Friday, January 15, 2010

मीडिया में फिर छाया पंजाब और सिक्ख मुद्दा...


पंजाब और सिख मुद्दा एक बार फिर पत्र पत्रिकाओं की कवर स्टोरी बन रहा है. यह सिलसिला केवल पंजाब की पत्र पत्रिकायों  तक ही सीमत नहीं बल्कि पंजाब से बाहर प्रकाशित हो रही पत्रिकायों में  भी महत्वपूर्ण स्थान ले रहा है. दिल्ली, नॉएडा और देहरादून से प्रकाशित होने वाले दि संडे पोस्ट के 17 जनवरी रविवार के प्रिंट एडिशन के अंक में कवर पर कुल चार आवरण कथाओं की इंट्रो तस्वीरों सहित प्रकाशित की गई है. इनमें सब से पहली आवरण कथा है संत जरनैल सिंह भिंडरांवालों की तस्वीर के साथ और बड़े बड़े शब्दों में शीर्षक है.....अब भी नायक हैं भिंडरांवाले.....पंजाब की राजनीती और साथ ही साहित्य पर मज़बूत पकड़  रखने वाले अमरीक ने अपनी चिर परिचित शैली के मुताबिक ही इस रिपोर्ट में भी कई गहरी बातें की हैं...लेकिन बहुत ही सादे शब्दों में.  इस रिपोर्ट में पाश की भी चर्चा है, भाई मन्ना सिंह उर्फ़ गुरशरण सिंह के नाटक हित लिस्ट की भी, जनरल ए के वैध के पोस्टर बाँटने की भी और इस मुद्दे के हाईटेक होने की भी. वेब एडिशन  पर इस रिपोर्ट का नाम है फिर से "संत जी" . इसी अंक में पंजाब पर एक और खास रिपोर्ट है पंजाब और भाजपा को बहुत ही गहराई से समझाने वाले नदीम अंसारी की. बादल की भाजपा को मात शीर्षक से  प्रकाशित इस रिपोर्ट में बताया गया है राज्य के भाजपा नेता अब अकाली नेता परकाश सिंह बादल के सामने बौने होते जा रहे हैं और बिजली की बढ़ी दरें वापिस कराने के मामले पर भाजपा के सामने इधर कूंयां उधर खाई  वाली स्थिति पैदा हो गई है.

इसी तरह डेटलाइन इंडिया में भी १५ जनवरी को कहा गया है कि....अब भी सक्रिय हैं भिंडरांवाले के भक्त....पंजाब के दौरे पर आधरित इस विशेष रिपोर्ट को तैयार किया है अनिल पाण्डेय ने. इस रिपोर्ट में बहुत ही साफ शब्दों में कहा गया है कि

पंजाब में सिखों की आज भी ऐसी बड़ी तादाद  है जिनके दलों में भिण्डरावाला के लिए इज्जत है। वे उसे सिक्खी का स्वाभिमान मानते हैं। वे मानते हैं कि भिण्डरावाला मरा नहीं है बल्कि हजार-हजार रूपों में पैदा हुआ है और अलग सिख राष्ट्र के सपने को साकार करने के लिए प्रयत्नशील है। इस रिपोर्ट के साथ भी एक बहुत लोकप्रिय तस्वीर है. इस रिपोर्ट में मुलाकातों के ज़रिये पंजाब के लोगों की  सोच और नब्ज़ पर हाथ रखने का प्रयास किया गया है.

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