Monday, August 19, 2013

ऋषि नगर की लडकी से छेड़छाड़ का मामला गर्माया

लोगों का दबाव बनने पर घटना के 41 दिनों बाद दर्ज हुआ मामला

देश के अलग अलग हिस्सों में लडकियों के खिलाफ समाज विरोधी तत्वों की बढती हुई हरकतों के बावजूद पुलिस अपनी कार्यशाली को सुधरने का नाम नहीं ले रही। इस का ताज़ा मामला देखने को मिला लुधियाना में जहाँ ऋषि नगर की एक कालेज छात्र मोनिका (काल्पनिक नाम) के साथ छेड़छाड़ करने व अपशब्द बोलने के मामले में 41 दिनों के बाद मामला दर्ज किया।  यह सब भी तब सम्भव हुआ जब महिला संगठनों, राजनीतिक दलों और समाजिक कार्यकर्तायों ने इस मकसद के लिए एकजुट हो कर अपना दबाव बनाया। आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई न करने पर छात्रा और उसका परिवार पहले दिन से ही रोष व्यक्त कर रहे हैं पर पुलिस करवाई करने की बजाये एक तरह से आरोपियों का साथ देते चल रही थी। जब पीडिती लडकी के परिवार ने इस सारे मामले की सूचना पुलिस को दी थी तो पुलिस ने लडकी के मां-बाप को ही ठाणे बंद कर दिया और मनमर्जी के समझौते का दबाव बनाया। गौर तलब है की छेड़छाड़ करने वाले आरोपी छेड़छाड़ के बाद लडकी के घर में घुस कर पूरे परिवार की पिटाई भी कर गए थे। निराश करने वाले इस पूरे घटनाक्रम के बावजूद लडकी कानून में आस्था रखते हुए डटी रही और कई समाजिक संगठन उसके साथ आ मिले और आखिर 41 दिनों के बाद मामला दर्ज हुआ। मामला तो दर्ज हुआ पर इस पुलसिया ढंग तरीकों से आहत लडकी का दिल पुलिस से टूट गया यह बात लडकी ने मीडिया को भी बताई। 

           लडकी ने आहत पर दृढ़ स्वर में मीडिया के सामने अपना रोष भी व्यक्त किया है। छात्रा ने आरोप लगाया कि बीते दिनों कुछ लोग नशे की हालत में उसके घर आ गए थे। उसके बाद उन्होंने घर में घुसकर उसके के साथ छेड़छाड़ की और उसके माता-पिता को पीटा भी। जिसके बाद छात्रा ने इसकी शिकायत पीएयू थाना पुलिस से कर दी। लेकिन पुलिस ने छात्रा की शिकायत पर मामला दर्ज करने की बजाए सिर्फ मारपीट का मामला दर्ज कर दिया है। ऋषि नगर स्थित चांद कालोनी निवासी मोनिका (काल्पनिक नाम) बीएससी की छात्रा है। उसने आरोप लगाया कि कुछ लोगों ने 9 जुलाई को उसके घर में घुसकर उसके साथ छेड़छाड़ की और उसके बाद उसके माता-पिता के साथ मारपीट भी की। रेखा ने इसकी शिकायत पुलिस से कर दी। मोनिका ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उसकी माता की शिकायत पर आरोपियों के खिलाफ मारपीट का मामला दर्ज कर दिया, लेकिन पुलिस ने उसकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की। पीडिता ने मांग की है कि आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। इस मामले के दर्ज होने से इलाका निवासियों में एक बार फिर यह आशा बंधी है की अगर लोग एकजुट हो जायें तो जीत दूर नहीं रहती। 
         ठंडे बसते में फेंक दिए गए इस मामले को भी दोबारा खुलवाने में भाकपा नेता डाक्टर अरुण मित्रा, कामरेड गुरनाम सिद्धु, कामरेड रणधीर सिंह, पंजाब स्त्री सभा की नेता मैडम गुरुचरण कौर कोचर और जीत कुमारी, वर्किंग महिला फोरम की आयोजक डाक्टर नरजीत कौर और कई अन्य समाजिक नेतायों ने आगे बढ़ कर मोर्चा सम्भाला तब कहीं ४१ दिनों के बाद मामला दर्ज हुआ।
अब देखना है कि पुलिस आरोपियों के खिलाफ क्या एक्शन लेती है?

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