खादी ग्रामोद्योग आयोग
एक मजबूत
ग्रामीण
सामुदायिक भावना
का निर्माण
करना
लोगों
में स्वाबलंबन
उत्पन्न
करने और मजबूत
ग्रामीण
सामुदायिक
भावना पैदा
करने के साथ
ही खादी
ग्रामोद्योग
आयोग को ग्रामीण
इलाकों में
गैर कृषि
रोजगार सृजन
के सतत स्रोत
के रूप में एक
महत्वपूर्ण
संगठन के तौर
पर जाना जाता
है। यह कौशल
विकास,
प्रौदयोगिकी
हस्तांतरण,
शोध और विकास,
विपणन इत्यादि
के क्षेत्र
में सक्रिय
रहता है और
ग्रामीण क्षेत्रों
में रोजगार
उत्पन्न
करने / स्वयं
के रोजगार
अवसर जुटाने
में सहायता
करता है।
खादी
ग्रामउद्योग
आयोग के मुख्य
उद्देशय
·
इसका
सामाजिक
उद्देश्य
ग्रामीण
इलाकों में
रोजगार
मुहैया कराना
है
·
इसका
आर्थिक
उद्देश्य
बिक्री योग्य
वस्तुओं का
उत्पादन
करना है
कार्य
खादी ग्रामउद्योग
आयोग
के कार्य, खादी
ग्रामउद्योग आयोग
अधिनियम 1956 (1956 के 61)
के तहत बनाए
गये नियमों के
अनुरूप है।
इनमें निम्नलिखित
बिन्दु
शामिल हैं
·
खादी
और ग्रामीण
उदयोगों में
रोजगार
प्राप्त
करने के इच्छुक
या उनके काम
कर रहे व्यक्तियों
के प्रशिक्षण
की योजना
बनाना और उन्हें
आयोजित करना
·
हाथ से सूत
कातने या खादी
के उत्पादन या
ग्रामीण
उदयोगों में
लगे लोगों या
उत्पादन
कार्य में
लगाए जाने
वाले लोगों के
लिए आयोग
द्वारा तय दर
पर प्रत्यक्ष
या निर्दिष्ट
एजेंसियों के
माध्यम से
कच्चा माल
उपलब्ध
कराना
·
कच्चे
माल के
प्रसंस्करण
या अर्द्धनिर्मित
वस्तुओं के
लिए आम सुविधा
मुहैया कराना तथा
खादी और ग्राम
उद्योग उत्पादों
के उत्पादन
तथा विपणन में
सहायता प्रदान
करना
·
खादी
और
ग्रामउद्योग
उत्पाद या
हथकरघा उत्पादों
की बिक्री और
विपणन को
बढाने के लिए बाजार
की एजेंसियों
से आवश्यकता
अनुसार संपर्क
स्थापित
करना
·
खादी
और ग्रामउद्योग
उत्पादों
के निर्माण के
लिए गैर परम्परागत
ऊर्जा तथा
बिजली के इस्तेमाल
से शोध और
प्रौद्योगिकी
को बढावा देना
जिससे कि उत्पादन
बढ सके और
नीरसता दूर हो,
साथ ही इस तरह
के शोध से उत्पादन
की प्रतिस्पर्द्धात्मक
क्षमता बढे
·
खादी
और अन्य
ग्रामीण
उद्योगों की
समस्याओं के
बारे में
प्रत्यक्ष
या दूसरी
एजेंसियों के
माध्यम से
अध्ययन करना
·
खादी
और ग्रामीण
उदयोगों के
काम में लगे
व्यक्तियों
या संस्थानों
को प्रत्यक्ष
या विशेष
एजेंसियों के
माध्यम से
सहायता उपलब्ध
कराना तथा डिजाइन,
प्रोटोटाइल
और अन्य
तकनीकी
जानकारी देना
·
खादी
और ग्रामीण
उद्योगों के
विकास के लिए
आयोग के विचार
में आवश्यक
समझे जाने
वाले प्रयोग
या पायलट
परियोजनाओं
को प्रत्यक्ष
रूप से या
विशेष
एजेंसियों के
माध्यम से
चलाना
·
उपरोक्त
मामलों में से
एक या सभी को
पूरा करने के
उद्देश्य से
अलग संगठन स्थापित
करना और उन्हें
चलाना
·
खादी
उत्पादन और
ग्रामीणउद्योग
में लगे उत्पादनकर्ताओं
के बीच सहकारी
प्रयासों को
बढावा देना और
प्रोत्साहित
करना
·
खादी
और
ग्रामउद्योग
के विशुद्ध उत्पाद
सुनिश्चित
करना तथा
गुणवत्ता और
मानक तय कर
उत्पादों को
उसी के अनुरूप
निर्मित करना तथा
संबंधित व्यक्तियों
को प्रमाणपत्र
या मान्यता
पत्र प्रदान
करना
·
उपरोक्त
कार्यों के
अलावा अन्य
आकस्मिक
कार्य कलाप
पूरा करना
केवीआईसी
को लाभ अर्जित
करने वाले
संगठन नहीं
बनाया गया है।
इसकी
गतिविधियों
में इसका विकास,
आय और रोजगार
के अवसर
बढ़ाना तथा
शिल्पियों का
कल्याण करना
है। खादी और
ग्रामोद्योग
उत्पादों के
पिछले पाँच
वर्ष के दौरान
उत्पादन,
उनकी बिक्री
और रोजगार के
आंकड़े नीचे
सारणी में दिए
गए हैं। इस
क्षेत्र में
हाल के समय
में लगातार
वृद्धि देखने
को मिली है।
वर्ष
|
उत्पादन
(करोड़
रुपये में)
|
बिक्री
(करोड़
रुपये में)
|
रोजगार
(लाख व्यक्ति
)
|
||||||
खादी
|
ग्रामोद्योग*
|
कुल
|
खादी
|
ग्रामोद्योग*
|
कुल
|
खादी
|
ग्रामोद्योग*
|
कुल
|
|
(1)
|
(2)
|
(3)
|
(4)
|
(5)
|
(6)
|
(7)
|
(8)
|
(9)
|
(10)
|
2005-06
|
468.30
|
11915.54
|
12383.84
|
628.69
|
14647.33
|
15276.02
|
8.68
|
15.02
|
18.76
|
2006-07
|
491.52
|
13537.19
|
14028.71
|
663.19
|
16899.21
|
17562.40
|
8.84
|
80.08
|
88.92
|
2007-08
|
543.39
|
16134.32
|
16677.71
|
724.39
|
20819.09
|
21543.48
|
9.16
|
90.11
|
99.27
|
2008-09
|
585.25
|
16753.62
|
17338.87
|
799.60
|
21948.59
|
22748.19
|
9.50
|
94.41
|
103.91
|
2009-10
|
608.66
|
17508.00
|
18136.98
|
867.01
|
23254.53
|
24121.54
|
9.81
|
98.72
|
108.53
|
देश
में खादी
ग्रामोद्योग
क्षेत्र को
मजबूत बनाने
के लिए सूक्ष्य
लघु और मध्यम
उद्यम मंत्रालय
ने निम्नलिखित
कुछ बड़े कदम
उठाए हैं -
·
दस्तकारों
को वित्तीय
प्रोत्साहन
देने के लिए
प्रदान की गयी
सहायता का 25 प्रतिशत
अर्जित करने
के अलावा खादी
और पोलीवस्त्र
के उत्पादन
और
मार्केटिंग
को बढ़ावा
देने के लिए 01 अप्रैल,
2010 से खादी के
उत्पादन पर
बाजार विकास
सहायता योजना
शुरू की गयी
है।
·
ब्याज
सब्सिडी योग्यता
प्रमाणपत्र
(आईएसईसी)
योजना के
अंतर्गत खादी
संस्थानों
के लिए
रियायती दरों
पर कर्ज (4
प्रतिशत ब्याज
दर पर) उपलब्ध
कराना।
·खादी
उद्योग और दस्तकारों
की उत्पादकता
और प्रतिर्स्धा
को बढ़ाने के
लिए योजना के
अंतर्गत संस्थानों
को वित्तीय
सहायता
प्रदान करना।
·
खादी दस्तकारों
के लिए
वर्कशेड
योजना के तहत
कातने वालों
और खादी
बुनकरों को
काम करने का
बेहतर माहौल
उपलब्ध
कराना।
·
पारंपरिक
उद्योगों के
पुनरुद्धार
के लिए धन उपलब्ध
कराने की
योजना के तहत
खादी, ग्राम
उद्योगों और
कॅयर
उद्योगों के
करीब 100 क्लस्टर्स
विकसित करना।
·
वित्त
मंत्रालय के
आर्थिक
मामलों के
विभाग ने व्यापक
खादी सुधार
कार्यक्रम
लागू करने के
लिए एशियाई
विकास बैंक से
सहायता 15
करोड़ डॉलर की
सहायता के लिए
समझौता किया
है।
सूक्ष्म,
लघु और मध्यम
उद्यम
मंत्रालय
प्रधानमंत्री
का रोजगार स2जन
कार्यक्रम भी
लागू कर रहा
है जो एक
क्रेडिट लिंक
सब्सिडी
कार्यक्रम है
और स्व-
रोजगार के
अवसर पैदा
करने के लिए
केवीआईसी के
लिए 2008-09 से
चलाया जा रहा
है। राज्य/केंद्र
शासित
क्षेत्रों के
स्तर पर यह
योजना बैंकों
के सहयोग से
केवीआईसी,
राज्य/केंद्रीय
क्षेत्रीय
खादी एवं
ग्राम उद्योग
बोर्ड और जिला
उद्योग
केंद्रों के
जरिए चलाई जा
रही है। प्रत्येक
योजना के लिए
निर्माण
क्षेत्र में 25
लाख रुपये और सेवा
क्षेत्र में 10
लाख रुपये तक
का ऋण उपलब्ध
कराया जा रहा
है। (पीआईबी)
*****
15-जून-2012 20:55 IST
No comments:
Post a Comment