह गांव होंद चिल्लड़ में निर्दोष सिखों की हत्या की गई थी। पीड़ित परिवारों को इंसाफ दिलाने के लिए होंद चिल्लड़ तालमेल कमेटी का गठन किया गया था। यह कमेटी अब कानूनी भी लड़ाई लड़ रही है। एसजीपीसी इस कमेटी को पूरा सहयोग दे रही है। इस अवसर पर होंद चिल्लड़ तालमेल कमेटी के सदस्य मनविंदर सिंह ग्यासपुरा, भाई दर्शन सिंह, सुखविंदर सिंह और कई अन्य भी मौजूद थे। गौरतलब है कि इस बर्बर हत्याकांड का पता लगाने वाले इंजीनियर मनविंदर सिंह ग्यासपुरा को इस राह से हटाने के प्रयास भी बहुत किये गए, उनकी नौकरी छीन गयी, सबंधित दस्तावेज़ चुराने के लिए उनके घर में चोरियां की गयीं, उन्हें आर्थिक नुक्सान भी पहुंचाए गए और डराया धमकाया भी गया। इसके साथ ही उन्हें बहुत से लालच भी दिए गए और संसदीय टिकट की पेशकश भी की गयी लेकिन वह अपने धर्म से नहीं हटे। अब इस सारे प्रोजेक्ट की ज़िम्मेदार एसजीपीसी की और से उठा लिए जाने पर उन्हें बेहद प्रसन्नता भी हुई है और उन्होंने संतोष भी। उन्होंने अब कहीं जाकर सुख का साँस लिया है।  

No comments: