Thursday, June 21, 2018

पी.ए.पी.ग्राउंड जालंधर में भी मनाया गया जिला स्तरीय योग दिवस

Jun 21, 2018, 1:56 PM
मानसिक तनाव को केवल योग और सात्विक आहार ही दूर कर सकता है
जालंधर: 21 जून (राजपाल कौर//पंजाब स्क्रीन)::
पी.एच.सी.रंधावा मसंदा के ए.एम.ओ.डॉक्टर हेमन्त मल्होत्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि डायरेक्टर आयुर्वेद पंजाब डॉ.राकेश शर्मा के निर्देशानुसार पी.ए.पी ग्राउंड जालंधर में जिला आयुर्वेदिक अफसर डॉ.सम्राट विक्रम सहगल की अगुवाई में जिला स्तरीय योग दिवस मनाया गया । मुख्य मेहमान आई.पी.एस कमांडेंट पी.ए.पी श्री पवन कुमार उप्पल ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की । सम्बोधित करते हुए श्री उप्पल ने सभी को निरोग रहने के लिए योग अपनाने को कहा । इस मौके डॉ.सम्राट ने अपने सम्बोधन में कहा कि आजकल बढ़ते हुए मानसिक तनाव को केवल योग और सात्विक आहार ही दूर कर सकता है। डॉ.अविनाश, डॉ.हेमंत मल्होत्रा, डॉ.रुपाली कोहली, डॉ.सुखदेव, डॉ.योगेश, डॉ.मनु हल्लन, डॉ.रितिका, डॉ.नीरज बाला और उपवैध मदन लाल द्वारा 1200 के लगभग उपस्थित पी.ए.पी और जिला आयुर्वेदिक विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के इलावा आम जन को योगा प्रोटोकॉल के अनुसार योग अभ्यास करवाया गया । कमांडेंट श्री पवन उप्पल और जिला आयुर्वेदिक अफसर डॉ.सम्राट ने पी.ए.पी में 4 जून से योग सीखा रही जिला आयुर्वेदिक विभाग की टीम डॉ.अविनाश, डॉ.हेमंत मल्होत्रा, डॉ.रुपाली कोहली, डॉ.सुखदेव, डॉ.योगेश, डॉ.मनु हल्लन, डॉ.रितिका और डॉ.नीरज बाला को उनके अतुलनीय कार्य के लिए प्रशस्ति पत्र और ट्रॉफी देकर सन्मानित भी किया । इस मौके गणमान्य व्यक्तियों में सीनियर फिजिशियन डॉ.सुरिंदर कल्याण, डॉ.चेतन मेहता, डॉ.अमित सिधू, डी.एस.पी सुखविंदर सिंह, इंस्पेक्टर बाज सिंह, एस.आई गुरपाल सिंह, एस.आई रशपाल, एस.आई राजेश, एस.आई वेद प्रकाश, एस.आई कुलविंदर सिंह, ए.एस.आई रविंदर, ए.एस.आई कंवलजीत हाजिर थे।

आज हर तरफ योग ही योग, योग ही योग है

प्रविष्टि तिथि: 21 JUN 2018 9:58AM by PIB Delhi

योग दिवस पर देहरादून में प्रधानमंत्री के सम्बोधन का मूल पाठ
देहरादून: 21 जून 2015: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो//पीआईबी)::
मंच पर उपस्थित सभी वरिष्ठ महानुभाव और इस विशाल, सुंदर मैदान में उपस्थित मेरे सभी साथियों। मैं देवभूमि उत्तराखंड की इस पावन धरती से दुनियाभर के योग प्रेमियों को चौथे अंतराष्ट्रीय योग दिवस की शुभकामनाएं देता हूं।

मां गंगा की इस भूमि पर, जहां चारधाम स्थित हैं, जहां आदि शंकराचार्य आए, जहां स्वामी विवेकानंद कई बार आए, वहां योग दिवस पर हम सभी का इस तरह एकत्रित होना, किसी सौभाग्य से कम नहीं।

उत्तराखंड तो वैसे भी अनेक दशकों से योग का मुख्य केंद्र रहा है। यहां के ये पर्वत स्वत: ही योग और आयुर्वेद के लिए प्रेरित करते हैं।

सामान्य से सामान्य नागरिक भी जब इस धरती पर आता है, तो उसे एक अलग तरह की, एक दिव्य अनुभूति होती है। इस पावन धरा में अद्भुत स्फूर्ति है, स्पंदन है, सम्मोहन है।

साथियों,

ये हम सभी भारतीयों के लिए गौरव की बात है कि आज जहां-जहां उगते सूर्य के साथ जैस-जैसे सूरज अपनी यात्रा करेगा,  सूरज की किरण पहुंच रही है, प्रकाश का विस्तार हो रहा है, वहाँ - वहाँ लोग योग से सूर्य का स्वागत कर रहे हैं।

देहरादून से लेकर डबलिन तक, शंघाई से लेकर शिकागो तक, जकार्ता से लेकर जोहानिसबर्ग तक, योग ही योग , योग ही योग है।

हिमालय के हजारों फीट ऊंचे पर्वत हों या फिर धूप से तपता रेगिस्तान, योग हर परिस्थिति में, हर जीवन को समृद्ध कर रहा है।

जब तोड़ने वाली ताकतें हावी होती है तो बिखराव आता है।  व्‍यक्तियों के बीच समाज के बीच  देशों के बीच बिखराव आता है। समाज में दीवारें खड़ी होती है, परिवार में कलह बढ़ता है और यहाँ तक कि व्यक्ति अंदर से टूटता है और जीवन में तनाव बढ़ता जाता है।

इस बिखराव के बीच योग जोड़ता है। जोड़ने का काम करता है

आज की आपाधापी और तेज़ भागती ज़िंदगी में योग मन, शरीर और बुद्धि आत्‍मा को जोड़कर व्यक्ति के जीवन में शांति लाता है।

व्यक्ति को परिवार से जोड़कर परिवार में ख़ुशहाली लाता है।

परिवारों को समाज के प्रति संवेदनशील बना कर समाज में सद्भावना लाता है।

समाज राष्ट्र की एकता के सूत्र बनते है।

और ऐसे राष्ट्र विश्व में शांति और सौहार्द लाते है। मानवता, बंधुभाव से पल्लवित और पोषित होती है।

यानी योग व्यक्ति-परिवार-समाज-देश-विश्व और सम्पूर्ण मानवता को जोड़ता है।

जब यूनाइटेड नेशन्‍स में योग के लिए प्रस्‍ताव रखा और ये यूनाइटेड नेशन्‍स का रिकॉर्ड है, ये पहला ऐसा प्रस्‍ताव था जिसको दुनिया के सर्वाधिक देशों ने कॉस्‍पान्‍सर किया। ये पहला ऐसा प्रस्‍ताव था जो UN के इतिहास में सबसे कम समय में स्‍वीकृति हुआ और ये योग आज विश्‍व का हर नागरिक, विश्‍व का हर देश योग को अपना मानने लगा है और अब हिन्‍दुस्‍तान के लोगों के लिए एक बहुत बड़ा संदेश है कि हम उस महान विरासत के धनी है, हम उन महान परम्‍परा की विरासत को संजोय हुए है।

अगर हम अपनी विरासत पर गर्व करना शुरू करें जो कालबाह्यी है उसे छोड़ दें और वो टिकता भी नहीं है। लेकिन जो समय के अनुकूल है, जो भविष्‍य के निर्माण में उपकारक है ऐसी हमारी महान विरासत को अगर हम गर्व करेंगे तो दुनिया गर्व करने में कभी भी हिचकिचाहट नहीं अनुभव करेगे। लेकिन अगर हमें, हमारी शक्ति, सामर्थ्‍य के प्रति भरोसा नहीं होगा, तो कोई स्‍वीकार नहीं करेगा। अगर परिवार में परिवार ही बच्‍चे को हमेशा नकारता रहे और अपेक्षा कि मोहल्‍ले वाले बच्‍चे को सम्‍मान करे, तो वह संभव नहीं है। जब मां, बाप, परिवार, भाई, बहन बच्‍चे को जैसा भी हो स्‍वीकार करते है तब जा करके मोहल्‍ले के लोग भी स्‍वीकार करना शुरू कर देते है।

आज योग ने सिद्ध कर दिया है कि जैसे हिन्‍दुस्‍तान ने फिर से एक बार योग के सामर्थ्‍य के साथ अपने साथ जोड़ दिया दुनिया अपने आप जुड़ने लग गई।  

योग आज दुनिया की सबसे Powerful Unifying Forces में से एक बन गया है।

मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि यदि आज पूरी दुनिया में योग करने वालों के आंकड़े जुटाए जाएं तो अद्भुत तथ्य विश्‍व के सामने आएंगे।

अलग-अलग देशों में, पार्कों में, खुले मैदानों में, सड़कों के किनारे, दफ्तरों में, घरों में, अस्पतालों में, स्कूलों में, कॉलेजों में, ऐतिहासिक विरासतों के सानिध्य में, योग के लिए जुटते सामान्य लोग, आप जैसे लोग, विश्व बंधुत्व के भाव और  Global Friendship को और ऊर्जा दे रहे हैं।

Tuesday, June 19, 2018

साइबर सुरक्षा फ्रेमवर्क पर कार्यशाला-2018

प्रविष्टि तिथि: 19 JUN 2018 6:56PM by PIB Delhi

उद्घाटन किया केंद्रीय रक्षा मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने
नई दिल्ली: 19 जून 2018: (पीआईबी//पंजाब स्क्रीन)::
जहाँ इंटरनेट की सुविधा से हम सभी को बहुत से फायदे हुए हैं वहीँ साइबर क्राईम के खतरे भी तेज़ी से बढ़े हैं। इस चुनौती को गंभीरता से लिया है रक्षा मंत्रालय ने। डीडीपी, रक्षा मंत्रालय द्वारा रक्षा विभाग के लिए साइबर सुरक्षा फ्रेमवर्क पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का उद्घाटन केंद्रीय रक्षा मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने किया।


    अपने संबोधन में श्रीमती सीतारमण ने इस बात पर जोर दिया कि रक्षा क्षेत्र पर साइबर खतरों की अधिक आशंका है और संभावित हमलों से बचने के लिए साइबर स्पेस की सुरक्षा करना हमारे लिए महत्वपूर्ण हो जाता है। रक्षा मंत्री ने डीडीपी के लिए साइबर सुरक्षा फ्रेम को तैयार करने के लिए रक्षा उत्पादन विभाग को बधाई दी और कहा कि साइबर सुरक्षा संबंधी मुद्दों का निवारण करने के लिए विभिन्न स्तरों पर साइबर सुरक्षा प्रकोष्ठ सेल स्थापित किए जा रहे हैं। उन्होंने साइबर स्पेस में एक प्रमुख शक्ति बनने के लिए देश के लक्ष्य के तहत सभी प्रतिष्ठानों में कार्यबल स्थापित करने की आवश्यकता को रेखांकित किया।
    इससे पहले प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए सचिव (रक्षा उत्पादन) डॉ.अजय कुमार ने इस बात पर जोर दिया कि सभी रक्षा पीएसयू और आयुध कारखाने सूचना प्रौद्योगिकी पर निर्भर हैं। हालांकि, रक्षा उत्पादन क्षेत्र में सूचना और साइबर सुरक्षा में किसी भी प्रकार के समझौते से हमारे रक्षा बलों और राष्ट्रीय सुरक्षा पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए, प्राथमिकता के आधार पर एक मजबूत, सख्त और लचीले साइबर सुरक्षा आधारभूत संरचना की स्थापना करना महत्वपूर्ण हो जाता है।
     डीडीपी के संयुक्त सचिव और मुख्य सूचना सुरक्षा अधिकारी डॉ. अमित सहाय ने कार्यशाला में आए प्रतिभागियों का स्वागत किया। उन्होंने बताया कि रक्षा मंत्रालय ने इस एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन साइबर सुरक्षा के लिए समन्वित दृष्टिकोण बनाने के लिए किया है, ताकि 2018 में रक्षा उत्पादन विभाग एक ढांचागत दस्तावेज जारी कर सके। फ्रेमवर्क राष्ट्रीय नीतियों और दिशानिर्देशों के अनुरूप है और यह सभी संगठनों के लिए अपने मौजूदा साइबर सुरक्षा की दिशा और साइबर सुरक्षा के लिए लक्षित क्षेत्र को वर्णित करने, उनमें सुधार करने तथा निरंतर अवसरों को प्राथमिकता देने के लिए एक सामान्य तंत्र प्रदान करता है। कार्यशाला में गुणता आश्‍वासन महानिदेशालय (डीजीक्यूए), एयरोनॉटिकल गुणता आश्वासन महानिदेशालय (डीजीएचक्यूए), मानकीकरण महानिदेशालय, रक्षा पीएसयू और आयुध कारखानों के 100 से अधिक मुख्य सूचना सुरक्षा अधिकारियों ने भाग लिया। 

सरकार बाढ़ के पूर्वानुमान के लिए गूगल के साथ मिलकर काम करेगी

प्रविष्टि तिथि: 18 JUN 2018 8:12PM by PIB Delhi
गूगल के साथ किया गया एक विशेष सहयोग समझौता
नई दिल्ली: 18 जून 2018: (पीआईबी//पंजाब स्क्रीन):: 
इमेल के जरिये आपके संचार को अत्यधिक आधुनिक बनाने और बहुत सी अन्य खूबियों की सहायता से आज के जनजीवन को बहुत ही असं बनाने वाले गूगल का फायदा अब बाढ़ के पूर्वानुमान में भी मिल सकेगा। 
केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्री श्री नितिन गडकरी ने उम्मीद जताई है कि गूगल के साथ गठबंधन से भारत में बाढ़ का कारगर या प्रभावकारी प्रबंधन करने में मदद मिलेगी। जल संसाधन के क्षेत्र में भारत के शीर्ष प्रौद्योगिकी संगठन केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) ने गूगल के साथ एक सहयोग समझौता किया है। सीडब्ल्यूसी जल संसाधनों के कारगर प्रबंधन विशेषकर बाढ़ का पूर्वानुमान लगाने एवं बाढ़ संबंधी सूचनाएं आम जनता को सुलभ कराने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस), मशीन लर्निंग एवं भू-स्थानिक मानचित्रण के क्षेत्र में गूगल द्वारा की गई अत्याधुनिक प्रगति का उपयोग करेगा। इस पहल से संकट प्रबंधन एजेंसियों को जल विज्ञान (हाइड्रोलॉजिकल) संबंधी समस्याओं से बेहतर ढंग से निपटने में मदद मिलने की आशा है।
इस समझौते के तहत सीडब्ल्यूसी और गूगल इन कार्यों में आपसी सहयोग के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस), मशीन लर्निंग, भू-स्थानिक मानचित्रण और जल विज्ञान से जुड़े अवलोकन डेटा के विश्लेषण में तकनीकी विशेषज्ञता को साझा करेंगी (i) बाढ़ पूर्वानुमान प्रणालियों को बेहतर करना, जिससे स्थान-लक्षित आवश्यक कार्रवाई योग्य बाढ़ चेतावनी जारी करने में मदद मिलेगी (ii) बाढ़ प्रबंधन की परिकल्पना करने एवं इसमें बेहतरी के लिए गूगल अर्थ इंजन का उपयोग करने से जुड़ी उच्च प्राथमिकता वाली अनुसंधान परियोजना और (iii) भारत की नदियों पर ऑनलाइन प्रदर्शनियां तैयार करने से जुड़ी एक सांस्कृतिक परियोजना।
मंत्रालय ने इससे पहले वर्ष 2016-17 के दौरान एक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम ‘राष्ट्रीय जल विज्ञान परियोजना (एनएचपी)’ का शुभारंभ किया था। एनएचपी विश्व बैंक से सहायता प्राप्त केंद्रीय क्षेत्र की योजना है, जिसमें पूरे देश को कवर किया गया है। राष्ट्रीय जल विज्ञान परियोजना का उद्देश्य जल संसाधन सूचनाओं, बाढ़ से जुड़ी निर्णय सहायता प्रणाली एवं बेसिन स्तरीय संसाधन आकलन/नियोजन के विस्तार, गुणवत्ता एवं पहुंच को बेहतर करना और लक्षित जल संसाधन प्रोफेशनलों एवं भारत के प्रबंधन संस्थानों की क्षमता को मजबूत करना है।
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लोग लंबे समय से बाढ़ आने से पहले समय रहते सटीक चेतावनी दिए जाने की मांग करे रहे थे। इस पहल से उनकी यह मांग पूरी होगी। केन्द्रीय जल आयोग 2016 तक अधिकतम एक दिन पहले बाढ़ के स्तर के बारे में जानकारी दे रहा था। 2017 में बाढ़ के दौरान सीडब्ल्यूसी ने बारिश आधारित मॉडल के सहारे परीक्षण के आधार पर तीन दिन पहले बाढ़ के चेतावनी जारी की। गूगल उच्च स्तरीय डिजिटल, तकनीक जिसमें वो अपनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस विशेषज्ञता के सहारे सीडब्ल्यूसी द्वारा प्रदत्त जानकारी के सहयोग से बाढ़ की सटीक जानकारी देगा। अब संभवतः बाढ़ आने के तीन दिन पहले ही लोगों को जानकारी मिल सकेगी। इस समझौते के बाद सरकार को करोड़ों रुपये की बचत होगी। इससे सरकार और आपदा प्रबंधन संगठनों को बाढ़ प्रभावित स्थानों और जनसंख्या की बेहतर जानकारी प्राप्त होगी। यह पहल बेहतर बाढ़ प्रबंधन और बाढ़ से होने वाले नुकसान को रोकने में मील का पत्थर साबित होगी।
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वीके/एएम/आरआरएस/बीपी/एसकेपी/डीए – 9074

Sunday, June 17, 2018

नीति आयोग की चौथी बैठक में प्रधानमंत्री की उद्घाटन टिपण्णियां

शासी परिषद एक ऐसा मंच है जो ‘ऐतिहासिक बदलाव‘ ला सकता है
प्रविष्टि तिथि: 17 JUN 2018 3:03PM by PIB Delhi
नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज नई दिल्ली में राष्ट्रपति भवन सांस्कृतिक केंद्र में नीति आयोग की शासी परिषद की चौथी बैठक में उद्घाटन टिपण्णियां कीं।

प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों एवं अन्य शिष्टमंडलों का स्वागत करते हुए दुहराया कि शासी परिषद एक ऐसा मंच है जो ‘ऐतिहासिक बदलाव‘ ला सकता है। उन्होंने बाढ़ प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भरोसा दिलाया कि केंद्र सरकार बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए उन्हें हर संभव सहायता प्रदान करेगी जो वर्तमान में देश के विभिन्न भागों को प्रभावित कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि शासी परिषद ने सहकारिता, प्रतिस्पर्धी संघवाद की भावना के साथ ‘टीम इंडिया‘ के रूप में अभिशासन के जटिल मुद्वों का समाधान किया है। उन्होंने जीएसटी के सुगम आरंभ एवं क्रियान्वयन को इसका एक प्रमुख उदाहरण बताया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने स्वच्छ भारत मिशन, डिजिटल लेनदेन एवं कौशल विकास जैसे मुद्वों पर उप-समूहों एवं समितियों के जरिये नीति निर्माण में प्रमुख भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि इन उप-समूहों की सिफारिशों को केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों द्वारा सम्मिलित किया गया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था 2017-18 की चौथी तिमाही में 7.7 प्रतिशत की स्वस्थ दर से बढ़ी है। उन्होंने कहा कि अब चुनौती इस विकास दर को दो अंकों में ले जाने की है जिसके लिए कई और महत्वपूर्ण कदम उठाए जाने होंगे। उन्होंने कहा कि 2022 तक नए भारत का विजन अब हमारे देश के लोगों का एक संकल्प है। इस परिप्रेक्ष्य में, उन्होंने किसानों की आय दोगुनी करने, आकांक्षापूर्ण जिलों का विकास, आयुष्मान भारत, मिशन इंद्रधनुष, पोषण मिशन एवं महात्मा गांधी की 150 जयंती के समारोहों सहित आज की कार्यसूची के मुद्वों का उल्लेख किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आयुष्मान भारत के अंतर्गत 1.5 लाख स्वास्थ्य एवं कल्याण कंेद्रों का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि लगभग 10 करोड़ परिवारों को प्रत्येक वर्ष लगभग 5 लाख रुपये के बराबर का हेल्थ ऐश्योरंस उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि समग्र शिक्षा अभियान के तहत शिक्षा के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण अपनाया जा रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि मुद्रा योजना, जन धन योजना एवं स्टैंड अप इंडिया जैसी योजनाएं बेहतर वित्तीय समावेश में सहायता कर रही हैं। उन्होंने प्राथमिकता के आधार पर आर्थिक असंतुलनों से निपटने की आवश्यकता पर जोर दिया।

उन्होंने कहा कि मानव विकास के सभी पहलुओं एवं मानकों पर ध्यान दिए जाने एवं 115 आकांक्षापूर्ण जिलों में बेहतरी लाई जाने की आवश्यकता है।

श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि ग्राम स्वराज अभियान योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए एक नए मॉडल के रूप में उभर कर सामने आया है। उन्होंने कहा कि अभी तक आकांक्षापूर्ण जिलों के 45,000 गांवों में इसे विस्तारित किया गया है। उन्होंने कहा कि सात महत्वपूर्ण कल्याणकारी योजनाओं: उज्जवला, सौभाग्या, उजाला, जन धन, जीवन ज्योति योजना, सुरक्षा बीमा योजना एवं मिशन इंद्रधनुष में सार्वभौमिक कवरेज का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि यह लक्ष्य लगभग 17,000 गांवों में अभी हाल में हासिल किया गया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में क्षमताओं, सामर्थ्यों एवं संसाधनों की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि चालू वित वर्ष के दौरान, राज्यों को केंद्र से 11 लाख करोड़ रुपये से अधिक प्राप्त हो रहे हैं, जो पिछली सरकार के अंतिम वर्ष की तुलना में लगभग 6 लाख करोड़ रुपये की बढ़ोतरी प्रदर्शित करता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज यहां एकत्रित समूह भारत के लोगों की उम्मीदों एवं आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करता है। उन्होंने कहा कि यहां एकत्रित लोगों की भी यह जिम्मेदारी है कि वे उनकी उम्मीदों को पूरी करने का हरसंभव प्रयास करें।

इससे पूर्व, नीति आयोग के उपाध्यक्ष श्री राजीव कुमार द्वारा मुख्यमंत्रियों एवं अन्य शिष्टमंडलों का स्वागत किया गया। विचार विमर्शों का सभापतित्व गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह द्वारा किया गया।

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वीके/एएम/एसजकेजे/एनके–9055

Saturday, June 16, 2018

खालिस्तान के नारे पर लगाये प्रतिबंध का किया स्वागत

Jun 16, 2018, 4:15 PM
स्वागत किया हिन्दू मोर्चा पंजाब ने
लुधियाना: 16 जून 2018: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो):: हिन्दू संगठन एक बार फिर से सक्रिय हैं। खालिस्तान का विरोध इस बार भी उनके मुख्य मुद्दों में है। ईमेल से प्राप्त एक समाचार में हिन्दू मोर्चा पंजाब ने खालिस्तान के नारे पर प्रतिबंध का स्वागत किया है।
हिन्दू मोर्चा के मुताबिक माननीय पंजाब व हरियाणा उच्च न्यालय द्वारा कट्टरपंथी ताकतों द्वारा किये जा रहे खालिस्तान के प्रचार व नारेबाजी के खिलाफ सख्त एक्शन लेते हुए ऐसे मामलों में देश द्रोह के अंतर्गत केस दर्ज करने के निर्देश देने का स्वागत करते हुए श्री हिन्दू मोर्चा के प्रमुख प्रदेश प्रचारक वरुण मेहता के नेतृत्व में एक बैठक का आयोजन किया गया व प्रदेश भर में खालिस्तान का प्रचार करने वालो का विरोध करने का निर्णय लिया गया ।
इस अवसर पर संबोधित करते हुए वरुण मेहता ने कहा कि भारत सभी धर्मी व समुदायों की आपसी सांझ वाला देश है लेकिन कुछ लोग विदेशी ताकतों के इशारे पर इसे बाटने की साज़िशें रच रहे है उंन्होने कहा कि पहले भी पंजाब में डेढ़ दशक तक खालिस्तान समर्थक आंतकियो ने बेगुनाहों का खून बहाया है व पंजाब को भारत से तोड़ने के लिए साज़िशें रची लेकिन पंजाब में बहादुर पुलिस फोर्स के अधिकारियों व कर्मचारियों ने वीरता से इन आंतकियो को सबक सिखाया व प्रदेश में हजारों कुर्बानियों के बाद शांति स्थापित हुई लेकिन कुछ कट्टरपंथी ताकते पुनः विदेशी  ताकतों की शह पर प्रदेश के अमन चैन को भंग करने के लिए कोशिशें कर रहे है लेकिन पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह के कठोर रुख से कट्टरपंथी ताकते पूरी तौर पर सक्रिय नही हो पा रही ।
मेहता के कहा कि खालिस्तान समर्थकों द्वारा सरेआम कभी फतेहगढ साहिब कभी अमृतसर कभी फगवाड़ा में खालिस्तान के बोर्ड व अन्य प्रचार सामग्री लगाकर नारेबाजी करने से प्रदेश में दहशत का माहौल पैदा करने की साज़िशें की जा रही है ।
उंन्होने कहा कि शहीदों की शहादत का सम्मान करते हुए हम शहीदों के दिखाए मार्ग पर चलने का संकल्प लेते है व प्रदेश में कट्टरपंथियो द्वारा खालिस्तान के पक्ष में किये जाने वाले हर आयोजन का विरोध कर हम पंजाब सरकार व पुलिस विभाग को इनके खिलाफ सख्त एक्शन लेने के लिए शिकायत पत्र देंगे । 
इस अवसर पर जिला प्रमुख प्रचारक शिवम वर्मा , इंद्रजीत , मनमोहन , अमन सैनी , साकार धीर  , राहुल , हन्नी , रमन राजपूत , सन्नी , सूरज,नितिन ठाकुर , विशाल , खुशप्रीत, साजन  व अन्य भी उपस्थित थे। 

Friday, June 15, 2018

परशुराम वाघमारे ने की थी गौरी लंकेश की हत्या

चर्चित रंगकर्मी गिरीश कनार्ड भी थे निशाने पर 
बेंगलुरु: 15 जून 2018: (पंजाब स्क्रीन न्यूज़ नेटवर्क)::
जानीमानी वाम पत्रकार और सक्रिय समाजसेवी गौरी लंकेश की हत्या का रहस्य छंटने लगा है। बात सामने आने लगी है। धीरे धीरे इस मामले की कड़ियां खुलने लगी हैं। लेकिन गंभीर संकेत भी मिल रहे हैं। कन्नड़ पत्रकार गौरी लंकेश के संदिग्ध हत्यारों के हिट लिस्ट में चर्चित रंगकर्मी गिरीश कनार्ड भी थे। कर्नाटक सराकर के द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) यह संनसनी खुलासा किया है। एसआईटी ने संदिग्धों के पास से एक डायरी बरामद की है जिसमें फिल्मकार गिरीश कर्नाड के अलावा ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता साहित्यकार बीटी ललिता नाइक, निदुमामिडी मठ के प्रमुख वीरभद्र चन्नामल्ला स्वामी और तर्कवादी सीएस द्वारकानाथ के नाम शामिल हैं। हालांकि एसआईटी ने यह भी कहा कि अभी तक की पूछताछ और विवेचना में वाधमारे के खिलाफ कोई खास सबूत नहीं मिला है जिसके आधार पर उसे लंकेश हत्या का अभियुक्त घोषित किया जा सके। 
गौरी लंकेश हत्याकांड की जांच कर रही एसआईटी के सूत्रों ने बुधवार को कहा कि सूची में कर्नाड के अलावा ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता नेता और साहित्यकार बीटी ललिता नाइक, निदुमामिडी मठ के प्रमुख वीरभद्र चन्नामल्ला स्वामी और तर्कवादी सीएस द्वारकानाथ शामिल थे। इस हत्याकांड की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने आज कहा कि परशुराम वाघमारे ने की थी गौरी लंकेश की हत्या। गौरतलब है कि अचानक घर का दरवाज़ा खुलते ही हमलावरों ने गौरी लंकेश की हत्या कर दी थी। 

जांच दल के मुताबिक परशुराम वाघमारे गौरी लंकेश की हत्या के संबंध में गिरफ्तार किए गए छह संदिग्धों में से एक है। हालांकि, पुलिस ने मंगलवार को उसके हत्यारा होने की बात से इनकार किया था। गौरी लंकेश हत्या की जांच कर रहे कर्नाटक पुलिस के विशेष जांच दल (एसआईटी) ने कहा था कि 26 वर्षीय परशुराम वाघमरे को राज्य के विजयपुरा जिले के सिंधागी से गिरफ्तार किया गया है।
एसआईटी को हेड करनेवाले इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस बीके सिंह ने बताया कि पूछताछ के दौरान ऐसी कोई भी बात निकलकर सामने नहीं आई है जिससे ऐसा लगे कि लंकेश की हत्या में वाघमरे शामिल था। गौरी लंकेश का वाघमरे को हत्यारा बताए जाने की मीडिया में चल रही अटकलों के बीच उन्होंने कहा कि नहीं, जांच में ऐसी कोई चीज सामने नहीं आयी है। 

गौरी लंकेश मर्डर केस में वाघमरे की छठी गिरफ्तारी की गई है। लंकेश को पिछले साल 5 सितंबर को उनके घर के सामने गोली मारकर हत्या की गई थी।उल्लेखनीय है कि एसआईटी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह भी कहा कि गौरी और तर्कवादी एवं अंधविश्वास विरोधी गोविंद पंसारे तथा एम एम कलबुर्गी को गोली मारने के लिए एक ही हथियार का इस्तेमाल किया गया। 
इसी बीच नाम उजागर न करने की शर्त पर एसआईटी के वरिष्ठ अधिकारी ने मीडिया के एक हिस्से को बताया कि वाघमारे ने गौरी को गोली मारी और फॉरेंसिक जांच से पुष्टि होती है कि (तर्कवादी) गोविंद पंसारे, एम एम कलबुर्गी और गौरी की हत्या एक ही हथियार से की गई। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हथियार का अभी पता नहीं लगाया जा सका है। फॉरेंसिक जांच से इस नतीजे पर तब पहुंचा जाता है जब बंदूक के ट्रिगर से गोली के पिछले हिस्से पर एक ही तरह का निशान बना हुआ मिलता है फिर चाहे बंदूक की बरामदगी हो या न हो। 
इसके साथ ही हिन्दू संगठनों पर भी जानकारी मिली। अधिकारी ने कहा कि हिंदू दक्षिणपंथी समूहों के लोगों को शामिल कर बनाए गए इस संगठन में 60 सदस्य हैं जो कम से कम पांच राज्यों में फैले हुए हैं लेकिन इस संगठन का कोई नाम नहीं है। अधिकारी ने यह भी कहा कि हमें मालूम हुआ है कि इस गिरोह का मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा और कर्नाटक में नेटवर्क है। हम अभी तक उत्तर प्रदेश से उनके ताल्लुक का पता नहीं चला सके हैं। इसके जमीनी आधार का आकलन भी किया आना आवश्यक लगता  है। 
हत्या के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि भले ही इस गिरोह ने महाराष्ट्र के हिंदू जागृति समिति और सनातन संस्था जैसे कट्टरपंथी हिंदुत्ववादी संगठनों के लोगों की भर्ती किया लेकिन ऐसा जरूरी नहीं कि ये संस्थाएं सीधे तौर पर हत्या में शामिल हों। दोनों ही संगठनों ने इन तीनों की हत्या में किसी तरह की भूमिका से इंकार किया है। 
अधिकारी ने कहा कि सुजीत कुमार उर्फ प्रवीण गिरोह के लिए लोगों की भर्ती करता था और उसी से पूछताछ के दौरान इस नेटवर्क का भंडाफोड़ हुआ। उन्होंने बताया कि एसआईटी को संदेह था कि गौरी की हत्या के दौरान तीन और लोग वहां मौजूद थे। 
इसी मुद्दे पर अधिकारी ने यह भी कहा कि यह गिरोह बड़ी सतर्कता से अपने कार्यों को अंजाम देने से पहले उसकी योजना बनाता था। यह गिरोह जासूसी करना, निशाने पर लिए लोगों की कमजोरियां पहचानना और उनकी हत्या करने में छह महीने से साल भर तक का समय लेता था। 
साथ ही एक अहम खुलासा भी हुआ। उन्होंने कहा कि यह गिरोह (कन्नड़ लेखक) प्रोफेसर एस भगवान की हत्या के लगभग अंतिम चरण में था जब हमने इन्हें धर दबोचा। ” 
कर्नाटक पुलिस ने हाल ही में भगवान की हत्या की साजिश का खुलासा किया था और गिर‍फ्तार किए गए चार आरोपियों से पूछताछ के दौरान ही गौरी लंकेश की हत्या में इनकी संलिप्तता का संदेह हुआ। 

Thursday, June 14, 2018

ईद-उल - फितर का चांद नजर नहीं आया: शाही इमाम पंजाब

Jun 14, 2018, 8:52 PM
अब 16 जून को मनाया जायेगा ईद-उल-फितर का त्यौहार
लुधियाना: 14 जून 2018: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो)::
आज यहां पंजाब के मुसलमानों के दीनी मरकज जामा मस्जिद लुधियाना से पंजाब के शाही इमाम व रूअते हिलाल कमेटी पंजाब (चांद देखने वाली कमेटी) के अध्यक्ष मौलाना हबीब-उर-रहमान सानी लुधियानवी ने पूरे पंजाब भर से प्राप्त हुई जानकारी के अनुसार यह ऐलान किया कि आज ईद-उल-फितर का चांद नजर नहीं आया। इसलिए अब 16 जून को ईद-उल-फितर का त्यौहार मनाया जायेगा। इस पवित्र त्यौहार की शाही इमाम ने समूह पंजाब वासियों को हार्दिक मुबारकबाद दी।
दिल्ली रूयते हिलाल कमेटी का एलान भी आ गया है। इस ब्यान में भी कहा गया है कि आज कही चांद नही दिखा। इस तरह स्पष्ट है की अब भारत मे शनिवार को ईद होगी। यह ऐलान दिल्ली में शाही इमाम मौलाना सय्यद अहमद बुखारी ने किया। 

Monday, June 11, 2018

अयाली की ललकार: देखते हैं कौन करता है धक्केशाही

गांव बडुंदी में अकालीदल का जोशीला धरना
लुधियाना11 जून 2018 (पंजाब स्क्रीन टीम):: फेसबुक पर तस्वीरें देखने के लिए यहाँ क्लिक करें 
किसकी हिम्मत है जो हमारे साथ धक्केशाही कर जाये। हम इस तरह की गुंडागर्दी से नहीं डरते। ललकार कर यह बात कही पूर्व अकाली विधायक मनप्रीत सिंह अयाली ने। वह पक्खोवाल के नज़दीक लुधियाना के ही गाँव बडुंदी में आए हुए थे। यहाँ अकाली दल के रोष धरने को सम्बोधित करते हुए उन्होंने अकाली कार्यकर्ताओं में  एक नया जोश भर दिया। उन्होंने स्पष्ट एलान किया कि काम से कम कम दस लोग भी डांग पकड़ कर तैयार बैठे हों तो किसकी मजाल है जो अकाली शक्ति के सामने ठहर जाए। उन्होंने याद दिलाई की अकाली दल का इतिहास मोर्चों और संघर्षों का इतिहास है। जेल में रहें या बाहर--हमें कोई ज़्यादा फर्क नहीं पड़ता। इस मौके पर वृद्ध और टकसाली अकाली कार्यकर्ता भी शामिल थे। 
गांव बडुंदी में यह धरना दिया गया था उस कथित धक्केशाही के खिलाफ जो सरपंची के चुनाव में गुरशरण सिंह बडुंदी के साथ की गयी। श्री अयाली ने याद दिलाया की अकाली दल की तो जीवन शैली ही संघर्षों से भरी है। हमने अनगिनत मोर्चे लगाए और जीत हासिल की। हम आज भी उसी तरह मज़बूत हैं। किसी ने हमें कमज़ोर समझ कर धक्केशाही की तो नतीजे अच्छे नहीं होंगें। गौरतलब है की इस धरने में बच्चों से ले कर बज़ुर्ग लोग भी जोशो खरोश के साथ शामिल हुए। दोपहर की कड़कती धुप में भी न तो किसी के चेहरे पर कोई घबराहट थी और न ही चिंता। सभी के चेहरों पर जोश की चमक थी। इस मौके पर सरपंची चुनाव में हुई धक्केशाही के साथ साथ 2019 और 2022  के चुनावों की जीत का भी संकल्प दोहराया गया।  
इस अवसर पानी और चाय का पूरा प्रबंध था। सब कुछ बहुत ही अनुशासित ढंग से चल रहा था। कोई भी अकाली नेता अपने निश्चित समय से ज़्यादा नहीं बोला। सभी ने अपने अपने ढंग से इस मुद्दे पर चर्चा की। तकरीबन सभी वक्ताओं इ भाषण इन चेतावनी की सुर स्पष्ट थी। कांग्रेस पार्टी के साथ साथ उन उच्च अधिकारीयों को भी याद दिलाया जा रहा था की अगर उन्होंने नियमों से हट कर कुछ किया तो अकाली सर्कार आने पर उन्हें इसका ख़मयाज़ा भुगतना पड़ेगा। 
लोकसभा के पूर्व स्पीकर चरणजीत सिंह अटवाल के कहने पर सभी कार्यकर्ता श्रद्धा और शांति से मूलमंत्र का जाप करते रहे। श्री अटवाल ने कहा की हम इसी तरह एक सप्ताह तक शांतिपूर्ण संघर्ष करेंगे। अगर प्रशासन को समझ नहीं आई तो फिर बड़ा एक्शन भी किया जायेगा। वक्ताओं ने कहा की सरपंच गुरुशरण सिंह के साथ की गयी धक्केशाही कोई मामूली बात नहीं है। आज अगर इसे सहन कर लिया गया तो फिर कांग्रेस सरकार के हाथ और खुल जायेंगे। अन्य लोगों के साथ भी यही होगा। इस लिए हम इसे यहीं रोकेंगे। हम सरकार की इस धक्केशाही को बढ़ने नहीं देंगें। 
इस अवसर महिलाओं ने भी बढ़ चढ़  कर भाग लिया। इन महिलाओं में जहाँ अकाली कार्यकर्ताओं और सरपंचों के परिवारों की संभ्रांत महिलाएं थीं वहीँ गाँव की वृद्ध औरतें भी बढ़चढ़ कर शामिल हुईं। इन महिलाओं ने इस धक्केशाही के खिलाफ ज़ोरदार स्यापा भी किया। पुतलों को जूते मारे और आग लगाई। 
इस धरने में लोकसभा के पूर्व स्पीकर चरणजीत सिंह अटवाल, पूर्व विधायक मनप्रीत सिंह अयाली, वरिष्ठ अकाली नेता दर्शन सिंह शिवालिक, रंजीत सिंह तलवंडी और पीड़ित सरपंच गुरुशरण सिंह सहित बहुत से अकाली नेता शामिल थे।   फेसबुक पर तस्वीरें देखने के लिए यहाँ क्लिक करें

Thursday, June 07, 2018

Facebook: सरकार ने 20 जून तक मांगा स्पष्टीकरण

इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय: प्रविष्टि तिथि: 07 JUN 2018 6:27PM by PIB Delhi

मामला स्पष्ट सहमति के बिना डाटा साझा करने की रिपोर्टों का  
नई दिल्ली: 7 जून 2018: (पीआईबी)::  
हाल की मीडिया रिपोर्टों में यह दावा किया गया था कि फेसबुक ने ऐसे समझौते किए हैं जो फोन तथा अन्य उपकरण निर्माताओं को फेसबुक यूजरों की निजी सूचना तक पहुंच बनाने की अनुमति देते हैं। इन निजी सूचनाओं में स्पष्ट सहमति लिए बिना यूजर के मित्रों से जुड़ी सूचनाएं शामिल हैं। भारत सरकार ने गलतियों/ उल्लंघनों की रिपोर्ट पर गंभीर चिंता व्यक्त की है।


इससे पहले कैम्ब्रिज एनालिटिका प्रकरण से संबंधित निजी डाटा उल्लंघन के बारे में जारी नोटिस पर फेसबुक ने क्षमायाचना की थी और भारत सरकार को दृढ़ आश्वासन दिया था कि फेसबुक अपने प्लेटफार्म पर यूजर के डाटा की निजता की रक्षा के लिए गंभीरता से प्रयास करेगा। लेकिन ऐसी रिपोर्टें फेसबुक द्वारा दिए गए आश्वासनों के बारे में असहज सवाल उठाती हैं। इसलिए इलेक्ट्रानिक्स तथा सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इस विषय में विस्तृत वास्तविक रिपोर्ट मांगते हुए फेसबुक से स्पष्टीकरण मांगा है। फेसबुक से 20 जून तक जवाब देने के लिए कहा गया है।  
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वीके/एएम/एजी/सीएस- 8858

Wednesday, June 06, 2018

अगस्त में शहीदों की यादगार शुरू करेंगे : वरुण मेहता

Wed, Jun 6, 2018 at 4:29 PM
श्री हिन्दू तख्त व शिवराज सेना ने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की
लुधियाना: 6 जून 2018:(पंजाब स्क्रीन ब्यूरो)::

श्री हिन्दू तख्त व शिवराज सेना द्वारा सँयुक्त तौर पर आप्रेशन ब्लू स्टार के दौरान आंतकियो से मुकाबला करते हुए शहीद हुए आर्मी व पुलिस फोर्स के शहीदों को तख्त के प्रमुख प्रदेश प्रचारक वरुण मेहता व रमेश भगत के नेतृत्व में श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इसके साथ ही उन्होंने कहा की अगस्त महीने में शहीदों की याद शुरू करेंगे। 
भारी संख्या में उपस्थित युवाओं को संबोधित करते हुए वरुण मेहता ने कहा कि विदेशी ताकतों के इशारे पर आंतकी संगठनों ने जरनैल भिंडरावाला के नेतृत्व में पंजाब को अमृतसर की पावन नगरी सहित भारत से तोड़ने की साज़िश रची थी लेकिन भारतीय सेना व पंजाब पुलिस ने तत्कालीन सेना प्रमुख अमर शहीद जनरल अरुण श्रीधर वैद्य जी के नेतृत्व में मोर्चेबन्दी कर आंतकियो को मार गिराया व पावन धार्मिक स्थानों को उनके कब्जे से मुक्त करवाया व हज़ारो श्रदालुयो को भी उनकी गिरफ्त से बचाया व इस दौरान आंतकियो से मुठभेड़ के दौरान हमारे बहादुर जवानों की शहादत हुई आज हम इस आप्रेशन के दौरान शहीद होने वाले शहीदों को शत शत नमन कर रहे है ।
मेहता ने कहा कि अगर आर्मी इस आप्रेशन को न सफल करती तो जिस प्रकार हमे ननकाना साहिब व कटासराज जाने के लिए वीजा लेना पड़ता है उसी तरह अमृतसर जाने के लिए भी वीज़ा लेना पड़ता। उंन्होने कहा कि पंजाब सहित समस्त देशवासी तत्कालीन प्रधानमंत्री शहीद इंदिरा गांधी जी व जनरल वैद्य सहितं अन्य प्रमुख अधिकारियों को नमन करते है जिन्होंने देश हित मे अपनी जान की परवाह न करते हुए पंजाब को बचाने के लिए कठोर निर्णय लिया। इस आप्रेशन के परिणाम में अंतकियो ने इंदिरा गांधी व जनरल वैद्य को शहीद कर दिया। हम प्रण करते है कि उनकी शहादत को व्यर्थ नही जाने देंगे व युवा वर्ग को उनके इतिहास से अवगत करवायेगे । 
शिवराज सेना प्रमुख रमेश भगत ने कहा कि आंतकवाद के काले दौर में पंजाब के हज़ारों बेगुनाहों को शहादत देनी पड़ी व प्रदेश विकास की पटरी से भी पिछड़ गया था । इस अवसर पर तख्त के प्रमुख प्रचारको राजू डेनियल , जिला प्रचारक शिवम वर्मा , सेना नेता रवि भगत , पवन कंग , सौरव वर्मा , अश्वनी काका , राकेश , लोकेश सैनी , धरिन्दर शर्मा , संग्राम राणा , जगदीश तांगड़ी , कर्ण , किरण, राजू थापर, विक्रम, शिवम, मन्नू, कृष्णलाल भाटिया, अनील कुमार, नीरज, निन्दर, संतोक वर्मा, राकेश  कपूर, वरुण गांधी,   राजन शर्मा, मोहित, मणि व अन्य भी उपस्थित थे। 

Friday, June 01, 2018

तीनों सेनाओं के पास हथियारों की कोई कमी नहीं-रक्षामंत्री सीतारमण

रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने गिनवाईं भाजपा सरकार की उपलब्धियां 
लुधियाना: 1 जून 2018: (प्रदीप शर्मा//पंजाब स्क्रीन):: 
सरकार की तरफ से सेना की तरफ ध्यान न दिए जाने के विपक्षी आरोपों की आज यहाँ रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने धज्जियां उड़ा दीं।  पत्रकारवार्ता में उन्हने स्पष्ट कहा कि देश की तीनों सेनाओं के पास हथियारों की कोई कमी नहीं है। वह यहाँ के महाराजा रीजेंसी में हुए एक विशेष आयोजन में मीडिया से बात कर रहीं थीं। मोदी सरकार की चार साल की उपलब्धियों को तथ्यों सहित बताने के लिए पहली बार लुधियाना पहुंची सीतारमण ने कहा कि रक्षा मंत्रालय ने पहली बार तीनों सेनाओं के वाइस चीफ को हथियारों की खरीद के अधिकार दे दिए हैं। इससे सेना के हाथ मज़बूत हुए हैं। उन्होंने कहा कि तीनों सेनाओं को फंड मुहैया करवाया गया है और वह अपनी जरूरतों के अनुसार हथियारों की खरीद कर रहे हैं। हथियारों के मामले में भी मज़बूत बनने की यह प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
इसके साथ साथ अन्य मुद्दों पर भी चर्चा हुई। पेट्रोलियम पदार्थों की बढ़ती कीमतों से निपटने के लिए क्या उसे जीएसटी के दायरे में लाया जाएगा? इस सवाल के जवाब में सीतारमण ने कहा कि इस पर लगातार मंथन किया जा रहा है। पेट्रोल व डीजल को केंद्र सरकार ने जीएसटी में बाकायदा रखा है और फिलहाल लिस्ट में उस पर जीरो फीसद टैक्स है। राज्य सरकारों की सहमति के बाद ही इसे जीएसटी में शामिल कर रेट निर्धारित किए जाएंगे, ताकि जीएसटी के कानून में किसी तरह का फेरबदल करने के लिए इसे पुनः लोकसभा व राज्यसभा में लाने की जरूरत न पड़े। अब राज्य सरकारों की मर्ज़ी का मामला विपक्ष के पीला में फेंक कर बीजेपी सरकार ने चुनावी रणनीति में बाज़ी मार ली है।
इस अवसर पर रक्षा मंत्री ने बिना किसी राज्य का नाम लेते हुए कहा कि एक राज्य सरकार का पेट्रोल की कीमतें बढ़ने से रोजाना नौ हजार करोड़ रूपये का राजस्व बढ़ गया, जबकि एक अन्य राज्य का सात करोड़ रुपये रोजाना राजस्व बढ़ा है। यदि राज्य सरकारें इसे लेकर चिंतित हैं तो उन्हें अपने टैक्स में कुछ कमी लानी चाहिए, ताकि जनता को इस समय राहत दी जा सके। हालांकि उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार इस समस्या का जल्द हल निकालेगी।
धार्मिक यात्राओं की भी चर्चा रही। श्री अमरनाथ यात्रा पर रक्षा मंत्री ने कहा कि यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को हर तरह से सुरक्षा प्रदान की जाएगी। सीतारमण ने कहा कि इस संबंध में सेना को आवश्यक निर्देश दे दिए गए हैं और श्रद्धालु बेखौफ धार्मिक यात्रा में जा सकेंगे। इससे भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने धार्मिक क्षेत्र से जुड़े लोगों का दिल जीतने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी। 
नापाक हरकत करने वालों को नहीं बख्शेंगे। अंतरराष्ट्रीय सीमा और लाइन आफ कंट्रोल पर युद्धविराम की घोषणा के बाद लगातार आतंकी हमलों पर सीतारमण ने कहा कि सेना अपनी ओर से युद्धविराम जारी रख रही है, लेकिन हमारे गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी स्पष्ट कहा है कि यदि कोई युद्धविराम में नापाक हरकत करने की कोशिश करेगा तो उसे बख्शा नहीं जाएगा।

रक्षा मंत्रालय में स्कैम की खबरें केवल अफवाह। यूक्रेन से हथियारों की खरीद में रक्षा मंत्रालय के अफसरों के स्कैम की खबरों को अफवाह बताते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि जिस एजेंसी के साथ स्कैम होने की बात कही जा रही है, उससे भारत का कोई संबंध ही नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया की यह कोरी अफवाह है। हथियारों की खरीद को लेकर यूक्रेन की सरकार से हमारा समझौता हुआ है। हमारे बीच कोई तीसरी एजेंसी या कंपनी नहीं है। यूक्रेन सरकार ने डील के बाद कुछ सामान्य सवाल पूछे थे, जिसका जवाब दिया गया है। इसमें किसी अफसर के शामिल होने की बात ही नहीं है। रक्षा मंत्री का यह ब्यान सीमावर्तीय राज्य पंजाब में बहुत अर्थपूर्ण है। 
किसान आंदोलन की भी चर्चा। पंजाब के किसानों द्धारा एक जून से सब्जी मंडी में अपने उत्पाद न ले जाने की घोषणा किए जाने पर रक्षा मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों के लिए काफी कुछ किया है और यदि उन्हें किसी तरह की समस्या है तो उनसे फिर सीधे बात करने को तैयार है, ताकि उन्हें किसी तरह की समस्या न हो। अब देखना है की किसान संगठन इस मामले पर क्या जवाब देते हैं।