Monday, May 21, 2012

सरकार नयी राष्‍ट्रीय स्‍पर्धा नीति तैयार करने की प्रक्रिया में

नयी राष्‍ट्रीय स्‍पर्धा नीति के प्रारूप पर मंत्रालयों और विभागों से मांगी राय सरकार नयी राष्‍ट्रीय स्‍पर्धा नीति तैयार करने की प्रक्रिया में है। इसका उद्देश्‍य आर्थिक विकास, उद्यमशीलता और रोजगार के उच्‍च व्‍यावहारिक स्‍तरों को सुनिश्‍चित करना है। कारपोरेट कार्य मंत्री डॉ. वीरप्‍पा मोइली ने भारतीय स्‍पर्धा आयोग द्वारा अंकटाड के साथ मिलकर आयोजित कार्यशाला में बात कही। इस कार्यशाला का आयोजन स्‍पर्धा कानून लागू होने के तीन वर्ष पूरा होने पर किया गया है। डॉ. मोइली ने कहा कि यह प्रस्‍तावित नयी राष्‍ट्रीय स्‍पर्धा नीति मंत्रालयों और विभागों से उनकी राय जानने के लिए उन्‍हें पहले ही भेजी जा चुकी है। इसके बाद इसे मंत्रिमंडल की स्‍वीकृति के लिए भेजा जाएगा।

डॉ. वीरप्‍पा मोइली ने कहा कि भारतीय स्‍पर्धा आयोग के कुछ फैसले उदारवादी अर्थव्‍यवस्‍था में बाजार ताक़तों की खुली भूमिका सुनिश्चित करने में बहुत महत्‍वपूर्ण साबित हुए हैं। उन्‍होंने यह बात जोर दे कर कही कि सरकार जो भी नीति बनाती है, अंतत: उसका केन्‍द्र उपभोक्‍ता होना चाहिए और उस तक इसका लाभ मिलना चाहिए।
डॉ. वीरप्‍पा मोइली ने कहा कि स्‍पर्धा कानूनों का उद्देश्‍य प्रतियोगियों की नहीं, बल्कि स्‍पर्धा प्रणाली की रक्षा करना है। इसके लिए उचित नियामक व्‍यवस्‍था करने की आवश्‍यकता है। उन्‍होंने कहा कि विनिर्माण, बिजली, दूरसंचार, सड़क, परिवहन, नागरिक उड्डयन, पर्यटन आदि जैसे विभिन्‍न क्षेत्रों में जो नीतियां शुरू की गई हैं उनके अब तक अच्‍छे परिणाम निकले हैं। स्‍पर्धा के कारण पिछले दो दशकों में साढ़े चार करोड़ नये उद्यमी सामने आये हैं। उन्‍होंने आशा व्‍यक्‍त की कि स्‍पर्धा कानूनों और नयी राष्‍ट्रीय नीति से 1991 के आर्थिक सुधारों के बाद दूसरे सबसे बड़े सुधारों का मार्ग प्रशस्‍त होगा।
इससे पहले भारतीय स्‍पर्धा आयोग के अध्‍यक्ष श्री अशोक चावला ने कहा‍कि सरकारी उद्यमों को स्‍पर्धा कानून के महत्‍व को समझना चाहिए और ऐसी व्‍यावहारिक नीतियां अपनानी चाहिएं, जो गैर-सरकारी उद्यमों के लिए मिसाल बन सकें।
कारपोरेट कार्य मंत्रालय के सचिव श्री नावेद मसूद, सार्वजनिक उद्यम विभाग के सचिव श्री ओ.पी. रावत और अंकटाड की स्‍पर्धा और उपभोक्‍ता संरक्षण शाखा के प्रमुख श्री हसन कुगाया ने भी इस अवसर पर अपने विचार व्‍यक्‍त किये।

स्‍पर्धा कानून और सरकारी उद्यमों के विषय पर आयोजित दो दिन की इस कार्यशाला में विभिन्‍न मंत्रालयों के सचिव और सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों के प्रमुख भाग ले रहे हैं। रूस, ब्रिटेन, यूरोपीय आयोग, कोरिया मेला व्‍यापार आयोग, दक्षिण अफ्रीका और ऑस्‍ट्रेलिया प्राधिकरण के प्रतिनिधि भी कार्यशाला में भाग ले रहे हैं। (पीआईबी)
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21-मई-2012 16:05 IST
 
 

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